उभरता भारत कर रहा वीरों का सम्मान-प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जनपद बहराइच में महाराजासुहेलदेव स्मारक तथा चित्तौरा झील की विकास योजना का शिलान्यास किया।प्रधानमंत्री ने महाराजा सुहेलदेव स्वशासीराज्य चिकित्सा महाविद्यालय का लोकार्पण किया,राज्यपाल वर्चुअल माध्यम से तथा मुख्यमंत्री जनपद बहराइचस्थित कार्यक्रम स्थल से इस आयोजन में सम्मिलित हुए।यह बसंत, महामारी की पीड़ा को पीछे छोड़कर आगेबढ़ते भारत के लिए नई उम्मीद, नई उमंग लेकर आया।इस उल्लास में भारतीयता, हमारी संस्कृति, हमारे संस्कार के लिए ढाल बनकर खड़े होने वाले महानायक महाराजा सुहेलदेव का जन्मोत्सव हमारी खुशियों को और बढ़ा रहा।


भारत का इतिहास सिर्फ वह नहीं है, जो देश को गुलाम बनाने वालों या गुलामीकी मानसिकता के साथ इतिहास लिखने वालों ने लिखा है, भारत का इतिहासवह भी है, जो भारत की धरा पर जन्मे लोगों व लोक गाथाओं में रचा बसा है। उ0प्र0 के मुख्यमंत्री राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए लगातार कार्य कर रहे, बीते कुछ वर्षाें में जो प्रयास हुए हैं, उनका प्रभाव भी नजर आने लगा है।पूरे उ0प्र0 में बनायी जा रहीं पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे जैसी आधुनिक और चौड़ी सड़कें आधुनिक उ0प्र0 के आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की शुरुआत।
कोरोना काल में जिस प्रकार उ0प्र0 में काम हुआ, वह अत्यन्त सराहनीय।


उ0प्र0 में जिस प्रकार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम चल रहा है,उससे देश-विदेश के निवेशक आकर्षित हो रहे।उ0प्र0 में स्वामित्व योजना के अन्तर्गत उल्लेखनीय कार्यहुए हैं, 02 लाख से अधिक परिवारों को घरौनी दी जा चुकी।विदेशी आक्रांता से अपनी धरती को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए शौर्य औरपराक्रम का प्रदर्शन करने वाले धर्मरक्षक, राष्ट्रनायक महाराजा सुहेलदेवकी पावन जयन्ती पर सभी को बधाई।आज ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती का पावन दिवस, आज हीप्रधानमंत्री के कर कमलों से महाराजा सुहेलदेव के भव्य स्मारक का शिलान्यास।


लखनऊ –
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वर्चुअल माध्यम से जनपद बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक तथा चित्तौरा झील की विकास योजना का शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री जी ने महाराजा सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का लोकार्पण भी किया। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल जी वर्चुअल माध्यम से तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी जनपद बहराइच स्थित कार्यक्रम स्थल से इस आयोजन में सम्मिलित हुए।


मोदी ने कहा कि अपने पराक्रम से मातृभूमि का मान बढ़ाने वाले राष्ट्रनायक महाराजा सुहेलदेव की जन्मभूमि और ऋषि मुनियों ने जहां तप किया, बहराइच की ऐसी पावन धरा को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि आज बसंत पंचमी का शुभ दिन है। ऐसे में मेरी प्रार्थना है कि हर देशवासी को माँ सरस्वती का आशीर्वाद मिले। यह बसंत, महामारी की पीड़ा को पीछे छोड़कर आगे बढ़ते भारत के लिए नई उम्मीद, नई उमंग लेकर आया है। इस उल्लास में भारतीयता, हमारी संस्कृति, हमारे संस्कार के लिए ढाल बनकर खड़े होने वाले महानायक महाराजा सुहेलदेव जी का जन्मोत्सव हमारी खुशियों को और बढ़ा रहा है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से करीब 02 वर्ष पूर्व गाजीपुर में महाराजा सुहेलदेव जी की स्मृति में डाक टिकट जारी करने का अवसर मिला। आज बहराइच में उनके भव्य स्मारक के शिलान्यास का सौभाग्य मिला। यह भव्य स्मारक तथा ऐतिहासिक चित्तौरा झील का विकास बहराइच पर महाराजा सुहेल देव जी का आशीर्वाद बढ़ायेगा। आगे आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि महाराजा सुहेलदेव जी के नाम पर बनाये गये मेडिकल कॉलेज को एक नया और भव्य भवन मिल गया।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बहराइच जैसे आकांक्षात्मक जनपद में मेडिकल कॉलेज की स्थापना से जिले के लोगों का जीवन आसान होगा। महाराजा सुहेलदेव के नाम पर जो मेडिकल कॉलेज बना है, उससे बहराइच के साथ-साथ श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर के साथ ही, नेपाल से आने वाले मरीजों को भी लाभ मिलेगा।


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का इतिहास सिर्फ वह नहीं है, जो देश को गुलाम बनाने वालों या गुलामी की मानसिकता के साथ इतिहास लिखने वालों ने लिखा है। भारत का इतिहास वह भी है, जो भारत की धरा पर जन्मे लोगों व लोक गाथाओं में रचा बसा है। आज जब भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, तो ऐसे महापुरुषों का त्याग, उनकी तपस्या, उनकी वीरता, शहादत का स्मरण करना व उससे प्रेरणा प्राप्त करने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिन्होंने भारत और भारतीयता की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।


यह दुर्भाग्य है कि ऐसे अनेक नायक नायिकाओं को वह स्थान नहीं दिया गया, जिसके वे हकदार थे। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आजाद हिन्द सरकार के पहले प्रधानमंत्री थे। क्या उनकी इस पहचान व योगदान को महत्व दिया गया, जो उन्हें मिलना चाहिए था। वर्तमान सरकार ने लाल किले से लेकर अण्डमान-निकोबार तक उनकी इस पहचान को देश-दुनिया के सामने सशक्त किया है।


देश की 500 से अधिक रियासतों को जोड़ने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल को वर्तमान सरकार ने महत्व दिया। आज सरदार पटेल की दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ देश में स्थापित है, जो हम सबको प्रेरणा दे रही है। देश को संविधान देने में अहम भूमिका निभाने वाले बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर जी जो वंचित, शोषित व पीड़ित की आवाज थे। आज भारत से लेकर इंग्लैण्ड तक डॉ0 आंबेडकर से जुड़े प्रमुख स्थानों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चौरी-चौरा के वीरों के साथ जो हुआ वह भूलने योग्य नहीं है।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव और भारतीयता की रक्षा के लिए उनके प्रयासों के साथ भी यही व्यवहार किया गया। इतिहास की किताबों में भले ही महाराजा सुहेलदेव के शौर्य, पराक्रम, उनकी वीरता को वह स्थान नहीं मिला, लेकिन अवध और तराई से लेकर पूर्वांचल तक की लोक कथाओं में लोगों के हृदय में वह हमेशा-हमेशा बने रहेंगे। सिर्फ वीरता ही नहीं, एक संवेदनशील और विकासवादी शासक के रूप में उनकी छाप अमिट है। अपने शासन काल में जिस प्रकार उन्होंने बेहतर रास्तों के लिए, पोखर और तालाबों के लिए, बाग-बगीचों और शिक्षा के क्षेत्र में जो कार्य किया, वह अभूतपूर्व है। उनकी यही सोच इस स्मारक स्थल में दिखेगी।


प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटक महाराजा सुहेलदेव के जीवन से प्रेरित हो सकें, इसके लिए उनकी 40 फीट ऊँची कांस्य की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। साथ ही, यहां उनके नाम से संग्रहालय बनाया जाएगा, जिसमें उनसे जुड़ी ऐतिहासिक जानकारियां उपलब्ध होंगी। इसी तरह चित्तौरा झील पर घाट और सीढ़ियों के निर्माण तथा सौन्दर्यीकरण से इस ऐतिहासिक झील का महत्व और बढ़ जाएगा।


आसपास की सड़कों का चौड़ीकरण किया जायेगा। बच्चों के लिए पार्क, सभागार, पर्यटकों के लिए आवास, पार्किंग, कैफेटेरिया जैसी अनेक सुविधाओं का विकास किया जायेगा। इसके अलावा स्थानीय शिल्पकार और कलाकार अपना सामान बेच सकें इसके लिए दुकानों का निर्माण किया जायेगा। इसी तरह चित्तौरा झील के सौन्द्रर्यीकरण एवं सुदृढ़ीकरण से इस ऐतिहासिक स्थल का महत्व और बढ़ जायेगा। इससे बहराइच की सुन्दरता भी बढ़ेगी और पर्यटकों की संख्या में भी इज़ाफा होगा।


प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा देश भर में इतिहास, आस्था, अध्यात्म और संस्कृति से जुड़े स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है। इनका एक बड़ा लक्ष्य पर्यटकों को बढ़ावा देना है। उत्तर प्रदेश पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से काफी समृद्ध है। यहां अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि, भगवान श्रीकृष्ण का वृन्दावन, भगवान बुद्ध का सारनाथ और काशी विश्वानाथ, सन्त कबीर का मगहर धाम या वाराणसी में सन्त रविदास की जन्मस्थली जैसे प्रमुख ऐतिहासिक स्थल हैं। रामायण, कृष्ण, बुद्ध तथा आध्यात्मिक सर्किट का तेजी से विकास किया जा रहा है।


कृषि कानूनों के माध्यम से किसानों को सशक्त करने का प्रयास है। इन कानूनों के माध्यम से छोटे और सीमान्त किसानों को सबसे अधिक लाभ होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार देश के प्रत्येक नागरिक को समर्थ बनाने का कार्य कर रही है, जिससे आत्मनिर्भर भारत बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी होगी। हमारा लक्ष्य देश के हर नागरिक को आत्मनिर्भर बनाना तथा हमारा संकल्प देश को समृद्ध बनाना है। राम चरित मानस में कहा गया है कि भगवान राम का नाम धारण कर जो भी कार्य करेंगे, उसमें सफलता ज़रूर मिलेगी।  

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। बीते कुछ वर्षाें में जो प्रयास हुए हैं, उनका प्रभाव भी नजर आने लगा है। जिस राज्य में अन्य राज्यों से सबसे अधिक पर्यटक आते हैं, उस प्रदेश का नाम उत्तर प्रदेश है। विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने में भी उत्तर प्रदेश देश के टॉप 03 राज्यों में आ चुका है। भविष्य में अयोध्या का एयरपोर्ट और कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट देश-विदेश के पर्यटकों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे। उत्तर प्रदेश में छोटे-बड़े दर्जन भर एयरपोर्ट पर काम चल रहा है। इसमें से कई पूर्वांचल में ही हैं। उड़ान योजना के तहत उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों को एयर कनेक्टिविटी प्रदान की जा रही है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे जैसी आधुनिक और चौड़ी सड़कें पूरे उत्तर प्रदेश में बनायी जा रही हैं। यह आधुनिक उत्तर प्रदेश के आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की शुरुआत है। एयर और रोड कनेक्टिविटी के साथ ही रेल कनेक्टिविटी को भी आधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश दो बड़े डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के एक बड़े हिस्से का लोकार्पण उत्तर प्रदेश में किया गया है। उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम चल रहा है, उससे देश-विदेश के निवेशक आकर्षित हो रहे हैं।


प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना काल में जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश में काम हुआ वह अत्यन्त सराहनीय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2014 तक मात्र 14 मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 24 हो चुके हैं। गोरखपुर तथा रायबरेली में एम्स का भी काम चल रहा है। इसके अलावा, 22 नये मेडिकल कॉलेज और बनाये जा रहे हैं। वाराणसी में आधुनिक कैंसर संस्थान की सुविधा पूर्वांचल को मिल रही है। उत्तर प्रदेश में ‘जल जीवन मिशन’ के माध्यम से हर घर जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इससे शुद्ध पेयजल लोगों को मिलेगा, जिससे बीमारियां स्वतः ही कम होंगी।


प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 65 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गयी है। गन्ना किसानों का 01 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है। साथ ही, बन्द चीनी मिलों को पुनः संचालित करने का कार्य प्रदेश सरकार द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्वामित्व योजना के अन्तर्गत उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। 02 लाख से अधिक परिवारों को घरौनी दी जा चुकी है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लगभग ढाई करोड़ किसानों को ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ का लाभ पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों को बिजली की समस्या को राज्य सरकार ने दूर किया है। देश में किसान उत्पादक संघों का निर्माण किसानों के लिए आवश्यक है, इस दिशा में सरकार द्वारा कदम उठाये गये हैं।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से लगभग एक हजार वर्ष पूर्व विदेशी आक्रांता से अपनी धरती को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन करने वाले धर्मरक्षक, राष्ट्रनायक महाराजा सुहेलदेव की पावन जयन्ती पर सभी को बधाई। उन्होंने कहा कि आज का दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण है। आज ही ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती का पावन दिवस भी है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कर-कमलों से महाराजा सुहेलदेव के भव्य स्मारक का शिलान्यास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज से 04 वर्ष पूर्व जनपद बहराइच को एक ¬मेडिकल कॉलेज दिया गया था, जिसका नाम महाराजा सुहेलदेव के नाम पर रखा गया है। उसका भी आज उद्घाटन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बहराइच को नयी पहचान देने वाले महर्षि बालार्क के नाम पर यहां के जिला चिकित्सालय का नामकरण किया गया है।