मिशन शक्ति से सशक्तिकरण की ओर…

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मिशन शक्ति से महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति अभियान चला रही है जिसके तहत एक तरफ तो बेटियों को आत्मरक्षा और आत्मनिर्भरता के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ उनको स्किल ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जा रहा है।

  लखनऊ। ’’यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः, यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तफलाः क्रियाः’’ जहां स्त्रियों की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं और जहाँ स्त्रियों की पूजा नहीं होती , उनका सम्मान नहीं होता है वहाँ किये गये समस्त अच्छे कर्म निष्फल हो जाते हैं। भारतीय संस्कृति एवं समाज में नारी का स्थान सदैव ही उच्च प्रतिष्ठित रहा है। शक्ति के विभिन्न स्वरूपों में हम नारी की ही पूजा सभ्यता व संस्कृति के उदय से करते आए हैं। नारी सृजन का भी प्रतीक है। परिवार का विकास नारी के गर्भ में पल रहे शिशु के जन्म के साथ ही अपना भावी स्वरूप ग्रहण करता है। कालान्तर में विभिन्न अनेक कारणों से महिलाओं की स्थिति में क्षरण हुआ है। महिलाओ से संबंधित विभिन्न प्रकार की हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुयी। उनकी गरिमा को ठेस पहुॅची।उत्तर प्रदेश सरकार, महिलाओं की गरिमा, सम्मान के साथ ही उनके सशक्तिकरण के लिए विशेष प्रयत्नशील एवं कार्यरत है। इसी के अन्तर्गत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के दिशा-निर्देशन में शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर दिनांक 17 अक्टूबर, 2020 को ’महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन’ के उद्देश्यों के साथ ’मिशन शक्ति’ की शुरूआत की गई थी। प्रारम्भ में यह मिशन शारदीय नवरात्र 2020 से वासंतिक नवरात्र 2021 तक लगभग 180 दिवस तक प्रस्तावित था। परन्तु मिशन की सफलता एवं इसके सार्थक परिणामों को देखते हुए इसे आगे भी द्वितीय चरण के रूप में जारी रखा गया तथा अब माह अगस्त, 2021 से आगे दिसम्बर, 2021 तक ’मिशन शक्ति 3.0’ की शुरूआत की गई है।

समाज में ऐसी तमाम संस्थाएं और संगठन हैं जो महिलाओं को सशक्त बनाने के काम में चुपचाप लगे हुए हैं। चाहे सरकार की नीतियों का लाभ दिलाने की बात हो या फिर खुद की किसी योजना के तहत उन्हें लाभ पहुंचाने का प्रयास हो, ये लोग बिना किसी शोरगुल के देश की आधी आबादी के उनके अधिकारों से लैस कर रहे हैं।


’मिशन शक्ति’ के माध्यम से सरकार में शामिल प्रतिनिधियों, विभिन्न विभागीय अधिकारियों सहित जनसामान्य को जागरूक करने हेतु हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। मिशन के उद्देश्य यह भी है कि महिलाओं के प्रति समाज की सोच में सकारात्मक परिवर्तन आए तथा महिलाएं व बच्चे विशेषकर बालिकाएं आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हो।’मिशन शक्ति 3.0’ के अन्तर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा एक विस्तृत कार्ययोजना जारी की गई है और इसे माह अगस्त, 2020 से माह दिसम्बर, 2021 के बीच विभिन्न चरणों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत अगस्त के प्रथम सप्ताह में ’हक की बात जिलाधिकारी के साथ’ कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश के सभी जनपदों में किया गया है। जिसमें यौन हिंसा, लैंगिक असमानता, घरेलू हिंसा, कन्या भू्रण हत्या, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न तथा दहेज हिंसा आदि के संबंध में संरक्षण, सुरक्षा तंत्र जैसे विषयों पर पारस्परिक संवाद का आयोजन किया गया है। ऐसे संवादों से समाज में महिला मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ी है तथा उनकी सुरक्षा की राह आसान हुई है। अगस्त के द्वितीय सप्ताह में दिनांक 11 अगस्त, 2021 को किसी भी सरकारी अस्पताल में जन्म लेने वाली बालिकाओं के जन्मोत्सव का आयोजन किया गया है, जिसमें जनपद में जन्म लेने वाली बालिकाओं की संख्या के बराबर वृक्षारोपण कर उन वृक्षों के संरक्षण की जिम्मेदारी ’पुरूषों तथा बालकों’ को दी गई है। कन्या जन्मोत्सव का यह कार्यक्रम बेटियों के जन्म को बोझ मानने वाले समाज की मानसिकता में परिवर्तन का वाहक बन रहा है। साथ ही इसके दूरगामी लक्ष्य को देखे तो वृक्षारोपण के माध्यम से प्रदेश सरकार पर्यावरण की रक्षा व पर्यावरणीय संतुलन को बढ़ावा भी दे रही है। यह भी कि कन्या जन्मोत्सव का यह कार्यक्रम परिवार में सामंजस्य, संतुलन, सौहार्द को भी बढ़ावा देने वाला साबित हो रहा है। क्योंकि उन वृक्षों के संरक्षण का दायित्व परिवार के पुरूषों व बालकों को ही दिया गया है।

महिला सशक्तीकरण को बेहद आसान शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि इससे महिलाएं शक्तिशाली बनती है जिससे वह अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती है और परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती है। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना महिला सशक्तीकरण है।


’मिशन शक्ति 3.0’ के अन्तर्गत दिनांक 12 अगस्त, 2021 को स्वावलम्बन कैंप का आयोजन किया गया है। जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किये जा सकने वाले परिवारों, महिलाओं तथा बच्चों के आवेदनों की समस्त कार्यवाही एक ही स्थान पर पूरी की जा रही है। स्वावलम्बन कैंप की यह अवधारणा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रदेश की महिलाओं, बेटियों के विकास, कल्याण हेतु प्रतिबद्धता व संवेदनशीलता का परिचायक है।इसी प्रकार मिशन शक्ति 3.0 के अन्तर्गत अगस्त, 2021 से दिसम्बर, 2021 के मध्य विभिन्न सप्ताहों में ’मेगा इवेन्ट’-रक्षा उत्सव’, ’कानूनी जागरूकता अभियान’, ’मेगा इवेन्ट-प्रधान सम्मेलन’, ’नुक्कड़ नाटक’, डिजिटल/एनालॉग गुड्डा-गुड्डी बोर्ड की स्थापना, मेगा इवेन्ट-’नायिका’ बालिकाओं तथा महिलाओं द्वारा सांकेतिक भूमिका निर्वहन कार्यक्रम, मेगा इवेन्ट-’मेधावी छात्राओं और जेण्डर चैम्पियन्स का सम्मान’, मेगा इवेन्ट-अनंता (प्रेरक महिलाओं तथा बालिकाओं की पहचान व सम्मान), सुरक्षा एक्सप्रेस जैसे महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान, गरिमा एवं हक से सम्बन्धित अनेक कार्यक्रमों का आयोजन प्रदेश स्तर पर एवं सभी जनपदों में, सभी ग्राम सभाओं में किया जाना प्रस्तावित है। इसी अवधि तक प्रदेश के बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा बच्चों मंे कुपोषण के प्रबंधन एवं खात्में हेतु सघन अभियान भी चलाया जा रहा है। अगस्त माह में शिशु पोषण पर एवं सितम्बर माह में जीवन के पहले हजार दिन पर केन्द्रित गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। ऐसी बाल केन्द्रित गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश सरकार बच्चों में कुपोषण एवं इससे जनित अन्य बीमारियों पर प्रभावी रोक लगा रही है।


समान वेतन का अधिकार समान पारिश्रमिक अधिनियम के अनुसार, अगर बात वेतन या मजदूरी की हो तो लिंग के आधार पर किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जा सकता । ऑफिस में हुए उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार काम पर हुए यौन उत्पीड़न अधिनियम के अनुसार आपको यौन उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का पूरा अधिकार है।

मिशन शक्ति 3.0 के अन्तर्गत प्रत्येक माह के अंतिम दिवस पर मार्च, 2021 महिलाओं एवं किशोर-किशोरियों के सशक्तीकरण तथा बाल विवाह उन्मूलन हेतु बनायी गई जनपद स्तरीय वार्षिक अभिसरण कार्ययोजना तथा जनपद स्तरीय बाल संरक्षण कार्ययोजना के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में की जाएगी। यह महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने एवं बाल विवाह को रोकने में सरकार के प्रयासों को बल प्रदान करेगी। मिशन शक्ति के दौरान ही महिला कल्याण विभाग के अन्तर्गत निराश्रित महिलाओं एवं बच्चों हेतु संचालित समस्त राजकीय गृहों के भवनों का जीर्णाेद्धार भी कराया जा रहा है एवं उनमें वेन्टीलेशन की व्यवस्था, खेल, मनोरंजन, योग, कौशल विकास, शिक्षा, शौच हेतु पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है।प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के समग्र विकास पर केन्द्रित ’मिशन शक्ति’ अभियान समाज में व्यापक मानसिक परिवर्तन लाकर महिलाओं के प्रति सकारात्मक व्यवहार को प्रेरित कर रहा है। सरकार विभिन्न विभागों के माध्यम से महिलाओं के लिए विकास के अवसरों की वृद्धि कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में संचालित यह अभियान प्रदेश की जनता की व्यापक भागीदारी के माध्यम से अपने लक्ष्य ओर बढ़ रहा है। महिलाएं सशक्त होगी, बेटियां सुरक्षित होगी तो उत्तर प्रदेश, उत्तम प्रदेश की अवधारणा को भी सार्थक सिद्ध करेगा। इस प्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के विजन ’सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास’ को मिशन शक्ति बढ़ावा दे रहा है।

‘सशक्त महिला, सशक्त समाज’ देश के विकास में दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं। देश में महिलाओं का सशक्तिकरण होना आज की महती आवश्यकता है। महिला सशक्तिकरण यानी महिलाओं की आध्यात्मिक, राजनीतिक, सामाजिक या आर्थिक शक्ति में वृद्धि करना।भारत का संविधान सभी भारतीय महिलाओं की समानता की गारंटी देता है।

योगी सरकार ने महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान के लिए शुरू किया है मिशन शक्ति अभियान

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति अभियान चला रही है जिसके तहत एक तरफ तो बेटियों को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ उनको स्किल ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जा रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिसमें महिलाओं को उनकी सेहत, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के बारे में जागरूक किया जाता है। महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक लगभग 75 लाख ज्यादा ग्रामीण महिलाओं तक इस जागरूकता अभियान को ले जाया गया है।महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी संगठन उनको रोजगार के नए अवसरों की जानकारी देकर जागरूक करने के काम में जुटे हैं। लघु व कुटीर उद्योग, जैविक खेती, मास्‍क, ड्रेस व डिजाइनर ज्‍वैलरी से जुड़े कामों के प्रशिक्षण उनको दिए जा रहे हैं। महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय का इस बारे में कहना है कि यूपी की हर महिला तक मिशन शक्ति के तहत चल रही योजनाओं का लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है। महिलाओं और बालिकाओं की सोच में बदलाव हो, इसकी कोशिश हम कर रहे हैं।

महिलाओं को जागरूक करते हुए कहा कि वे अपने अधिकारों व कर्तव्य को पहचानें और स्वावलंबी बनें ताकि उन्हें किसी पर आश्रित न रहना पड़े। वे खुद समाज के विकास में भागीदारी निभाएं।इस ओर हमें अधिक ध्यान देना होगा ताकि हमारी बेटियां व महिलाएं पढ़कर एक अच्छे समाज और राष्ट्र का निर्माण कर सकें।

ग्रामीण इलाके की बेटियों और महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देने के लिए कार्यशालाओं के आयोजन हो रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में ग्रामीण इलाकों में लगभग 15,534 महिलाओं और 55,475 लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया गया है। सरकारी योजनाओं के लाभ को महिलाओं तक पहुंचाकर भी उनको सशक्त किया जा रहा है। निराश्रित महिला पेंशन योजना के जरिए लगभग 30 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ दिया गया। कन्या सुमंगला योजना के जरिए लगभग 6 लाख से ज्यादा बेटियों तक सरकारी मदद पहुंचाई गई। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के जरिए 35 लाख से ज्यादा बेटियों को लाभान्वित किया गया। रानी लक्ष्‍मी बाई महिला एवं सम्‍मान कोष योजना के तहत करीब 6 हजार हिंसा पीड़िताओं की सहायता की गई।

वर्तमान दौर महिला सशक्तिकरण का दौर है आज महिलाएं आँगन से लेकर अंतरिक्ष तक पहुँच गयी हैं लेकिन फिर भी कुछ क्षेत्रों में महिलाओं की हालत दयनीय बनी हुई है। अनुच्छेद 39 राज्य द्वारा अनुसरणीय कतिपय नीति-निर्देशक तत्व के अंतर्गत सभी नागरिकों के लिए जीविका के पर्याप्त साधनों की उपलब्धि, स्त्रियों को समान कार्य के लिए पुरुषों के बराबर वेतन, स्त्रियों की शोषण से रक्षा आदि अधिकारों से महिलाओं को गरिमामय जीवन-यापन को प्रेरित करता है।