फर्जी एनकाउंटर पीडि़ता ने लगाई फांसी

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फर्जी एनकाउंटर पीडि़ता ने लगाई फांसी
फर्जी एनकाउंटर पीडि़ता ने लगाई फांसी

विनोद यादव

फर्जी एनकाउंटर पीडि़ता ने लगाई फांसी
झांसी। पुष्पेंद्र यादव की पत्नी ने लगाई फांसी,फर्जी एनकाउंटर पीडि़ता को न्याय न दे पाना सरकार का सजातिए चेहरा उजागर। पुष्पेंद्र यादव के फर्जी एनकाउंटर मामले में पुलिस कर्मियों पर दर्ज हुई थी कोर्ट से एफआईआर।चर्चित पुष्पन्द्र एनकाउंटर एक बार फिर चर्चा में आ गया है। पुष्पेन्द्र यादव की पत्नी शिवांगी ने अपने मायके में फांसी लगा ली। जिससे उसकी मौत हो गई। आत्महत्या का कारण स्पष्ट नही हो सका। हालांकि चर्चा है कि वह मरने से पहले अपने हांथ की हथेली पर मृत्यू का कारण लिख गई है। बताते चलें कि झांसी जिले के करगुवां में रहने वाले पुष्पेन्द्र यादव की पत्नी शिवांगी यादव का जनपद जालौन के आटा थानान्तर्गत ग्राम पिपरायां में मायका है। वर्ष 2019 भाजपा सरकार में पुष्पेन्द्र यादव का एनकाउंटर हुआ था। इस एनकाउंटर को फर्जी बताकर पत्नी शिवांगी यादव और परिवार के सदस्यों ने हाईकोट में अपील दयार की थी। जिसमें एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाही करने का कोर्ट ने आदेश दिया था। आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी न होने पत्नी शिवांगी परेशान रहती थी।

शिवांगी ने 2019 में हुई थी शादी

उरई जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर आटा थाना क्षेत्र के ग्राम पिपराया निवासी राकेश यादव ने अपनी बेटी शिवांगी उम्र 25 वर्ष की शादी साल 2019 में झांसी के करमुखा निवासी पुष्पेंद्र यादव से की थी। शादी के 4 माह बाद ही 5 अक्टूबर को झांसी जिले में मोठ थाना पुलिस की मुठभेड़ में पुष्पेंद्र यादव को एनकाउंटर में मार गिराया था। उसके कुछ दिन बाद से शिवांगी वापस अपने मायके आटा थाना क्षेत्र के ग्राम पिपराया आ गई थी और वहीं रह रही थी। पुष्पेंद्र के एनकाउंटर के बाद सही शिवांगी मानसिक रूप से परेशान चल रही थी।

शिवांगी ने मंगलवार रात को परिवार के सोने के बाद अपने बाएं हाथ की हथेली पर लिखा कि मैं स्वेच्छा से फांसी लगा रही हूं और मेरे घरवालों को परेशान ना किया जाए। इसके बाद उसने कमरे में ही अपने दुपट्टे से फांसी लगा ली। बुधवार सुबह जब काफी देर होने के बाद भी जब शिवांगी कमरे से बाहर ना आई तब उसकी मां उसे उठाने गई तो वहां दुपट्टे से लटक रही शिवांगी को देखकर उसके होश उड़ गए।

शिवांगी यादव की जली लाश की आग आज बुझ जायेगी। पर पता है पिछड़ों दलितों कल फिर तुम्हारी बारी आयेगी।

आज चुप हो अगर किसी के असमय जाने पर। तो कल तुम्हारी मौत पर भी यूं ही चुप्पी छाएगी।

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पिछले दिनों वह अपने मायके ग्राम पिपरायां गई हुई थी। जहां उसने फांसी लगा ली जिससे उसकी मौत हो गई। फांसी पर लटका देख परिजनों ने इसकी सूचना आटा थाने की पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली। चर्चा है कि मृतका मरने से पहले अपने हांथ की हथेली में कारण लिख गई है। वह कारण क्या इसके बारे में जब थाने की पुलिस से जानने का प्रयास किया तो वह स्पष्ट नहीं हो सका। खैर पुलिस की ठोको नीति और सरकार की बुलडोजर नीति ने एक महिला को न्याय नहीं दे पायी। इससे यह स्पष्ट हो गया कि केवल मुस्लिम को टारगेट करके डरा धमका कर राजनीति चल रही हैं। जब एक महिला ने न्याय सरकार से मागां तो आखिर इतने दिनों तक न्याय क्यूँ नहीं मिला।

पुष्पेंद्र यादव फर्जी एनकाउंटर केस के बाद न्याय न मिलने से आहत पत्नी ने की आत्महत्या। एक फर्जी एनकाउंटर ने ३ जानें ले लीं।यूपी पुलिस द्वारा 2019 में किया गया पुष्पेंद्र यादव का एनकाउंटर काफी चर्चित रहा। इस एनकाउंटर को लेकर सियासी माहौल भी काफी गरमाया था। मौत से आहत मां की भी मौत हो गई थी।समाजवादी पार्टी ने यूपी पुलिस के इस एनकाउंटर को फर्जी बताया था। वहीं, हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए समिति का गठन किया था। उस वक्त शिवांगी की मांग थी कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएं। लेकिन, घटना के 3 साल 5 महीने बाद पुष्पेंद्र की पत्नि ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली।

क्या एनकाउंटर करने वाले पुलिस कर्मी मुख्यमंत्री के सजातिए थें।बतादें, यूपी पुलिस द्वारा 2019 में किया गया पुष्पेंद्र यादव का एनकाउंटर काफी चर्चित रहा। इस एनकाउंटर को लेकर सियासी माहौल भी काफी गरमाया था। समाजवादी पार्टी ने यूपी पुलिस के इस एनकाउंटर को फर्जी बताया था। वहीं, हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए समिति का गठन किया था। उस वक्त शिवांगी की मांग थी कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएं। लेकिन, घटना के 3 साल 5 महीने बाद पुष्पेंद्र की पत्नी को न्याय नहीं मिल सका। सवाल यह भी है आखिर कोर्ट ने जब फर्जी एंनकाउटर करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात कहीं तो सरकार का हर बात पर चलने वाला बुलडोजर खामोश क्यूं रहा। फर्जी एनकाउंटर पीडि़ता ने लगाई फांसी