अच्छी गुणवत्ता की डीपीआर तैयार कराई जाये-मुख्य सचिव

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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 15वां वित्त आयोग की उच्च स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित,अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष विकास योजनाएं तैयार करे पंचायतें,अच्छी गुणवत्ता की डीपीआर तैयार कराई जाये।

लखनऊ। 15वां वित्त आयोग की उच्च स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज, प्रबन्ध निदेशक जल निगम, निदेशक पंचायती राज, निदेशक स्थानीय निकाय सहित सम्बन्धित सभी अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने 15वें वित्त आयोग के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों के अतिरिक्त क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों को अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष क्षेत्र/जिला विकास योजना तैयार कराये जाने के निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि सर्वे के पश्चात् ही अच्छी गुणवत्ता की डीपीआर तैयार कराई जाये। उन्होंने पुराने इम्युनिटी टाॅयलेट्स को भी रेनोवेट कर उन्हें फंक्शनल बनाने तथा उनकी साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था कराने के निर्देश दिये।  अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 15वें वित्त में ग्राम पंचायतों के साथ जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत को भी धनराशि दिये जाने की व्यवस्था है।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में 50 प्रतिशत टाइड ग्रान्ट एवं 50 प्रतिशत अनराइड ग्रान्ट के क्रम मेें अवमुक्त एवं व्यय किये जाने का प्राविधान है। वित्तीय वर्ष 2021-26 हेतु 40 प्रतिशत बेसिक (अनटाइड) ग्रान्ट ग्रामीण निकायों की गयारहवीं सूची के सूचीबद्ध 29 विषयों की आवश्यकताओं पर व्यय करने के निर्देश दिये गये हैं।

60 प्रतिशत टाइड ग्रान्ट बुनियादी सेवाओं, पेयजल एवं सैनीटेशन के इम्प्रूवमेन्ट हेतु प्राविधानित किया गया है, जिसमें 30 प्रतिशत पेयजल, वर्षाजल संचयन एवं वाटर रिसाइक्लिंग तथा 30 प्रतिशत ओडीएफ स्टेटस के मेन्टीनेन्स एवं सैनीटेशन हेतु उपभोग किया जाना है।  उन्होंने बताया कि 15वां वित्त आयोग की धनराशि का विवरण जनपदवार विभाजन 90 प्रतिशत कुल जनसंख्या तथा 10 प्रतिशत क्षेत्रफल के आधार पर किये जाने का प्राविधान है। जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायतों के मध्य 15ः15ः70 के अनुपात में वितरित किये जाने की व्यवस्था है।

75 जिला पंचायतों को अनटाइड ग्रान्ट 731.40 करोड़ रु0 व टाइड ग्राण्ट 365.70 करोड़ रु0, कुल 1097.10 करोड़ रु0 आवंटित किये गये हैं। 826 क्षेत्र पंचायतों को अनटाइड ग्राण्ट 731.40 करोड़ रु0 व टाइड ग्राण्ट 365.70 करोड़ रु0 कुल 1097.10 करोड़ रु0 तथा 58194 ग्राम पंचायतों को अनटाइड ग्राण्ट 3413.20 करोड़ रु0, टाइड ग्राण्ट 1706.60 करोड़ रु0 कुल रु0 5119.80 करोड़ आवंटित किये गये हैं।

  15वें वित्त आयोग की गाइडलाइन्स के अनुसार सामुदायिक शौचालय एवं पंचायत भवन विहीन पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण प्राथमिकता पर किया जाना है। ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण के लक्ष्य 22529 के सापेक्ष 2792 कार्य पूरे हो गये हैं तथा 18737 निर्माणाधीन हैं। इसी प्रकार सामुदायिक शौचालय निर्माण के लक्ष्य 58756 के सापेक्ष 46788 का निर्माण किया जा चुका है, जिस पर रु0 1501.50 करोड़ की धनराशि व्यय की गयी है। उक्त के अतिरिक्त ग्राम पंचायतों द्वारा मार्ग निर्माण, पेयजल, सैनीटेशन, एसएलडब्ल्यू, एम. ड्रेनेज सिस्टम व अन्य सम्पत्तियों के अनुरक्षण में कुल 11,86,018 कार्य कराये जा रहे हैं।

ग्राम पंचायतों द्वारा परिसम्पत्तियों के निर्माण व अनुरक्षण में वर्ष 2020-21 में 47,17,200 मानव दिवस रोजगार सृजन किया गया है। इसके अतिरिक्त सड़क निर्माण व अनुरक्षण, जलापूर्ति, स्वच्छता एवं सेप्टेज मैनेजमेन्ट के कार्य, विद्युत एवं अन्य से सम्बन्धित जिला पंचायतों द्वारा 3949 कार्य एवं क्षेत्र पंचायतों द्वारा 16542 कार्य कराये जा रहे हैं।  गरीब कल्याण रोजगार योजना में उत्तर प्रदेश को राज्यों के बीच सामुदायिक स्वच्छता अभियान में प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य का पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

स्वच्छ सुन्दर सामुदायिक शौचालय में द्वितीय पुरस्कार, गरीब कल्याण योजनान्तर्गत चयनित प्रदेश के प्रयागराज, हरदोई एवं फतेहपुर जनपद को समयान्तर्गत सर्वाधिक शौचालय निर्माण हेतु राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी में पुरस्कृत किया गया। प्रदेश के 02 जनपदों बरेली व अलीगढ़ (गरीब कल्याण योजना से अतिरिक्त) को समयान्तर्गत सर्वाधिक शौचालय निर्माण हेतु राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है।