राजस्थान में ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध करवाने वाले पंप चालकों (श्रमिकों) को तीन माह से मजदूरी भी नहीं मिली है। जलदाय मंत्री महेश जोशी भी नहीं सुन रहे हैं।

राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी टंकी से ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध करवाने वाले करीब सात हजार पंप चालकों (श्रमिकों) को तीन माह से न्यूनतम मजदूरी का भी भुगतान नहीं हुआ है। मजदूरी का भुगतान करने की जिम्मेदारी जलदाय विभाग की है, लेकिन जलदाय मंत्री महेश जोशी भी गरीब श्रमिकों की कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि सरकार को मजदूरी की बड़ी राशि का भुगतान करना है। पंचायती राज विभाग से आए इन सात हजार श्रमिकों को 259 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करना है। चूंकि पंप चालक श्रमिक की श्रेणी में आते हैं, इसलिए महीने में 30 दिन के बजाए 26 दिन का ही भुगतान किया जाता हे। यानी एक श्रमिक को प्रतिमाह 6 हजार 734 रुपए देने हैं। प्रदेशभर के पंप चालक मजदूरी भुगतान के लिए कई बार जयपुर में धरना प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सवाल उठता है कि यदि श्रमिक को तीन माह मजदूरी भी नहीं मिलेगी तो वह ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कैसे करवाएंगे ?

क्या राज्य की कांग्रेस सरकार के पास पंप चालकों को मजदूरी देने का पैसा भी नहीं है ? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ साथ जलदाय मंत्री महेश जोशी को भी संवेदनशील राजनेता माना जाता है, लेकिन पंप चालकों को मजदूरी भुगतान में दोनों ही राजनेता संवेदनशीलता नहीं दिखा रहे हैं।गंभीर बात तो यह है कि सरकार पर धरना प्रदर्शन का भी कोई असर नहीं हो रहा है। राजस्थान जनता जल कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि अशोक वैष्णव का कहना है कि जब ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल योजनाओं पर करोड़ों रुपया खर्च किया जा रहा है, तब पंप चालकों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दी जा रही है। गत मई माह से ही मजदूरी का भुगतान नहीं होने से उनके परिवार के सामने भूखों मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

श्रमिकों के पास इतना पैसा भी नहीं है कि बार बार जयपुर जाकर धरना दिया जाए, सरकार को हमारी पारिवारिक स्थितियों को देखते हुए जल्द मजदूरी का भुगतान करना चाहिए। वैष्णव ने बताया कि पंप चालकों को पंचायती राज विभाग से जलदाय विभाग में स्थानांतरित करने का निर्णय भी खुद मुख्यमंत्री गहलोत ने लिया है। लेकिन इसके बावजूद भी पंप चालकों को मजदूरी का भुगतान नहीं हो रहा है। पंप चालकों की परेशानियों के संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9828013288 पर अशोक वैष्णव से ली जा सकती है।