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राजू यादव

मुख्यमंत्री ने दो दिवसीय ‘स्मार्ट ग्राम पंचायत राष्ट्रीय कार्यशाला’ का शुभारम्भ किया। भारत की आत्मा गांवों में निवास करती है, उ0प्र0 सरकार महात्मा गांधी के आत्मनिर्भर गांव के स्वप्न को साकार करने की दिशा में प्रयास कर रही। प्रधानमंत्री ने देश के सामने एक महत्वपूर्ण विषय ‘स्मार्ट ग्राम पंचायतों में ग्रामीण समुदाय का सशक्तीकरण: कोई पीछे न छूटे’ रखा,मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज प्रशिक्षण संस्थान द्वारा निर्मित ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म का शुभारम्भ एवं ‘सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल’ पुस्तिका का विमोचन किया। देश की लगभग ढाई लाख ग्राम पंचायतों में से 58 हजार से अधिक उ0प्र0 में तकनीक के उपयोग से ग्राम पंचायतों के आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ ही, उन्हें स्मार्ट बनाया जा सकता है।प्रदेश का 32 से 33 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र इण्टरनेट व वाई-फाई की सुविधा से युक्त, इसे 85 प्रतिशत तक बढ़ाने से प्रदेश की जी0डी0पी0 में 07 से 08 प्रतिशत वृद्धि होगी।प्रदेश सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को आगामी 05 वर्षाें में 01 ट्रिलियन डॉलर की बनाने की व्यापक कार्ययोजना को आगे बढ़ाया, यह तभी सार्थक, जब हमारी ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर होंगी।

प्रदेश में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ ए0टी0एम0 से जोड़ा जा रहा, यह कार्य जनसहभागिता तथा सी0एस0आर0 द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में फ्री वाई-फाई उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही युद्धस्तर पर संचालित। प्रदेश की 58 हजार ग्राम पंचायतों में से 24 हजार से अधिक में ग्राम सचिवालय निर्मित, सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों में एक-एक पंचायत सहायक की तैनाती कम्प्यूटर सहायक के रूप में ग्राम प्रधान के सहयोग के लिए की गयी। अब तक 33 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में बी0सी0 सखी की नियुक्ति, इनके द्वारा एक वर्ष में 5500 करोड़ रु0 के लेनदेन के माध्यम से 14.5 करोड़ रु0 का नेट प्रॉफिट कमाया गया।

डबल इंजन की सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से इन्सेफेलाइटिस की मृत्यु दर को शून्य तक पहुंचाने में सफलता मिली। ग्राम पंचायतें अपनी भूमि को गो आश्रय स्थल, नेचुरल फार्मिंग, बॉयोफ्यूल, पी0एम0 कुसुम योजना के माध्यम से ग्रीन इनर्जी, सोलर इनर्जी से जोड़कर अच्छा कार्य कर सकती हैं। स्मार्ट पंचायत की संकल्पना को साकार करने के लिए 04 प्रमुख अवधारणाओं के साथ कार्य करना होगा, इनमें सभी ग्राम पंचायतों में ढांचागत तथा सड़क, स्वच्छता, शिक्षा, पेयजल आदि सुविधाओं का विकास, ग्राम पंचायतों की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता लाना, जनशिकायतों के त्वरित निस्तारण तथा सर्विस डिलीवरी को मजबूत करना, ग्राम पंचायतों में ऑनलाइन सेवा की बाधारहित उपलब्धता के लिए ऑनलाइन सुविधाओं के साथ जोड़ने की कार्यवाही को आगे बढ़ाना शामिल।

लखनऊ। इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय ‘स्मार्ट ग्राम पंचायत राष्ट्रीय कार्यशाला’ का शुभारम्भ कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि इस कार्यशाला में देश के 20 राज्यों के पंचायत प्रतिनिधि एवं अधिकारी/कर्मी, प्रदेश के विभिन्न ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान एवं अधिकारी प्रतिभाग कर रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री जी ने ‘सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल’ पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने पंचायतीराज प्रशिक्षण संस्थान द्वारा निर्मित ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म का शुभारम्भ भी किया। समारोह में उत्तर प्रदेश में स्मार्ट ग्राम पंचायतों से सम्बन्धी एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा तथा चिकित्सा को बढ़ावा देने के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें इसकी नींव को आत्मनिर्भर बनाना पड़ेगा। भारत की आत्मा गांवों में निवास करती है। उत्तर प्रदेश सरकार महात्मा गांधी के आत्मनिर्भर गांव के स्वप्न को साकार करने की दिशा में अनेक प्रयास कर रही है।

प्रधानमंत्री ने देश के सामने एक महत्वपूर्ण विषय ‘स्मार्ट ग्राम पंचायतों में ग्रामीण समुदाय का सशक्तीकरण: कोई पीछे न छूटे’ रखा है। समग्र विकास की अवधारणा को प्रस्तुत करने वाला यह विषय देश के सामने है। राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाली सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र की संस्थाएं, जिन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में कुछ नया किया है, वे सभी इस दिशा में कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश में लगभग ढाई लाख ग्राम पंचायतें हैं। जिनमें से 58 हजार से अधिक उत्तर प्रदेश में हैं। देश की ग्राम पंचायतों में लगभग 23 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में हैं। ग्राम पंचायतों की भूमिका प्रधानमंत्री जी के विजन को आगे बढ़ाने में सहायक है। प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के रूप में बनाने का संकल्प लिया है। इनमें राज्यों की भी सहयोगी भूमिका है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को आगामी 05 वर्षाें में 01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के रूप में विकसित करने की व्यापक कार्ययोजना को आगे बढ़ाया है। यह तभी सार्थक होगा, जब हमारी ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर होंगी। देश की सभी ग्राम पंचायतों में इस प्रकार की सम्भावनाएं मौजूद हैं। यह दो दिवसीय कार्यशाला इस गति को और तेज करने में निर्णायक साबित होगी।


तकनीक के उपयोग से ग्राम पंचायतों के आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ ही, उन्हें स्मार्ट बनाया जा सकता है। ग्राम पंचायतों में हाईस्पीड इण्टरनेट और वाई-फाई की सुविधा से जी0डी0पी0 में 01 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी होगी। प्रदेश का 32 से 33 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र इण्टरनेट व वाई-फाई की सुविधा से युक्त है। इसे 85 प्रतिशत तक पहुंचाया जाए तो प्रदेश की जी0डी0पी0 में लगभग 07 से 08 प्रतिशत वृद्धि स्वतः स्फूर्त होगी। प्रदेश में हाईस्पीड इण्टरनेट, फ्री वाई-फाई, ई-कॉमर्स, एडु-टेक तथा टेलीमेडिसिन के माध्यम से इन सुविधाओं को तेजी से आगे बढ़ा सकते हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद गोरखपुर में कल उनके द्वारा टेलीमेडिसिन के लिए हेल्थ ए0टी0एम0 का शुभारम्भ किया गया। इसके माध्यम से एक ही स्थान पर 55 प्रकार की जांच की सुविधा का लाभ व्यक्ति उठा सकते हैं। हेल्थ ए0टी0एम0 के द्वारा टेलीकंसल्टेशन के माध्यम से देश के किसी कोने में बैठे डॉक्टर से प्रेसक्रिप्शन लेकर दवाएं ले सकते हैं। तकनीक के माध्यम से अब घर बैठे या गांव में ही यह सुविधा प्राप्त हो सकती है। प्रदेश में इस दिशा में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ ए0टी0एम0 से जोड़ा जा रहा है। यह कार्य जनसहभागिता तथा उद्योग जगत की सहभागिता से सी0एस0आर0 द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से प्रदेश के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रत्येक रविवार को मुख्यमंत्री आरोग्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। इसके माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। मुख्यमंत्री आरोग्य मेला बहुत लोकप्रिय हुआ है।


अब तक प्रदेश की 58 हजार ग्राम पंचायतों में से 24 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय बन चुके हैं। सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों में एक-एक पंचायत सहायक की तैनाती कम्प्यूटर सहायक के रूप में ग्राम प्रधान के सहयोग के लिए की गयी है। सभी ग्राम पंचायतों में बी0सी0 सखी की सुविधा दी जा रही है। अब तक 33 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में बी0सी0 सखी की नियुक्ति की जा चुकी है। इनके द्वारा एक वर्ष में 5500 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है। इसके माध्यम से इन्होंने 14.5 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया है। बी0सी0 सखी के माध्यम से डिजिटल लिटरेसी तथा फाइनेंशियल लिटरेसी की महत्वपूर्ण भूमिका को ग्राम पंचायतें सुनिश्चित कर रही हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में फ्री वाईफाई उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही युद्धस्तर पर चल रही है।

आज उत्तर प्रदेश के गांव रात्रि में एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइट से जगमगा रहे हैं। ग्राम पंचायतों में अच्छी कनेक्टिविटी, सभी के पास आवास तथा प्रत्येक घर में शौचालय की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतें खुले में शौच से मुक्त हैं। स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करने से अनेक लाभ हुए हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस मौसम में प्रतिवर्ष 1200 से 1500 मौतें इन्सेफेलाइटिस से होती थीं। 40 वर्षाें में 50 हजार से अधिक बच्चों की मृत्यु इस बीमारी से हुई। इस वर्ष इन्सेफेलाइटिस के मात्र 40 मरीज आये हैं, जिनमें से 07 मरीज जे0ई0 के हैं और मृत्यु शून्य है। स्वच्छ भारत मिशन तथा विगत 05 वर्षाें में किये गये प्रयासों के परिणाम आज दिखायी दे रहे हैं। डबल इंजन की सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से इन्सेफेलाइटिस की मृत्यु दर को शून्य तक पहुंचाने में सफलता मिली है। यह भी स्मार्ट पंचायतों का एक नमूना है।


सभी ग्राम पंचायतों में सम्भावनाएं मौजूद हैं और सभी ग्राम पंचायतें प्रयास कर सकती हैं। वर्तमान में सभी ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर बनाये जा रहे हैं। यह हमें आजादी के अमृत महोत्सव से जोड़ते हैं। इनसे गांवों के जलस्तर को ऊंचा करने में भी मदद मिलेगी। यदि कोई गांव किसी देवस्थल से नहीं जुड़ा है, तो अमृत सरोवर से मत्स्य पालन को जोड़कर गांव की अतिरिक्त आमदनी का माध्यम बनाया जा सकता है। अनेक अन्य कार्यक्रमों से ग्राम पंचायतों की अतिरिक्त आय सुनिश्चित की जा सकती है। ग्राम पंचायतों की अतिरिक्त भूमि का गांव के हित में व्यावसायिक उपयोग किया जा सकता है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी ‘हर घर नल योजना’ लागू हो रही है। इसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाने में ग्राम पंचायतें अपना योगदान दे सकती हैं। सभी गांवों को स्वयं इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। शुद्ध पेयजल आधी से अधिक बीमारी का स्वतः निदान कर देता है। वर्ष 2019 में झांसी में बलिनी दुग्ध संघ का गठन किया गया था। यह महिला स्वयंसेवी समूहों द्वारा संचालित दुग्ध उत्पादन संस्था है। इसके वर्तमान में 41 हजार सदस्य हैं। बलिनी दुग्ध संघ ने वर्ष 2021-22 में 14.5 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया है। इनका वार्षिक टर्नओवर लगभग 150 करोड़ रुपये का है। यह सम्भावना सभी ग्राम पंचायतों में है। सभी ग्राम पंचायतें यह कर सकती हैं। ग्राम पंचायतें अपनी भूमि को गो आश्रय स्थल, नेचुरल फार्मिंग, बॉयोफ्यूल, पी0एम0 कुसुम योजना के माध्यम से ग्रीन इनर्जी, सोलर इनर्जी से जोड़कर अच्छा कार्य कर सकती हैं। लेकिन इसके लिए प्रयास करना होगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट पंचायत की संकल्पना को साकार करने के लिए 04 प्रमुख अवधारणाओं के साथ कार्य करना होगा। प्रथम अवधारणा के रूप में प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में ढांचागत विकास तथा सुविधाओं यथा सड़क, स्वच्छता, शिक्षा, पेयजल को पहुंचाना होगा। ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बालक-बालिका के लिए अलग-अलग शौचालय, पेयजल की सुविधा, खेल का मैदान, स्मार्ट क्लास तथा लाइब्रेरी आदि उपलब्ध कराये गये हैं। यह हर ग्राम पंचायत में हो सकता है। इसमंे जनसहभागिता तथा जनभागीदारी की आवश्यकता है। इसके लिए सभी ग्राम पंचायतों तथा पुरातन छात्र परिषदों को इस कार्य से जोड़ते हुए संवाद बनाना होगा। गांवों में ग्राम सचिवालय के निर्माण की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए, वहां कम्प्यूटर, वाईफाई तथा पंचायत सहायक की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। यह ग्राम सचिवालय 243 प्रकार की सेवाएं गांवों के लोगों को उपलब्ध कराएगा, जिसके लिए पहले उन्हें थाना, ब्लॉक, तहसील या जनपदों में जाना पड़ता था। प्रदेश सरकार सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों में इस प्रकार की सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कार्य कर रही है।


ग्राम पंचायतों की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता लाना दूसरी अवधारणा है। इसके लिए जनसहभागिता के माध्यम से ग्राम पंचायतों की वार्षिक कार्ययोजना तैयार करना, भारत सरकार के ई-स्वराज पोर्टल पर उसे अपलोड करना, पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से सभी भुगतान को सीधे वेण्डर को ऑनलाइन करना आदि कार्याें से जुड़ना होगा। यह आपकी विश्वसनीयता भी बढ़ाएंगे। प्रदेश सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों को उनकी कार्ययोजना बनाने के लिए सुविधाएं दी हैं। जनशिकायतों के त्वरित निस्तारण तथा सर्विस डिलीवरी को मजबूत करना तीसरी अवधारणा है। इसके लिए पंचायत सहायकों को वी0एल0ई0 के रूप में पंजीकृत करने का निर्णय लिया गया है। ग्राम पंचायतों को कॉमन सर्विस सेण्टर के रूप में इस सुविधा से जोड़ने की कार्यवाही को प्रदेश सरकार ने आगे बढ़ाया है। इसमें खसरा-खतौनी, जन्म-मृत्यु पंजीकरण, छात्रवृत्ति, पेंशन, बिल भुगतान तथा अन्य सुविधाओं को इससे जोड़ सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने अपने कार्याें से अपने आपको एक कर्मयोगी के मॉडल के रूप में स्थापित किया-पंचायतीराज मंत्री भारत सरकार


मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों में ऑनलाइन सेवा की बाधारहित उपलब्धता के लिए ग्राम पंचायतों को ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन, ई-कॉमर्स जैसी सुविधाओं के साथ जोड़ने की कार्यवाही को आगे बढ़ाना चौथी अवधारणा है। उन्होंने कहा कि हमारे पास सभी संसाधन उपलब्ध हैं। थोड़े और प्रयास की आवश्यकता है। आज के कार्यक्रम में किये गये प्रस्तुतिकरण इसमें बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। पंचायतीराज मंत्री, भारत सरकार गिरिराज सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने कार्याें से अपने आपको एक कर्मयोगी के मॉडल के रूप में स्थापित किया है। इन्हीं के अनुरूप सभी प्रधानों को आज कर्मयोगी बनना है। एक कर्मयोगी प्रधान संकल्प ले ले तो गांवों में सभी चीजें उपलब्ध हो जाएंगी। तकनीकी का सहारा लेकर बच्चों के लिए ई-लाइब्रेरी, किसानों के लिए ई-फार्म तथा महिलाओं के लिए ई-रोजगार स्वयं सहायता समूह को बढ़ावा दिया जाए। ग्राम प्रधान ग्रीन फर्टिलाइजर के प्रयोग तथा नेचुरल फार्मिंग को भी बढ़ावा दें।


पंचायतीराज राज्यमंत्री, भारत सरकार कपिल मोरेश्वर पाटील ने कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि इस कार्यशाला का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के हाथों हो रहा है। मुख्यमंत्री जी कर्मयोगी हैं। इनके हाथों से कार्यशाला का उद्घाटन होना, हमारे लिए प्रेरणादायक है। इस कार्यशाला के माध्यम से लोगों में आत्मविश्वास और हौसला बढ़ेगा। यहां उपस्थित सभी प्रधान संकल्प लें कि वे यहां से जो कुछ सीखकर जाएंगे, उसके माध्यम से गांव को स्मार्ट बनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे। इस अवसर पर पंचायतीराज सचिव भारत सरकार सुनील कुमार एवं अपर सचिव चन्द्रशेखर, उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त तथा अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, निदेशक पंचायतीराज अनुज कुमार झा सहित भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार के अधिकारीगण तथा विभिन्न राज्यों से आये ग्राम प्रधान उपस्थित थे।

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