कैदियों के व्यवहार में परिवर्तन लाना पहली प्राथमिकता-आनन्द कुमार

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कैदियों के व्यवहार में परिवर्तन लाना पहली प्राथमिकता- आनन्द कुमार

कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम से स्वालम्बी बनेगे कैदी- अनुराधा

राकेश यादव

लखनऊ। महानिदेशक कारागार आनन्द कुमार ने कहा कि कैदी समाज का अभिन्न अंग है। सरकार की मंशा के अनुरूप उनके व्यवहार एवं मानसिकता में बदलाव लाना हमारी पहली प्राथमिकता है। कैदी आत्मनिर्भर बनकर समाज में अपनी अच्छी छवि का निर्माण कर सके इसके लिए उनके हुनर का विकास किया जाना जरूरी है। डीजी जेल शुक्रवार को भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय संचालित राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निसबड) द्वारा जेल की महिला बंदियों के लिए शुरू किये प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कही।

उन्होंने ने कहा कि सरकार कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक जनपद एक उत्पाद श्रमसम्मान योजना के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा। कैदियों के बनाए उत्पादों में मूल्यवृद्धि किये जाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिये जाएगे। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से बनाए गये उत्पादों की कीमत बढ़ाए जाने का प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम में मौजूद निसबड की महानिदेशक एवं उद्यमिता एवं कौशल विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव अनुराधा वमूरी ने कहा कि प्रदेश के कारागारों में रहने वाले कैदियों को उद्यमिता विकास देकर उनके द्वारा बनाए जा रहे उत्पाद को मूल्यवर्धित कर उनकों बाजार से लिंक करनें का प्रयास किया जाएगा। कैदियों के बनाए गये उत्पादो का मूल्य बढ सके लिए इसके लिए विभिन्न विशेषज्ञो का भी सहयोग लिया जाएगा। वस्त्रों को आकर्षक बनाने के लिए डिजाइनरों को भी बुलाया जाएगा। इससे पहले निसबड की निदेशक डॉ पूनम सिन्हा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी दी। इस मौके पर डीआईजी मुख्यालय शैलेन्द्र मैत्रये, संत लाल, आशीष तिवारी, सीपी त्रिपाठी कार्क्रम समन्वयक दीपा शर्मा व प्रभार बहुगुणा भी मौजूद रहे।