निष्पक्ष पत्रकारिता ही पत्रकारों का राष्ट्रवाद…..

229

त्रकारिता शब्द अंग्रेज़ी के “जर्नलिज़्म ” (Journalism) का हिंदी रूपांतर है। पत्रकारिता आधुनिक युग में व्यवसाय है जिसमें समाचार पत्रों का एकत्रीकरण, लिखना,जानकारी एकत्रित करके पहुंचाना संपादित,करना प्रस्तुतीकरण करना आदि सम्मिलित है। पत्रकारिता समाचारों और सूचनाओं को एकत्र करने, आकलन करने, बनाने और प्रस्तुत करने की गतिविधि है। निश्चित पहचान योग्य विशेषताओं और प्रथाओं द्वारा पत्रकारिता की अन्य गतिविधियों और उत्पादन से अलग किया जा सकता है। ये तत्व न केवल संचार के अन्य रूपों से पत्रकारिता को अलग करते हैं, जो इसे लोकतांत्रिक समाजों के लिए अपरिहार्य बनाते हैं। इतिहास बताता है कि समाज जितना अधिक लोकतांत्रिक होता है उतनी ही अधिक खबरें और सूचनाएं उसके आसपास रहती हैं।। आज के युग में मीडिया के अनेक संसाधन हो गए हैं जैसे अखबार वेब पत्रकारिता रेडियो दूरदर्शन न्यूज़ चैनल आदि हैं। 

आधुनिक समय में पत्रकारिता का क्षेत्र व्यापक अवश्य हो गया है किंतु निष्पक्षता की कमी खलती है।आजकल के पत्रकारों में आमजन से जुड़ाव,सहानुभूति व करुणा के भाव समाप्त हो चुके हैं, उन्हें केवल पैसे की पड़ी है। हालांकि सही मायने में देखें तो पत्रकारिता के क्षेत्र में संभावनाएं अधिक है अच्छे काम करने वाले बहुत कम लोग है।आजकल के युवा पीढ़ी भी निष्पक्ष पत्रकारिता करने के बजाय चाटूकारिता में विश्वास करने लगे हैं । यदि ऐसा न करते हुए काम के प्रति पूरी ईमानदारी व निष्पक्ष भाव से पत्रकारिता की जाए तो वह दिन दूर नहीं जब सफलता आपके कदम चूमें । 

आज के दौर में पत्रकारिता छवि का पेशा है इसलिए संवेदनशील पत्रकारिता के लिए संयम धारण करने के साथ सवाल करें व सब्र धारण करें। किसी भी खबर में दोनों पक्ष की बातों को रखने का प्रयास करें आजकल के पाठक विवेकवान व समझदार हैं। आपके बेईमानी को बख़ूबी सूंघ लेते हैं व चंद पैसे के खातिर खबर प्रकाशित करने के नाम पर जो पैसे किसी पीड़ित से वसूलते है वो भी उनकी पत्रकारिता पर धब्बा जैसा ही दिखता है । 

आजकल के पत्रकार रिपोर्ट में भी विचार व्यक्त कर देते हैं ऐसा कतई न करें पूर्वग्रह से ग्रसित हुए बगैर ऐसी खबर का संकलन करें की अपनी निष्पक्षता पर खुद गर्व कर पाएं। चंद पैसों की खातिर खबर संकलन के दौरान अपना ईमान कतई न बेचें।आजकल अनेक लेख व कहानी ऑनलाइन माध्यम से भी उपलब्ध हैं उनमें से अच्छे लेख का चयन कर उन्हें पढ़े। हमेशा नए मुद्दे चुनें और उनपर फेलोशिप प्राप्त करने का भी प्रयास करें । निष्पक्ष पत्रकारिता करने के बाद आपके क्षेत्र की सीमा असीमित हो जाएगी । अपने ज्ञान को ही अपनी ढ़ाल बनाएं । छोटे काम कर ही बड़े काम की सीढ़ी को तय करती है यह बात कतई न भूले कि छत पर चढ़ने के लिए पहली सीढ़ी से ही चढ़ना पड़ता है । 

पत्रकारिता करने के लिए यदि आप आएं हैं तो गरीबी में जी लीजिए मगर ‘चिन्दी चोरी’ मत कीजिए । पत्रकारिता धन कमाने वाला पेशा नहीं है यदि इसलिए ही यह कर रहे हैं तो आज से ही छोड़ दीजिए । लेकिन हां अगर ईमानदारी पूर्वक अच्छा काम करेंगें तो आपकी तनख्वाह जरूर सम्मानजनक हो जाएगी । आपकी खबर सच्ची होनी चाहिए वह भाषा की गुलाम नहीं है । निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए विनम्र और दृढ़ बनें ।

आपकी आवाज जनता की आवाज होनी चाहिए यह ही आपका राष्ट्रवाद है । आपका इस देश के नागरिक से दूरी नहीं हो आपके व्यवहार में समानता व सौम्यता होनी चाहिए । सबकी गरिमा का सम्मान करें यदि कोई आपको पत्रकार मानकर अपना दुःख दर्द आपके साथ साझा करता है तो वह उनकी कृतज्ञता है उनका सम्मान करें उसमें अपना अकड़ न समझें ।

http://demo.nishpakshdastak.com/ पर देश-प्रदेश की ताजा और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ते हुए अपने आप को अप-टू-डेट रखिए। हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर और इंस्टाग्राम पर फॉलो करें।

पत्रकारिता का बदलता स्वरूप –

एक समय था जब पत्रकारिता और इससे जुड़ा क्षेत्र इतना व्यापक नहीं हुआ करता था, बीते समय में लोग पत्रकारिता के प्रति सिर्फ शौक से जुड़ते थे परंतु आज यह सब जरूरत का रूप ले चुका है इससे जुड़े लोग उची अभिलाषा या बड़े सपने लेकर इसमें सम्मिलित नहीं होते थे आज की पत्रकारिता  पर बाजार और व्यवसाय का दबाव बढ़ गया है जिस कारण लोगों को जागरूक करने वाला मीडिया अपनी आधारशिला से भटक चुका है। पहले के पत्रकार खादी का कुर्ता पहने एवं उनके कंधे पर जो लटका रहता था और वह जो ला कागज कलम अखबारों से भरा रहता था एवं आज की पत्रकार जींस टीशर्ट में इस क्षेत्र में नजर आते हैं।

आज का मीडिया समाज को इस कदर प्रभावित कर चुका है की क्यों किसी को भी राजा और रंक की श्रेणी में खड़ा कर सकता है। वर्तमान में समाचार पत्र हो या न्यूज़ चैनल सभी मै आपस मै टीआरपी की जंग छिड़ी हुई है आज मीडिया ने पाठकों का नजरिया ही बदल दिया। पहले घर के सिर्फ बुजुर्ग खबर पढ़ा करते थे लेकिन आज की मीडिया इतनी स्टाइलिश हो गई हैं कि अब घर के बच्चे भी न्यूज़ देखते हैं की मीडिया खबरों से बढ़कर मनोरंजन और रोमांच से भर गई है पहले कोई घटना घटने पर एक या दो दिन लग जाते थे खबरों को पाने में लेकिन अब न्यूज़ चैनल की मदद से बहुत काम समय में खबर दर्शकों तक पहुंच जाती हैं।