कोरोना का खुद से न करें इलाज, डॉक्टरों की माने सलाह

86


बहराइच : कोरोना के हल्के लक्षण का इलाज घर पर रहते हुए भी किया जा सकता है , लेकिन इसके लिए खुद से किसी दवा का प्रयोग करना उचित नही है। कोरोना के शुरुआती दौर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह से ली गयी दवाईयां काफी कारगर हैं। इसके सेवन से न सिर्फ अस्पताल जाने से बचा जा सकता है, बल्कि कुछ ही हफ्तों में बीमारी से छुटकारा भी मिल सकता है।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश मोहन श्रीवास्तव ने लोगों से अपील की है कि वह स्वयं से कोरोना का इलाज न करें , ऐसा करने पर संक्रमण और भी घातक हो सकता है, इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बताई गई दवाईयों का ही सेवन करें । कोरोना के हल्के लक्षण दिखाई देने पर घबराएं नहीं बल्कि खुद को परिवार से अलग कर लें जिससे संक्रमण दूसरे तक न फैल सके , दूसरा , जांच रिपोर्ट का इंतजार न करें , लक्षण मासूस होने पर कंट्रोल रूम नंबर पर फोन करके इसकी सूचना दें, जिससे आपको उचित सलाह और आवश्यक दवाईयां मुहैया कराई जा सकें। इसके अलावा जब तक कोई गंभीर मामला न हो अस्पताल जाने से बचें । उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को भ्रम है कि कंट्रोल रूम पर सूचना देने का मतलब अस्पताल जाना होगा , जबकि ऐसा नही हैं । कोरोना के हल्के लक्षणों का इलाज घर पर रहते हुए आसानी से किया जा सकता है। इस बीच यदि रोगी की स्थिति गंभीर हो जाती है तभी उसे अस्पताल जाने की सलाह दी जाएगी।


डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का ही करें सेवन-
कोरोना का खुद से ही इलाज न करें। लाहसुन, कपूर और अजवाइन जैसी घरेलू चीजों से ऑक्सीजन लेवल में कोई सुधार नहीं होता।
तापमान बढ़ने पर खाएं पैरासिटामोल –
सीएमओ ने बताया अगर शरीर का तापमान बहुत अधिक हो और दर्द हो तो हर चार से छह घंटे में पैरासिटामोल 500 मिलीग्राम खाएं। ध्यान रहे 24 घंटे में पैरासिटामोल की चार खुराक से ज्यादा न खाएं । साथ ही तापमान अधिक होने पर पानी से भीगी हुई तौलिया या रुमाल सिर पर रखें लेकिन इसके लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल न करें।
शरीर में पानी की कमी न होने दें-
पानी पीते रहें ,और अगर किसी चीज का स्वाद पता न भी चल रहा हो तब भी पौष्टिक भोजन करते रहें । हालांकि किसी भी तरह के खाने से कोरोना के इलाज होने की बात पता नहीं चली है, लेकिन पौष्टिक खाने से शरीर को जल्द स्वस्थ होने में मदद मिलती है।
कोरोना के पुराने व नवीन लक्षण-

  • बुखार
  • खांसी
  • शरीर दर्द अथवा सर दर्द
  • सांस लेने में कठिनाई / सांस फूलना
  • स्वाद अथवा खुसबू महसूस न होना
  • बुखार के साथ दस्त
  • बुखार के साथ त्वचा पर चकत्ते