जहाँ से पेपर आउट हुआ वहीं से अब शिक्षकों के होंगे तबादले

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जयपुर में जिस शिक्षा संकुल से रीट का पेपर आउट हुआ उसी में बैठक कर अब शिक्षकों के तबादले होंगे।विधायकों को खुश करने वाली सरकारी नीति का दलाल भी फायदा उठाएंगे। एक विधायक की सिफारिश पर 400 शिक्षकों के तबादले।

एस0 पी0 मित्तल

राजस्थान के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि अब परिवेदनाओं पर शिक्षकों के तबादले होंगे। सरकार कोई तबादला नीति नहीं बना रही, बल्कि शिक्षकों की परिस्थितियों को देखते हुए तबादले किए जाएंगे। जानकार सूत्रों के अनुसार शिक्षकों के तबादला प्रार्थना पत्रों की जांच पड़ताल का काम जयपुर स्थित शिक्षा संकुल में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परिसर से किया जाएगा। इसके लिए 13 जून से कैंप लगाए जा रहे हैं। जिला वार शिक्षा अधिकारी आएंगे और तबादला सूची तैयार करेंगे। यह वही शिक्षा संकुल है जिसमें पिछले दिनों रीट का प्रश्न पत्र आउट हुआ था। एसओजी की जांच में माना गया कि दलालों ने शिक्षा संकुल से ही प्रश्न पत्र प्राप्त किया। यानी यह शिक्षा संकुल दलालों का पसंदीदा स्थान है। अब शिक्षकों के तबादले के लिए भी इसी शिक्षा संकुल को उपयुक्त स्थान माना गया है। इस बार शिक्षकों के तबादले अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए किए जाएंगे। माना जा रहा है कि 40 हजार शिक्षक इधर से उधर होंगे। प्रदेश में शिक्षकों की संख्या करीब 65 हजार हैं। तबादलों में कांग्रेस और सरकार के समर्थक विधायकों की सिफारिश को प्राथमिकता दी जाएगी। कहा जा रहा है कि एक विधायक चार सौ शिक्षकों की सिफारिश कर सकेगा।

अशोक गहलोत के नेतृत्व में चलने वाली कांग्रेस सरकार को 200 में से 126 विधायकों का समर्थन है। कांग्रेस के विधायकों की संख्या 108 है। तबादलों में इन 108 कांग्रेस विधायकों की सिफारिश तो मानी ही जाएगी इसके साथ ही 13 निर्दलीय 2 बीटीपी, 2 कम्युनिस्ट पार्टी के विधायकों की सिफारिश भी असर होगी। तबादला कारोबार के जानकारों का मानना है कि एक विधायक की 400 सिफारिशों को देखते हुए दलाल भी फायदा उठाएंगे। दलाल शिक्षक और विधायक के बीच भूमिका निभाएंगे। तृतीय श्रेणी के शिक्षक लंबे समय से तबादलों का इंतजार कर रहे हैं। सरकार ने साढ़े तीन साल तो नीति बनाने में ही गुजार दिए, जब कोई नीति ही नहीं बनी तो शिक्षा मंत्री कल्ला ने घोषणा कर दी कि अब परिवेदनाओं के आधार पर ही तबादले होंगे। स्वाभाविक है जब शिक्षा अधिकारी प्रार्थना पत्रों के आधार पर सूची बनाएंगे तो उन विधायकों की सिफारिश चलेगी जो गहलोत सरकार को चला रहे हैं। पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने आरोप लगाया है कि विधायकों की सिफारिश पर होने वाले तबादलों में जमकर भ्रष्टाचार होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को पारदर्शी नीति बनाकर तबादले करने चाहिए। लेकिन कांग्रेस शासन में ईमानदारी और पारदर्शिता की बात बेमानी है।