लूट की खुली छूट

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कलेक्ट्रेट में जिम्मेदारों के संरक्षण में स्टाम्प ग्राहकों से लूट की खुली छूट।

धनंजय सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार बनने के बाद आम आदमी को यह पूर्ण रुप से विश्वास हो गया था कि अब प्रदेश से भ्रष्टाचार का नामोंनिशान मिट जाएगा लेकिन कलेक्ट्रेट लखनऊ की यह लूट योगी के मंसूबों पर पानी फेर रही है।राजधानी के स्टांप वेंडर खुलेआम आम आदमी को लूट रहे हैं और इस लूट की जानकारी सभी जिम्मेदारान को बखूबी है और इस लूट को दबी जुबान से एडीएम वित्त स्वीकार करते हैं कि स्टांप वेंडर मनमानी करते हैं लेकिन मजबूरी में ऐसा करते हैं क्योंकि स्टांप वेंडर को इतना कम कमीशन सरकार की तरफ से रखा गया है कि उनका ऐसा करना मजबूरी बन गया है।

ताजा मामला कलेक्ट्रेट लखनऊ का है। स्टांप वेंडर ₹10 का स्टांप डंके की चोट पर ₹20 में बेचते हैं और ₹100 का स्टांप ₹120 में बेचते हैं यदि कोई स्टांप ग्राहक इस लूट का विरोध करता है तो यह कहते हुए झिड़क कर भगा दिया जाता है कि जाओ जहां से लेना है ले, लो । आप चाहे जहां शिकायत कर दो, कुछ नहीं होगा क्योंकि हम लोग सबको कमीशन देते हैं और हम लोगों का कमीशन बहुत कम है, लागत बहुत अधिक है और उसमें भी स्टांप बिक्री करने की सीमा है । स्टांप खरीदने से पहले चढ़ावा चढ़ा कर पास कराया जाता है । इसके बाद कई स्टेप पर नीचे से ऊपर तक सुविधा शुल्क देना पड़ता है । मुस्कराते हुए स्टांप वेंडर भी इस लूट को स्वीकार करते हैं कि यदि हम लोग इतना नहीं लेंगे तो अपने ऑपरेटर, बिजली बिल, आफिस खर्च, स्टेशनरी और अधिकारियों को तथा अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे। हम लोगों की भी मजबूरी है कि इससे कम में स्टाफ बिक्री कर पाना संभव नहीं है। अधिकारियों से इस विषय पर कई बार कमीशन बढ़ाने को लेकर स्टांप वेंडर एसोसिएशन की वार्ता हो चुकी है लेकिन इस संबंध में कोई अधिकारी या सरकार संज्ञान नहीं ले रहा है।स्टांप वेंडर भी चाहते हैं कि सरकार कमीशन बढ़ा दे लेकिन स्टांप वेंडरों की आवाज सुनने वाला कोई नहीं है।

वैसे स्टांप वेंडर का इतिहास देखा जाए तो स्टांप ग्राहकों से लूट की छूट नई नहीं है । पूर्व में भी ₹10 का स्टांप 11 से ₹15 में मिलता था लेकिन जब से ई स्टांप की नीति आई है तब से लूट में इजाफा करते हुए धन राशि दोगुनी कर दी गई है । ऐसा नहीं है कि अधिकारी इस लूट से अनजान है लेकिन बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे और इस तरह लूट की छूट बेधड़क जारी है। इस विषय में अपर जिलाधिकारी वित्त विपिन कुमार मिश्रा बताते हैं कि ₹10 के स्टांप ₹20 में दिए जा रहे हैं ऐसा हमारे संज्ञान में आया है लेकिन मजबूरी है। हमने कार्रवाई कुछ स्टांप वेंडर के खिलाफ की है।