हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अडानी ग्रुप में भूचाल 

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हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अडानी ग्रुप में भूचाल 

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद पिछले कुछ दिनों में अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी के साथ गिरावट देखने को मिली है. स्टॉक एक्सचेंज ने इसके बाद यह फैसला लिया है. मालूम हो कि, अडानी समूह को इस कारण 100 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ा है.अडानी ग्रुप को हुआ था नुकसान.

निवेशकों को नुकसान से बचाने के लिए अडानी समूह के 3 स्टॉक्स को लेकर NSE का बड़ा फैसला,अडानी समूह से जुड़ी एक और बड़ी खबर सामने आ रही है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने गुरुवार को अडानी ग्रुप की 3 कंपनियों को एडिशनल सर्विलांस मार्जिन फ्रेमवर्क (ASM) यानि एएसएम में डालने का फैसला किया है. अडानी समूह की इन 3 कंपनियों में अडानी एंटरप्राइजेज,अडानी पोर्ट और अंबुजा सीमेंट को शामिल किया गया हैं. जानिए इसके पीछे की वजह क्या है.

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एएसएम में डालने का मतलब यह है कि इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए भी 100 फीसदी अपफ्रंट मार्जिन की जरूरत होगी, इससे शॉर्ट सेलिंग पर कुछ अंकुश लगेगा. इस कदम के पीछे सबसे बड़ा कारण है कि अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी उतार चढ़ाव को कम किया जा सके. अब इन शेयरों पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज अपनी निगरानी भी बढ़ा देगा. यह नया नियम शुक्रवार, 3 फरवरी, 2023 से लागू होगा.

अमेरिकी रिसर्च कंपनी फर्म हिंडनबर्ग रिपोर्ट की रिपोर्ट से खलबली मचा दी है। अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट जारी है। गौतम अडानी का नेटवर्थ 22 बिलियन डॉलर तक गिर गया है। उनकी संपत्ति 100 अरब डॉलर से नीचे गिर गई है।अडानी समूह कि कंपनियों में अदानी एंटरप्राइज़ेज़, अदानी पोर्ट और अंबुजा सीमेंट का नाम शामिल किया गया है.एएसएम लिस्ट एक ऐसी सूची होती है जिसमें उन कंपनियों को स्क्रूटनी के लिए रखा जाता है जिसके शेयर काफ़ी अस्थिर होते हैं.कंपनियों को एएसएम फ़्रेमवर्क की लिस्ट में डालना निवेशकों के लिए एक चेतावनी की तरह होता है, ये उन कंपनियों के शेयर की क़ीमतों में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव को लेकर एक तरह से निवेशकों को आगाह करता है.

ममता बनर्जी ने ने सरकार को घेरते हुए कहा कि, ‘जिनके शेयर गिर रहे हैं, उनसे पैसे देने को कहा गया। हम उन लोगों के नाम जानते हैं जिन्हें बुलाया गया था। लेकिन मैं किसी का नाम लेकर कुछ भी कहना नहीं चाहती। एक अमेरिकी निवेश अनुसंधान फर्म, हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट ने हाल ही में अडानी समूह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। कर चोरी से लेकर कई फर्जी कंपनियों के जरिए कारोबार करने तक, भारी मात्रा में कर्ज छुपाने के आरोप सामने आए। भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूहों में से एक के बारे में कहा जाता है कि वह नियमित रूप से शेयर की कीमतों में धांधली करता है। तब से अडानी को शेयर बाजार में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।

ASM फ्रेमवर्क को लेकर एनएसई ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी दी है कि, प्राइस, वॉल्यूम वेरिएशन, शेयर के उतार-चढ़ाव पर निगरानी बनाए रखने के लिए एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) में डाला गया है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने यह भी कहा कि ASM के तहत सिक्योरिटीज की शॉर्टलिस्टिंग निगरानी के लिए है, और इसे संबंधित कंपनी, एंटिटी के खिलाफ कार्रवाई के रूप में नहीं माना जाना चाहिए.

हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अडानी ग्रुप में भूचाल