डॉ.संगीता यादव दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर बनी

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तारुन ब्लाक के पछियाना गांव पंचायत निवासी डॉ0 संगीता यादव ने दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गांव सहित जिले का मान बढ़ाया खुशी के जश्न में डूबा पैतृक गांव।

राम जनम यादव

अयोध्या। तारुन ब्लाक के पछियाना गांव पंचायत के नये पूरा निवासी डॉ0 संगीता यादव ने दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गांव व क्षेत्र सहित अयोध्या जिले का मान बढ़ाया है।असिस्टेंट प्रोफेसर का डॉ0 संगीता यादव के सिर ताज बंधने से क्षेत्र सहित पूरा गांव खुशी के जश्न में डूबा है। ब्लाक क्षेत्र की पछियाना गांव पंचायत के नये पूरा निवासी स्वर्गीय बृज मोहन यादव की बेटी ने पिता के मृत्योपरांत भी कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपनी मंजिल को पाने की दिशा में आगे बढ़ती गयी और यह मुकाम हासिल करने में कामयाबी हासिल कर गांव व क्षेत्र सहित जिले का मान बढ़ाया है। श्री यादव की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा आदर्श जूनियर हाई स्कूल पछियाना, हाई स्कूल व इंटरमीडिट श्री अनंत इंटर कॉलेज खपराडीह से करने के बाद उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक, परास्नातक की डिग्री वर्ष 2009 में हासिल कर इस मंजिल तक पहुँचने में कामयाब हो गयी। तैयारी के दौरान उनके पिता की मृत्यु भी हो गई । घर पर विवाहित भाई और मां ही मौजूद थे। जबकि अन्य बहनों की शादी हो चुकी थी। फिर भी अपने अदम्य साहस के बल पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से समाजशास्त्र विषय में एम फिल और 2021 में जे एन यू से ही पीएचडी की मानक उपाधि धारण की।

इसी बीच 2016 में इन्होंने नेट/जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) पास किया और जनवरी 2022 एक तदर्थ असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में और अक्टूबर 2022 में दिल्ली विश्वविद्यालय में स्थायी तौर पर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हो गई। डॉ संगीता यादव इसका श्रेय अपने स्वर्गीय पिता व माता, भाई शैलेंद्र प्रताप, बड़ी बहनो के साथ अपने सहयोगियों, शिक्षकों, विशेष तौर पर प्रो. (डॉ) वाई चिन्ना राव (जे एन यू) जो उनके पीएचडी के गाइड और मेंटर रहे है और प्रो (डॉ) वीरेन्द्र नारायण यादव, जे पी यू (एमएलसी, बिहार) को देती है, और उन सभी को, जिन्होंने विषम परिस्थितियों में उनका किसी भी रूप में सहयोग करके उनका मार्ग दर्शन किया है। एक ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली डॉ संगीता की सफलता की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभा को पदासीन होने पर क्षेत्र में खुशी की लहर व्याप्त है। परिजन अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।