प्रकृति का अनमोल खजाना है सहजन
प्रकृति का अनमोल खजाना है सहजन

प्रकृति का अनमोल खजाना है सहजन

भारत की रसोई में सहजन का प्रयोग सदियों से होता रहा है.सहजन के औषधीय गुण भारतीयों के लिए नया नहीं हैं. आयुर्वेद सहजन वृक्ष के प्रत्येक हिस्से के औषधीय गुण बताता है।सहजन स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने वाले गुणों का खजाना है. विदेशों में इसे ‘सुपर फुड’ कहा जा रहा है. ऐसी कोई अन्य कुदरती खाद्यपदार्थ नहीं है जिसमें इतने सारे विटामिन और मिनरल एक साथ पाए जाएं. इसमें कुछ मात्रा में कर्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन और फैट तो थोड़ी-थोड़ी मात्र में है ही लेकिन जो सबसे बड़ा खजाना इसके पास है वह विभिन्न प्रकार के विटामिन और मिनरल्स का.

आयुर्वेद में सहजन को अमृत समान माना गया है क्योंकि सहजन को 300 से ज्यादा बीमारियों की दवा माना गया है. इसल‍िए आयुर्वेद में इसे अमृत समान मानते हैं. इसकी नर्म पत्तियां और फल, दोनों ही सब्जी के रूप में प्रयोग किए जाते हैं. सहजन की फली, हरी पत्तियों व सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी कॉम्‍प्लेक्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

खाने में स्वादिष्ट और सेहत के लिए पोषक तत्वों से भरपूर ऐसा खाना मिले तो दिन अच्छा बन जाता है, क्योंकि हमें अपने खाने में सिर्फ हेल्थी फूड नहीं बल्कि टेस्ट भी पूरा चाहिए होता है और सच मानिए तो हमारे देश में ऐसी बहुत सी सब्जियां हैं, जो कई गुणों से भरपूर होती हैं. आसानी से बाजार में उपलब्ध होती है. हम ऐसी ही एक सब्जी के बारे में बता रहे हैं जिसके फूल, पत्तियां और फल गजब का फायदेमंद माना जाता है. इसके लगातार सेवन से व्यक्ति हमेशा चुस्त-दुरुस्त और जवां रह सकता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने फ‍िट इंड‍िया डायलॉग में सहजन का या फ‍िर कहें ड्रमस्‍ट‍िक के बारे में बताया था. आप भी अक्सर अपने घर में इस सब्जी को बनाते होंगे. ये कई औषधीय गुणों से युक्त होती हैं, जिसका इस्तेमाल सदियों से रोगों के इलाज में किया जाता है. एक्सपर्ट्स की माने तो सहजन के तने, पत्ते, छाल, फूल, फल और कई अन्य भागों का अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि सहजन का पेड़ जड़ से लेकर फल तक बहुत ही गुणकारी होता है. सहजन में एंटीफंगल, एंटीवायरल, एंटी डिप्रेसेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं. सहजन कई तरह से खनिजों से भरपूर होता है. यह कैल्शियम का नॉन-डेयरी स्रोत है. इसमें पोटैशियम, जस्ता, मैग्नीशियम, आयरन, तांबा, फास्फोरस और जस्ता जैसे कई पोषक तत्व भी शामिल होते हैं, जो हमारे शरीर को फिट ही नहीं रखता बल्कि सही विकास में भी सहायक होता है.

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प्रकृति का अनमोल खजाना है सहजन

सहजन में भारी मात्रा में विटामिन A, विटामिन B1, विटामिन B2, विटामिन B3, विटामिन B5, विटामिन B6, विटामिन B9, विटामिन C, विटामिन E के अलावा भरपूर कैल्सियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक पाए जाते हैं। इन सभी पोषक तत्वों की मात्रा सहजन की फली की तुलना में इसकी पत्तियों में अधिक पाई जाती है। सहजन की पत्तियों में पालक की तुलना में 40 गुना अधिक आयरन और 100 गुना अधिक कैल्सियम पाया जाता है।

सहजन को आहार में कैसे शामिल करें…?


सहजन के फल और पत्तियों का इस्तेमाल तीन अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है. पत्तियों को कच्चा, पाउडर या जूस के रूप में सेवन किया जा सकता है. सहजन के पत्तियों को पानी में उबालकर इसमें शहद और नींबू मिलाकर भी पिया जा सकता है. सहजन का इस्तेमाल सूप और करी में भी हो सकता है. नियमित एक चम्मच या लगभग 2 ग्राम सहजन की खुराक लेनी चाहिए. रोगियों को सही खुराक जानने के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. औषधीय गुणों से भरपूर सहजन ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है. डायबिटीज रोगियों को नियमित इसका सेवन करना चाहिए. यह अलग-अलग प्रदेशों में अलग नाम से जाना जाता है. कहीं इसे सहजन, कहीं मोरिंगा, कहीं सूरजन की फली तो मुनगा भी बोला जाता है.

सहजन के प्रयोग से रोग प्रत‍िरोधक क्षमता मजबूत होती है. कैल्‍श‍ियम से भरपूर होने की वजह से साइटिका,गठिया में सहजन का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है. सुपाच्‍य होने की वजह से सहजन लि‍वर को स्वस्थ रखने में भी ये बहुत कारगर होता है. पेट दर्द या पेट से जुड़ी गैस,अपच और कब्ज़ जैसी समस्‍याओं में सहजन के फूलों का रस पीएं या इसकी सब्जी खाएं.

यह आपके हीमोग्लोबिन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।
लीवर और किडनी को डिटॉक्सीफाई करता है।
रक्त शुद्ध करता है, चर्म रोगों को दूर करता है।
वजन घटाने में मदद करता है।
आपके शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है।
तनाव, चिंता और मिजाज को कम करता है।
थायराइड फंक्शन में सुधार करता है।
माताओं में स्तन के दूध के उत्पादन को बढ़ाता है।

प्रकृति का अनमोल खजाना है सहजन

जानें क्या है सहजन फूलों के फायदे …?


सहजन के फूलों में प्रोटीन और कई तरह के विटामिन्स के साथ कई और पोषक तत्व भी होते हैं. महिलाओं में यूरीन इंफेक्शन की समस्या बेहद आम है. इसको दूर करने के लिए सहजन के फूलों की चाय बनाकर इसका सेवन करना चाहिए. जिन प्रसूताओं को दूध कम बन पाने की दिक्कत होती है, वो सहजन के फूल सुखाकर या इसका काढ़ा बनाकर पीना शुरू कर दें. असर सकारात्मक दिखेगा. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सहजन के फूलों को सब्ज़ी, चाय या किसी भी तरह से डेली डाइट में शामिल कर सकते हैं. इनमें मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट नुकसान पहुंचाने वाले फ्री-रेडिकल्‍स के प्रभाव को रोकने में मदद करते हैं. पाचन क्रिया को ठीक रखने के लिए भी, सहजन के फूलों का सेवन करना बेहतर रहता है. इन फूलों में फाइबर की मात्रा काफी होती है, जो आपके पाचन तंत्र को स्‍वस्‍थ रखने में सहायता करती है. वजन कम करने में भी सहजन के फूल सहायता करते हैं. इन फूलों में क्‍लोरोजेनिक एसिड नाम का एंटीऑक्‍सीडेंट होता है, जो शरीर में मौजूद अतिरिक्‍त वसा को बर्न करने में मदद करता है. सहजन के फूलों के सेवन से बालों का झड़ना रुकता है. बालों का विकास होता है और रूखापन समाप्त होकर इनकी चमक बढ़ती है.पुरुषों में शक्ति को बढ़ाने के लिए भी सहजन के फूलों का सेवन किया जा सकता है. फूलों के सेवन से थकान और कमज़ोरी दूर होगी और शक्ति का विकास होगा.

सहजन खाने के फायदे

सहजन आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मदद करता है.रोग प्रत‍िरोधक क्षमता मजबूत होती है.कैल्‍श‍ियम में भरपूर होने की वजह से साइटिका, गठिया में सहजन का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है.सुपाच्‍य होने की वजह से सहजन लि‍वर को स्वस्थ रखने में भी ये बहुत कारगर होता है.पेट दर्द या पेट से जुड़ी गैस, अपच और कब्ज़ जैसी समस्‍याओं में सहजन के फूलों का रस पीएं या इसकी सब्जी खाएं. या इसका सूप पीएं. ज्यादा फायदा चाहिए तो दाल में डालकर पकाएं.आंखों के ल‍िए भी सहजन अच्‍छा है. जिनकी रोशनी कम हो रही है हो तो सहजन की फली, इसकी पत्तियां और फूल का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए.कान के दर्द को दूर करने में भी सहजन बहुत काम आता है. इसके लिए इसकी ताजी पत्तियों को तोड़ कर उसका रस की कुछ बूंदें कान डालने से आराम मिलता है.जिन्हें पथरी की समस्या हो उन्हें सहजन की सब्जी और सहजन का सूप जरूर पीना चाहिए. इससे पथरी बाहर निकल जाती है.छोटे बच्चों के पेट में यदि कीड़े हों तो उन्हें सहजन के पत्तों का रस देना चाहिए.दांतों में कीड़े हों तो इसकी छाल का काढ़ा पीना चाहिए. सहजन ब्लडप्रेशर को सामान्य करता है.दिल की बीमारी में भी यह बहुत फायदेमंद होता है. कोलेस्ट्रॉल भी कम करता है. इस तरह सहजन आपकी सेहत के ल‍िए फायदेमंद साब‍ित हो सकता है. हालांक‍ि आपको डॉक्‍टर से भी सलाह जरूर लेनी चाह‍िए.

आयरन की कमी पूरी करता है- हार्ट और डायबिटीज के मरीजों के लिए भी सहजन बहुत फायदेमंद है. इसमें आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जिसकी वजह से एनीमिया दूर करने के लिए इसके इस्तेमाल की सलाह दी जाती है.

सहजन से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल होता है- डॉक्टर अबरार मुल्तानी कहते हैं अगर आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है तो इससे रक्त वाहिकाओं को क्लॉटिंग हो सकती है और दिल का दौरा पड़ने का खतरा रहता है. इसलिए मोरिंग खाना फायदेमंद हो सकता है.

आंखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद सहजन- सहजन आंखों की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. जिन लोगों की रोशनी कम हो रही है, वे सहजन की फली और उसकी पत्तियों के अलावा फूल का सेवन करें.

हड्डियों को मजबूत बनाता है सहजन- सहजन का सेवन हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है. सहजन के सेवन से हड्डियां मजबूत और हेल्दी बनती हैं. मोरिंगा के पत्तों में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी होता है, जो आपको गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस से लड़ने में भी मदद करता है.

महिलाओं के लिए भी फायदेमंद सहजन- हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि महिलाओं में यूरीन इंफेक्शन की समस्या बेहद आम है. इसको दूर करने के लिए सहजन के फूलों की चाय बनाकर इसका सेवन करना चाहिए. आराम मिलेगा.

पुरुषों के लिए फायदेमंद है सहजन- सहजन पुरुषों की सेहत के लिए बहुत गुणकारी है. इसका नियमित सेवन पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और वीर्य को गाढ़ा करने में मददगार होता है. सहजन यौन क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत कारगर होता है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है.पुरुषों में शक्ति को बढ़ाने के लिए भी सहजन के फूलों का सेवन किया जा सकता है. फूलों के सेवन से थकान और कमज़ोरी दूर होगी और शक्ति का विकास होगा. प्रकृति का अनमोल खजाना है सहजन