सियासत की मंडी में खड़े जिला पंचायत व बीडीसी

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सियासत की मंडी में बिकने को तैयार खड़े जिला पंचायत व बीडीसी सदस्य सबके भाव ऊंचे,प्रमुख प्रत्त्याशियो ने तिजोरी खोली तो जिला पंचायत सदस्यों की लग रही बोली।

राम जनम यादव

अयोध्या। जिला पंचायत अध्यक्ष सहित ब्लाक प्रमुखों के होने जा रहे चुनाव में सियासत की मंडी  सजकर तैयार हो गयी हैं। जहां बिकने के लिए जिला पंचायत व बीडीसी सदस्य वोट के बदले नोट लेने के लिए तैयार हो ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्त्याशियो
व उनके समर्थकों से मोल भाव को सौदे बाजी कर रहे हैं। जिले में अभी बीडीसी की कीमत सियासी मंडी में 50 हजार के पार पहुँच चुकी है तो जिला पंचायत में अध्यक्ष पद को लेकर यह आंकड़ा कई लाख में पहुँचने की उम्मीद जताई जा रही हैं।

शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव पहले कराने की रुप रेखा तैयार कर रक्खी है। वोट के लिए सियासी मण्डियों के भाव देख जिला पंचायत व बीडीसी सदस्य खुशी से झूम रहे हैं। चर्चा है कि पिछले जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में जिला पंचायत सदस्यों को 15 लाख से लेकर 20 लाख रुपये वोट देने के बदले मिले थे। पर इस बार यह आंकड़ा 25 से 50 लाख तक जाने की उम्मीद लगाये जिला पंचायत सदस्य बैठे हैं।

अयोध्या जिले में सपा और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मुख्य मुकाबला होना देखा जा रहा है। लेकिन सदस्यों के संख्या बल में सपा भारी दिख रही है।40 सीटों वाली जिला पंचायत में सपा के 17 भाजपा के 8 बसपा के 4 तथा निर्दलीयों में 11 सदस्य चुनकर गये है। सदन में भले ही भाजपा का संख्या बल कम है। लेकिन अध्यक्ष पद की चाभी बसपा व निर्दलीयों के पास है।इन्ही पर डोरे डालने को भाजपा अपनी निगाह गड़ाये हुये हैं। लेकिन उसका प्रत्त्याशी कौन होगा इस पर पार्टी ने अपना पत्ता नही खोला हैं।


सपा में सेन परिवार अध्यक्ष पद का प्रबल दाबेदार माना जा रहा है। लेकिन पार्टी में नेताओ के बीच चल रही आंतरिक कलह से सत्तारूढ़ भाजपा इसका फायदा लेने की जुगत भिड़ा रही है। चर्चा है भाजपा किसी क्षत्री को चुनाव मैदान में उतार उसके सिर जीत का सेहरा बांधना चाहती हैं। दोनो दलों से अभी किसी प्रत्त्याशी के नाम की अधिकृत घोषणा प्रदेश मुख्यालय से नही हुई है।दोनो दलो से अध्यक्ष पद प्रत्त्याशी होगा कौन इस पर बड़े नेता हैं मौन।