पूँजी पतियों की सरकार में किसान हैं बेकार-सरोज

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लखनऊ। डॉ0 राम मनोहर लोहिया फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सरोज यादव ने अपने सहयोगियों के साथ लखनऊ में समाजवादी कैंप कार्यालय पर समाजवादी मुखिया अखिलेश यादव के निर्देश पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया और लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दी।फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लोगों से चर्चा के दौरान कहा कि देश का अन्नदाता सड़क पर कुचलकर मारा जा रहा है ऐसे में सरकार चुप है तो देश की क्या हालत होगी यह शब्दों के माध्यम से बयान करना शायद बेमानी होगा।मौजूदा समय में जिस भी जगह आप नजर उठा कर देखेंगे वहां पर कोई ना कोई घोटाला, घपलेबाजी और किसान, गरीब, मजदूर, युवा, छात्र, बेरोजगारों का अहित होता अवश्य दिख जाएगा।

सरोज यादव ने कहा प्रदेश और केंद्र की सरकारों की जनविरोधी नीतियों के कारण देश का अन्नदाता किसानों और नौजवानों का भविष्य पूरी तरह खतरे में है। दोनों सरकारे पुंजीपतियों की सरकार है। उन्हीं के लिए काम कर रही है।कोरोना में कितने लोग मरे और कितने किसान मरे, सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसका कारण ये हैं कि आप इन लोगों को मुआवजा नहीं देना चाहते। जब ये शहीद हुए आपने सदन में 2 मिनट का मौन व्रत तक नहीं रखा। अगर वे चाहते हैं तो लिस्ट लें और 700 परिवारों को मुआवजा दें।सरकार ने कोरोना का डर दिखाकर सभी वर्गों को बर्बाद कर दिया है। विधानसभा और लोकसभा के उपचुनाव और अन्य चुनाव समय पर हो रहे है। पर किसान और नौजवान के लिए इन सरकारों पर समय नहीं है।योगी सरकार में सबसे ज्यादा नुकसान शिक्षित नौजवानों को हुआ है। सरकार उनकी नहीं सुन रही है। प्रदेश में पूरी तरह से जंगलराज है।उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव आते अखिलेश यादव की भीड़ एवं जनता का आक्रोश देख मोदी सरकार ने किसान बिल वापस लिया है,जबकि किसान बिल लाने वाले मोदी बाबा बिना चर्चा की ही बिल वापस लिया है।किसान धरना के दौरान जो राजस्व की हानि हुई उसे किससे वसूलेगी सरकार अब जनता का 2022 में उत्तर प्रदेश चलेगा बुल्डोज़र।

सरोज यादव ने कहा कि 2 महीने पहले लखीमपुर खीरी में केंद्रीय मंत्री के पुत्र द्वारा किसानों को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया जाता है सरकार पहले तो कार्यवाही करने में आनाकानी करती है फिर देश की जनता का रवैया देखकर अपराधी को गिरफ्तार कर कर लेती है। वही केंद्रीय मंत्री अपने पद पर बना रहता है जिससे पता चलता है कि सरकार की मंशा क्या है। योगी सरकार में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर सिर्फ दावे ही बचे हैं क्योंकि हाथरस हत्याकांड में अभी तक पीड़िता को न्याय नहीं मिल सका आए दिन हो रहे महिलाओं के साथ अत्याचार कानून व्यवस्था की दयनीय स्थिति के गवाही है वहीं सरकार ने किसान विरोध कानूनी लाकर यह सिद्ध कर दिया कि भाजपा सरकार किसी कीमत पर किसानों की हितैषी नहीं है सरकार को चाहिए की लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा दें और केंद्रीय मंत्री को उनके पद से बर्खास्त करें प्रदेश की जनता सरकार के मंसूबे को परख चुकी है और जल्द से जल्द सत्ता परिवर्तन चाहती है आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में प्रदेश की जनता समाजवादी पार्टी को प्रचंड बहुमत से जीत दिलाते हुए अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने जा रही है।मौके पर मौजूद रहने वालों में रीना कुरील, मीना देवी, मोनिका यादव उर्मिला देवी, शिव देवी बाल्मीकि, सपना देवी, माया देवी, रंजना धनु सीमा धनुक मौजूद रहीं।