तेजी से आगे बढ़ता भारत

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तेजी से आगे बढ़ता भारत

केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘तेजी से आगे बढ़ता भारत’ की थीम पर विस्तृत पैनल चर्चा। तेजी से आगे बढ़ता भारत


व्यवसायों को निर्णायक नेतृत्व की आवश्यकता होती है और एक लंबे समय के बाद हमारे पास एक ऐसा नेता है, जिसकी पहचान एक वैश्विक राजनेता के रूप में होती है और जो भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है- सुनील भारती मित्तल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल प्रबंधन के कारण भारत कोविड संकट से निपटने में अग्रणी रहा- संगीता रेड्डी

केंद्र सरकार ने असंभव की परिकल्पना करके उसे प्रभावी ढंग से पूरा करके दिखाया है और यही इस सरकार का वास्तविक प्रदर्शन सूचकांक है-सुरजीत भल्ला

जैम ट्रिनिटी कार्यक्रम ने हमें बैंकिंग सुविधा को जमीनी स्तर पर ले जाने में सक्षम बनाया है-देबजानी घोष

केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर, सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में “9 साल की सेवा, सुशासन, गरीब कल्याण” विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन के हिस्से के रूप में, सम्मानित पैनल विशेषज्ञों के साथ तीन विषयगत सत्र आयोजित किए गए, जिनका उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में केंद्र सरकार की विभिन्न उपलब्धियों और देश की तेजी से उन्नति और जनकल्याण के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे लगातार प्रयासों पर विचार-विमर्श करना था। पहला सत्र ‘तेजी से आगे बढ़ता भारत’ विषय पर था। इस सत्र में विवरण दिया गया कि कैसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत का एक प्रमुख वैश्विक अग्रणी देश के रूप में उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है।

इस सत्र का संचालन प्रख्यात पत्रकार नितिन गोखले ने किया, जिसमें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रतिष्ठित वक्ताओं, जैसे भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल; अपोलो अस्पताल की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी; नैसकॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष; आईएमएफ इंडिया के पूर्व कार्यकारी निदेशक सुरजीत भल्ला; भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष और इंडियन वुमन इंस्टीट्यूशनल लीग (आईडब्ल्यूआईएल) इंडिया की संस्थापक और अध्यक्ष दीपा सयाल ने अपने विचार प्रस्तुत किये।

सत्र की पृष्ठभूमि तैयार करते हुए श्री गोखले ने कहा, “भारत परिवर्तन के पथ पर आगे बढ़ रहा है, जिसे दशकों से नहीं देखा गया था और भारत की स्थिति विश्व स्तर पर बेहतर हुई है”। उन्होंने कहा, “मॉर्गन स्टेनली ने नवंबर 2022 में कहा था कि यह, भारत का दशक होने जा रहा है। आईएमएफ ने अप्रैल, 2023 में भविष्यवाणी की थी कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा। भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और विश्व व्यवस्था को संतुलित करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और इसलिए इस सम्मेलन का आयोजन इससे बेहतर समय पर नहीं हो सकता था।

सुनील भारती मित्तल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सुशासन के एक दशक के बारे में बात करते हुए कहा कि हम सभी ने पिछले कुछ वर्षों में इसे अनुभव किया है और इस अंतर को देखा है। उन्होंने कहा कि व्यवसायों को निर्णायक नेतृत्व की आवश्यकता होती है और लंबे समय के बाद हमारे पास एक ऐसा नेता है, जिसकी पहचान एक वैश्विक राजनेता के रूप में होती है और जो भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। दूरसंचार क्षेत्र के बारे में उन्होंने कहा कि भारत में सबसे तेजी से 5जी सेवा शुरू हुई है और मार्च, 2024 तक देश के कोने-कोने में 5जी पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा, “सरकार ने सुधार करने और देश की जनता को लाभ पहुंचाने के लिए प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग किया है।“ उन्होंने कहा कि हमने शानदार 9 साल देखे हैं और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का महत्वाकांक्षी लक्ष्य, जो कुछ साल पहले एक मुश्किल काम की तरह दिखता था, अब सामने है और हम 2027 तक इसे हासिल करने में सक्षम होंगे।

अपोलो अस्पताल की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने बताया कि कैसे भारत ने कोविड महामारी से मुकाबले के लिए व्यापक और प्रभावी योजना तैयार की। उन्होंने कहा कि हमारा देश एक ऐसे संकट से निपटने में सफल रहा, जिसने कई देशों को पस्त कर दिया और ऐसा हमारे प्रधानमंत्री और सरकार द्वारा स्थिति के उत्कृष्ट प्रबंधन के कारण संभव हुआ। उन्होंने लोगों पर कर्फ्यू लगाने की प्रशंसा की, जिसने आवश्यक अवसंरचना को स्थापित करने के लिए समय और स्थान की सुविधा दी और महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद की। कोविड टीकों के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, “यह प्रशंसनीय है तथा भारत और हमारे प्रधानमंत्री की वैश्विक विचार प्रक्रिया के लिए सराहनीय है कि दुनिया के 50% टीकों का निर्माण भारत में किया गया और इसने एक वैक्सीन कूटनीति के अभूतपूर्व पैमाने का निर्माण किया।“ उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण “अच्छी तरह से समन्वित और एक शानदार रणनीति थी, जिसे अत्यंत प्रभावी तरीके से क्रियान्वित किया गया था।“ उन्होंने आगे कहा कि “भारत में नींव अच्छी तरह से स्थापित हो चुकी है और न केवल भारत अपने लोगों की अच्छी तरह से देखभाल कर सकता है, बल्कि यह दुनिया के लिए चिकित्सा पर्यटन स्थल बन गया है; वर्तमान में हम नंबर 4 पर हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि जल्द ही हम नंबर 2 पर होंगे।” उन्होंने युवाओं से योग, आयुष का उपयोग करने और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने का आग्रह किया, क्योंकि भारत का भविष्य बहुत अच्छा है और यह युवा पीढ़ी पर निर्भर है।

आईएमएफ इंडिया के पूर्व कार्यकारी निदेशक सुरजीत भल्ला ने शुरुआत में ही कहा कि भारत कोविड अवधि के दौरान और आज भी दुनिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। गरीबी में कमी लाने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “सरकार की पूरी प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गयी कि कम से कम आधी आबादी को कोविड के परिणामस्वरूप किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े।“ उन्होंने अवसंरचना परिवर्तन के बारे में बात की और कहा कि वे एक अध्ययन पर काम कर रहे हैं कि क्या दुनिया में कोई ऐसी अर्थव्यवस्था है, जिसने पिछले 9 वर्षों में ऐसा परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने दिखाया है कि पहले असंभव की कल्पना करो और दूसरा, इसे प्रभावी ढंग से पूरा करो और यही इस सरकार का वास्तविक प्रदर्शन सूचकांक है। उन्होंने कहा कि भारतीय नवाचार वास्तव में अद्वितीय, भारतीय और दुनिया के किसी भी अन्य देश से बेहतर है। भारत के परिवर्तन की गति के बारे में भविष्य में किताबें लिखी जाएंगी।

नैसकॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहा कि 2008 में केवल 17% भारतीयों के पास बैंक खाते थे और एक अध्ययन में कहा गया था कि 80% लोगों को बैंकिंग सुविधा देने में भारत को 46 साल लगेंगे लेकिन देश को ऐसा करने में सिर्फ 7 साल लगे। प्रौद्योगिकी, आधार, इंडिया स्टैक, डिजिटल भुगतान और सबसे प्रभावशाली वित्तीय समावेश कार्यक्रम जन धन योजना के कारण भारत ऐसा कर सका और यथास्थिति को बदलने में सफल रहा। उन्होंने कहा, “जैम ट्रिनिटी कार्यक्रम ने हमें बैंकिंग को जमीनी स्तर पर ले जाने में सक्षम बनाया है। तकनीक सभी के लिए उपलब्ध है, लेकिन भारत में जिस चीज ने अंतर पैदा किया, वह थी प्रतिभा व लोग, जिन्होंने हमें यथास्थिति को चुनौती देने में सक्षम बनाया। हमारा तकनीकी उद्योग 245 बिलियन डॉलर का राजस्व पैदा करता है और विकास तथा नवाचार की गति अभूतपूर्व है और इसे प्रतिभाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसने भारत को एक नवाचार केंद्र और एक स्टार्टअप हब बना दिया है।“

उन्होंने जोर देकर कहा कि इनोवेशन में प्रयुक्त ‘आई’ भारत के लिए है, यह सभी बड़ी कंपनियों को भारत में अपना इनोवेशन करने के लिए लाने में सफल रहा है। उन्होंने आगे कहा, “प्रौद्योगिकी अमीरों और शहरी लोगों की विलासिता रही है, लेकिन भारत ने इसे पूरी तरह बदल दिया और जमीनी स्तर से शुरू करके इसके पैमाने में विस्तार किया। नीचे से ऊपर की ओर सोचने की क्षमता ने इसे संभव बना दिया है।” उन्होंने कहा कि तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाले 5.3 मिलियन लोगों में से 36% महिलाएं हैं और वे बदलाव और नवाचार का संचालन कर रही हैं।

इंडियन वूमेन इंस्टीट्यूशनल लीग (आईडब्ल्यूआईएल) इंडिया की संस्थापक और अध्यक्ष दीपा सयाल ने कहा कि उन्हें इस बात पर बहुत गर्व है कि मेरा देश इतनी तेज गति से और इस पैमाने पर बदल रहा है तथा जिस प्रकार सरकार बदलाव ला रही है, वह प्रशंसा के योग्य है और त्रुटिहीन है। उसने कहा कि “मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि दशक के अंत तक हमारी जीडीपी दोगुनी होकर 7.5 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी, जो बहुत बड़ी बात है।“ उन्होंने कहा कि मैं भाग्यशाली रही हूं कि मैं विभिन्न राज्यों में जाकर स्टार्टअप्स से जुड़ पाई हूँ और महिलायें और बच्चे सभी शुरू करने और स्व-रोजगार करने के लिए एकदम तैयार हैं। उन्होंने स्टार्टअप की अभूतपूर्व यात्रा के बारे में बात की जो 2016 में 450 से बढ़कर 2023 में 90000 हो गई है और कहा कि उन्हें इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई देनी चाहिए।

भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने प्रमुख आकड़ों के बारे में बात करते हुए कहा, “कोविड मानव जाति के लिए सबसे बड़ा व्यवधान था, लेकिन पिछले साल हमारी नॉमिनल जीडीपी में 37 ट्रिलियन का विस्तार हुआ। वित्त वर्ष 2014 – 20 के दौरान हमारा औसत 14.5 ट्रिलियन था, इसलिए हमने पिछले 6 वर्षों की तुलना में 2.5 गुना अधिक विस्तार किया इसलिए रिकवरी सबसे तेज रही। 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत को 1 ट्रिलियन तक पहुंचने में 57 साल लगे और फिर हर 7 साल में हमने 1 ट्रिलियन जोड़ा और अब मानक यह है कि हर तीन साल में हम एक ट्रिलियन जोड़ते हैं और पिछले दो वर्षों में हमारी अर्थव्यवस्था में 750 बिलियन की वृद्धि हुई है।

यही कारण है कि 2014 में हम 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थे, 2015 में हम 7वें स्थान पर थे, 2019 में हम 6ठे और 2022 में हम 5वें स्थान पर थे और 2026 में चौथे और 2028 में तीसरे स्थान पर रहने की संभावना है और यह बदलाव मजबूती के संदर्भ में है।“ उन्होंने केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बात की और बताया कि उन सभी में महिलाओं की भागीदारी बहुत अधिक रही है, इससे महिला सशक्तिकरण हुआ है और महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले 7 वर्षों में हमारा सेवा निर्यात दोगुना हो गया है। उन्होंने कहा कि संक्षेप में सभी आंकड़े एक ऐसे भारत की ओर इशारा करते हैं, जो समावेशी है और घातांक की दर से विस्तार कर रहा है।

अंत में, सभी ने इस बारे में बात की कि आने वाले 5-10 वर्षों में भारत के लिए आगे क्या है। दीपा सयाल ने कहा कि रोजगार एक अवसर और एक चुनौती है और हमें इस अवसर का लाभ उठाने के लिए सही कौशल विकसित करने की जरूरत है। देबजानी घोष ने कहा कि युवाओं की शक्ति, प्रतिभा, नवाचार यह सुनिश्चित करेगा कि जब दुनिया डिजिटल, प्रौद्योगिकी और नवाचार के बारे में सोचेगी, तो दुनिया भारत के बारे में भी सोचेगी। सुनील मित्तल ने कहा, “पिछले 9 वर्षों में हमारे देश के बहुत उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी गई है और हमें उस पर निर्माण करने की आवश्यकता है। यह भारत के लिए एक दुर्लभ अवसर है जिसमें एक निर्णायक नेतृत्व और अनुकूल परिस्थिति का संगम है और यह भारत के लिए एक सुखद स्थिति है और हमें अपनी बड़ी युवा आबादी के लिए अच्छी शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, जो साथ मिलकर भारत के लिए एक उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करेंगे।“

संगीता रेड्डी ने कहा कि पिछले 9 साल का मतलब 468 सप्ताह है और 500 से अधिक योजनाएं शुरू की गई हैं, यानि हर सप्ताह 1 योजना और हमारे पास अगले 10 वर्षों में इन योजनाओं का मार्गदर्शन करने का समय है। उन्होंने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की और कहा कि महिलाओं का सम्मान, भारत के लिए परिवर्तनकारी सिद्ध होगा और दुनिया के लिए एक मिसाल कायम करेगा। विचार व आध्यात्मिक और मानवीय नेतृत्व के मामले में भारत हमेशा अव्वल रहा है और रहेगा। सुरजीत भल्ला ने कहा कि बहुत कुछ हासिल किया गया है और एक बड़े सुधार, जिसकी भारत को आवश्यकता है वह प्रत्यक्ष कराधान में है। उन्होंने निष्कर्ष के तौर पर कहा कि भारत दुनिया में सबसे अधिक टैक्स वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और उम्मीद है कि प्रभावी टैक्स दर को कम करने के लिए एक सुधार किया जाएगा, जिससे उच्च सकल घरेलू उत्पाद विकास दर प्राप्त करने में मदद मिलेगी। तेजी से आगे बढ़ता भारत