भाजपा राज में किसानों पर दोहरी मार

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राजेन्द्र चौधरी

भाजपा राज में किसानों की मदद की जगह हर तरह से उन्हें अपमानित एवं प्रताड़ित किया जाता रहा है। लखीमपुर में किसान जब शांतिपूर्ण ढंग से अपना प्रदर्शन कर रहे थे उन पर भाजपाइयों ने गाड़ी चढ़ा दी जिसमें कई मौतें हुई। किसानों के खिलाफ साजिश में शरीक केन्द्र के गृहराज्यमंत्री को भाजपा नेतृत्व ने न पद से हटाया और नहीं उनके खिलाफ कोई कार्यवाही की गई उल्टे उक्त व्यक्ति को सत्ता का संरक्षण दिया जा रहा है।पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ महंगाई की मार, दूसरी ओर नुकसान का मुआवजा न मिलने से किसान बेहद परेशान। ललितपुर में ओलावृष्टि से फसल बर्बाद होने पर किसान की आत्महत्या विचलित करने वाली घटना है। ललितपुर जनपद के कोतवाली महरौनी क्षेत्र के ग्राम सैदपुर निवासी किसान फसल नष्ट होने से निराश था। 18 महीने पहले उसकी पत्नी ने भी फांसी लगाकर जान दे दी थी।


   दावे बड़े-बड़े पर जमीन पर कुछ भी नहीं। सिर्फ झूठ और फरेब से ही लोगों को भटकाने की कोशिशें जारी हैं। भाजपा के संकल्प पत्र में किसान की आय दुगनी करने का वादा था। भाजपा सरकार का कार्यकाल कुछ महीने ही बचा है पर अभी तक इस दिशा में कुछ नहीं किया गया है। डबल इंजन सरकार के बावजूद किसान के फसल की एमएसपी दरों पर बिक्री नहीं हुई। किसान दर-दर भटकते रहे किन्तु कई जगहों पर तो क्रय केन्द्र ही नहीं खुले। किसान को खाद भी नहीं मिली।समाजवादी पार्टी किसानों के हर संघर्ष में साथ रही है। भाजपा जहां जुमले उछालती रही है, समाजवादी ईमानदारी से किसानों की मांगों के प्रति संवेदनशील रहे है। समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार में भी किसानों को तमाम सुविधाएं दी गई थी और सिंचाई के हित में किए गए कई निर्णय रोक दिए गए। समाजवादी सरकार में मंडिया बन रही थी ताकि किसान अपनी फसल के लाभप्रद मूल्य पा सके।


    समाजवादी पार्टी अपने चुनाव घोषणा पत्र में इस बात का वादा किया गया है कि 300 यूनिट घरेलू बिजली मुफ्त होगी। किसान को मुफ्त सिंचाई का लाभ मिलेगा।समाजवादी पार्टी ने मतदाताओं की सहूलियत के लिए ‘300 यूनिट बिजली मुफ्त पांए, नाम लिखाएं, नाम न छूट जाए‘ अभियान शुरू किया है। किसानों और आम जनता के हित में यह एक बड़ा हितकारी कदम होगा।भाजपा सरकार बस झूठे विज्ञापनों में किसानों का कागजी कल्याण कर रही है। सरकार मस्त है और किसान त्रस्त है। समाजवादी सरकार आने पर किसानों का होगा कायाकल्प जबकि भाजपा का किसान विरोधी नीतियों के साथ 2022 के विधानसभा चुनाव में सफाया होगा।