मतदान कर्मियों को वैक्सीन की दोनों डोज लेना अनिवार्य-चुनाव आयोग

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अजय सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य में विधानसभा का कार्यकाल 14 मई, 2022 को समाप्त हो रहा है। राज्य में 403 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों (317 General, 84 SC तथा 02 ST ACs) के लिए चुनाव होने हैं। भारत निर्वाचन आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष, प्रलोभन मुक्त और Covid safe तरीके से विधानसभा का आगामी सामान्य निर्वाचन कराने के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग का यह प्रयास है कि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों, महिलाओं, नये मतदाताओं सहित सभी मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो।Covid situation को ध्यान में रखते हुये आयोग ने निर्णय लिया है कि polling hours को एक घण्टे के लिये बढ़ाया जायेगा।
 
सभी मतदान केंद्रों और मतदान कर्मियों के लिये कोविड सुरक्षित प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। मतदान स्थलों पर भीड़ प्रबंधन हेतु प्रवेश/निकास के उचित संकेतांक सुनिश्चित किये जायेंगे। 

कोविड सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने विशेष रूप से कुछ मौजूदा मानदंडों पर फिर से विचार किया है। एक मतदान केंद्र पर निर्वाचकों की अधिकतम संख्या 1500 से घटाकर 1250 कर दी गई है। राज्य में 1,74,351 मतदान स्थल स्थपित किए जाएंगे जो पिछले चुनावों से 11,020 अधिक है।

Covid के बढ़ते संक्रमण और concerns को देखते हुए, आयोग ने भारत सरकार के Health Secretary और प्रदेश के health officials के साथ भी विचार विमर्श किया| नयी guidelines को local covid situation देखते हुये, गृह मंत्रालय के दिशा- निर्देशों, स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों और राजनीतिक दलों से मशवरा करने के बाद बनाया जायेगा। जल्दी ही इस पर निर्णय ले लिया जाएगा| 
 
राज्य के सभी मतदान कार्मिकों को वैक्सीन की दोनों डोज़ लेना अनिवार्य है and आयोग के सुझाव के बाद health ministry ने सभी चुनाव कर्मियों को front line workers का दर्जा देने के निर्देश जारी कर दिए है ताकि उनका vaccination on priority होगा।  सभी eligible को Booster Dose भी दिया जायेगा|

विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2022 के अन्तर्गत, दिनांक 05 जनवरी, 2022 को निर्वाचक नामावली प्रकाशित की जायेगी। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2022 के दौरान, अब तक 52.8 लाख नए मतदाताओं को electoral roll में सम्मिलित किया गया है। राज्य में अभी तक मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 15.02 करोड़ है। अन्तिम प्रकाशन पर मतदाताओं के वास्तविक आंकड़े स्पष्ट होंगे। इसके बाद भी नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक भी मतदाता claims & objections submit कर सकते हैं।Elector Gender ratio 2017 की अपेक्षा 29 अंक बढ़कर 839 से 868 तक पहुँच गया है। 18 से 19 साल की आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या तीन गुणा बढ़ गयी है। यह अब 0.51% of  total electors से बढ़कर 1.32% हो गयी है।

महिला मतदाताओं को ध्यान में रखते हुये at least 800 All Women managed booth बनाये जायेंगे। 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अवगत कराया है कि प्रदेश में अब तक लगभग 10.64 लाख दिव्यांग मतदाताओं तथा 80 वर्ष से अधिक आयु के 24.03  लाख मतदाताओं को identify किया है।

सभी मतदान केंद्र पूरी तरह से accessible होंगे, जहाँ हर तरह की सुविधा दी जायेगी जिससे कि वे सहजता से मतदान कर सकें। दिव्यांग मतदाताओं के लिए wheelchair की व्यवस्था और pick & drop facility भी दी जायेगी |

आपको यह जानकर खुशी होगी कि प्रदेश में इस बार के चुनावों में 80 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग मतदाताओं और covid effected मतदाताओं को आयोग द्वारा घर बैठे ही पोस्टल बैलेट की optional सुविधा प्रदान की जायेगी। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जायेगी जहाँ अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि उपस्थित भी रहेंगे और सम्पूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जायेगी। इसमें मतदान की गोपनीयता का भी पूरा ध्यान रखा जायेगा। पारदर्शिता के लिए, नेट कनेक्टिविटी की चुनौतियों के बावजूद, राज्य में स्थापित at least 1 lakh  मतदान स्थलों पर वेबकास्टिंग  की जायेगी| 

राज्य सरकार से कहा गया है कि वो 31 दिसंबर 2021 तक आयोग को transfer policy के संबंध में compliance Certificate भेजे। All enforcement agencies shall work in a focussed coordinated manner. Enforcement Agencies को कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर शराब, ड्रग्स, मुफ्त और नकदी की आवाजाही पर प्रभावी रूप से रोक लगाई जाए और चुनावी प्रक्रिया को गैरकानूनी गतिविधियों से दूषित न किया जाए। 

चुनाव लोकतंत्र का पर्व है। हम आशा करते हैं कि सभी मतदाता पूरी भागीदारी करेंगे। मैं राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों और नागरिकों से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में अपना सहयोग देने का पुनः आग्रह करता हूॅं। सभी राजनीतिक दल भी प्रचार- प्रसार के दौरान Covid appropriate behaviour का पालन करें।

आयोग ने हमेशा मीडिया को चुनावी प्रक्रिया में अपना सहयोगी और महत्वपूर्ण हितधारक माना है। हम आगामी चुनावों में भी आपसे सहयोग की कामना करते हैं। मैं यह दोहराना चाहूंगा कि मीडिया संगठनों को भी हितधारकों के बीच चुनावी प्रक्रिया के बारे में जानकारी और जागरूकता फैलाने में मदद करनी चाहिए और एक सूचित और नैतिक तरीके से अपने वोट डालने में कर्तव्य और जिम्मेदारी की भावना पैदा करनी चाहिए।