बारिश से किसानों के अरमानों पर फिरा पानी

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बारिश से किसानों की नगदी फसल मेंथा नष्ट होने के कगार पर,लगातार हो रही बारिश से किसानों के अरमानों पर फिरा पानी।

अब्दुल जब्बार एडवोकेट व डॉ0 मो0 शब्बीर

अयोध्या/भेलसर। रूदौली तहसील क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश से किसानो की पीडा थमने का नाम नही ले रही है जिससे क्षेत्र का किसान काफ़ी परेशान है।कम समय अधिक आय के लिए मेंथा की खेती चुनने वाले किसानों को इस बार मानसून ने तगड़ा झटका दे दिया है।खेत में पानी भर जाने से तैयार खड़ी किसानों की मेंथा की फसल बर्बाद होने के नजदीक पहुंच चुकी है।क्षेत्र के किसानों की सैकड़ों बीघा मेंथा(पिपरमेंट)की फसल बारिश के कारण जलमग्न हो गई है और वहीं किसानों के लिए डीजल और खाद की महगाई का भी रोना है।

जहां एक तरफ खतरनाक कोरोना वायरस से सतर्कता के मद्देनजर शासन की ओर से बचाव के लिये जारी हुये दिशा निर्देशो से खेती किसानी से संबंधित कार्य को भी पूरी तरह से प्रभावित कर रहे है वहीं लगातर हो रही बारिश की मार से मेथा की फसल नष्ट हो जाने का पूरा खतरा किसानो के सिर चढकर बोल रहा है जिससे क्षेत्र के किसान रमेश कुमार,राम सजीवन,ज़ाकिर अली,बुधराम,रामबरन,विजयराज,राम धीरज,दुन्ने,मास्टर अबुजर आदि किसान काफ़ी चिंतित नज़र आने लगे हैं।जिन किसानों की मेंथा की फसल लगी हुई है पानी की मार से मेंथा की फसल नष्ट होने का खतरा काफ़ी बढ़ गया है।

किसानों की मेथा फसल पर शुरुआती दौर में ही मानसून की पहली दस्तक में ही लगातार हो रही बरसात से करारा आघात लग गया है जिस कारण किसानों की मेथा की फसल पूरी तरह से नष्ट होने के कगार पर पहुंच चुकी है।खतरनाक कोरोना वायरस की महामारी के दौर मे किसानो की समस्याएं लगातार बढती ही रही है किसानों को कोई विशेष राहत मिलती नहीं दिखाई पड़ रही है अभी तक किसान असहाय होते हुए लागत और उसमे भी घाटे का सौदा कर रहा है।

सरकार द्दारा किसानो को जो केसीसी के रुप में जो ऋण दिया जाता है जिस पर बैंक फसलो के बीमा के नाम पर बार बार धन ऋण में जोड़कर जमा कराती है।वहीं क्षेत्रीय किसानों को मौसम की बेरुखी अब बेहाल कर रही है।कुछ भी हो अन्नदाताओ की घोर पीडा थमने का नाम नही ले रही है लेकिन विषम परिस्थियों में रहकर भी देश के हित में सरकार द्दारा देश व जनता के हित में लगाए गए लाकडाउन के निर्देशो का पालन करने में भी किसान सबसे आगे खडा हुआ है।