रामचरितमानस के पन्ने जलाने पर FIR

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रामचरितमानस के पन्ने जलाने पर FIR
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रामचरितमानस के पन्ने जलाने पर FIR

रामचरितमानस के पन्ने जलाने पर एफआईआर व गिरफ्तारी तो संतों द्वारा फतवा जारी करने पर चुप्पी क्यों? भाजपा व आरएसएस असल मुद्दों से ध्यान हटाने को धार्मिक मुद्दों को दे रही हवा -लौटनराम निषाद

लखनऊ। अयोध्या में तपस्वी छावनी के प्रधान पुजारी महंत परमहंस दास व हनुमान गढ़ी के संत राजू दस ने समाजवादी पार्टी (सपा) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर कलम करने के लिए 51 लाख इनाम देने की घोषणा की है। रामचरितमानस पर अपनी टिप्पणी के बाद से मौर्य विवादों में घिर गए हैं।

महंत ने हाल ही में रामचरितमानस पर टिप्पणी के लिए बिहार के मंत्री चंद्रशेखर की जीभ काटने वाले को 10 करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की थी।दोनों नेताओं की इस टिप्पणी से हिंदू धर्मगुरुओं में नाराजगी है और बीजेपी ने मौर्य को पार्टी से बर्खास्त करने की मांग की है। इस बीच तुलसीदास के रामचरितमानस के कुछ चौपाइयों पर सवाल उठाने पर भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर पर इनाम फतवा जारी करने पर कहा है कि ये संत को खोल में गुंडे,अपराधी व बलात्कारी हत्यारे हैं।

कहा कि रामचरितमानस के उन पन्नों जिस पर पिछड़ी,दलित,आदिवासी जातियों व नारी जाति के विरुद्ध लिखा गया है,उसे जलाने पर एफआईआर व गिरफ्तारी तो संतों के फतवा पर चुप्पी क्यों?उन्होंने कहा कि भाजपा व आरएसएस गुंडों,अपराधियों को खुली छूट देकर अराजकता व दहशत फैलाने में जुटी हुई है। संघीय गुंडे,अपराधी व संत का लिवास ओढ़े मठाधीश, पंडे पुजारी व महंत कानून को अपने हाथ में लेकर जीभ काटने व सिर कलम करने का फतवा जारी कर रहे हैं,पर पुलिस प्रशासन व सरकार इस पर कोई कार्यवाही न कर गुंडागर्दी व अपराध को बढ़ाने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि ओबीसी की जातिगत जनगणना, समानुपातिक कोटा की मांग व लेटरल इंट्री,कॉलेजियम व निजीकरण के विरुद्ध जो आवाज़ उठ रही है,उन असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए आरएसएस व भाजपा धार्मिक मुद्दों को उछाल रही है।मण्डल विरोधी भाजपा लोकतंत्र,संविधान व सामाजिक न्याय को निष्प्रभावी करने व देश के सरकारी संस्थानों, उपक्रमों का निजीकरण कर देश को रसातल में पहुंचाने का षड्यंत्र कर रही है।

निषाद ने कहा, अगर किसी अन्य धर्म के किसी व्यक्ति ने जेएफ काटने व सिर कलम करने की घोषणा की होती, तो उसे आतंकवादी करार दिया जाता और योगी बाबा का बुलडोजर चल गया होता।पर,संत की खोल में छिपे गुंडों,बलात्कारियों, हत्यारों के फतवा पर भाजपा सरकार मौन धारण कर गुंडागर्दी व दहशत फैलाने में जुटी है। अब अगर संत और महंत सिर काटने पर इनाम की घोषणा कर रहे हैं, तो क्या उन्हें आतंकवादी नहीं कहा जाना चाहिए? रामचरितमानस में कुछ चौपाइयों पर अपने बयान को दोहराते हुए निषाद ने कहा, क्या प्रो.चन्द्रशेखर सिंह व स्वामी प्रसाद मौर्य ने कुछ गलत कहा है?रामचरितमानस, मनुस्मृति की चौपाइयों, दोहों व श्लोकों में जो जातीय स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाली बातें लिखी गयी हैं,उस पर टिप्पणी करना धर्म व राम का विरोध नहीं है।रामचरितमानस, मनुस्मृति, बन्च ऑफ थॉट्स,व्यासस्मृति, पराशर स्मृति, विष्णुस्मृति,नारद स्मृति व पुराण आदि में पिछडों,दलितों,वंचितों व महिलाओं के खिलाफ लिखा गया है तो टिप्पणी तो की जाएगी।

निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने राम को दोगला कह दिया तो किसी धर्मगुरु, धर्माचार्य,मठाधीश की भावना आहत नहीं हुई।संजय निषाद ने विधानसभा चुनाव से पहले कहा कि राम दशरथ के पुत्र नहीं थे,दशरथ बच्चा पैदा करने में सक्षम नहीं थे,पुत्रेष्ठि यज्ञ के बहाने राम आदि का जन्म श्रृंगी ऋषि निषाद के द्वारा हुआ,क्योंकि खीर खाने से बच्चा पैदा नहीं हुआ तो संघियों की भावना आहत नहीं हुई और राम के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा राम को गाली देने वाले संजय निषाद को सम्मानित करते हुए साझीदार बना लिया।यह है भाजपा का असली चरित्र ।उन्होंने कहा वाद संख्या-412/1971 उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं वाद संख्या-291/1971 उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार राम व रामायण काल्पनिक हैं।बृहद्रथ मौर्य का सेनापति ब्राह्मण पुष्यमित्र शुंग ने उनकी हत्या कर अपने को राम घोषित कर पाटलिपुत्र से अयोध्या राजधानी बनाया।

रामचरितमानस के पन्ने जलाने पर FIR