सैफई में लगातार गिरी रही गाज
सैफई में लगातार गिरी रही गाज

सैफई में लगातार गिरी रही गाज,भूमाफियाओं के इशारे पर खुद को प्लाट का मालिक बताने बाला प्रमोद जांच के दौरान रहा गायब। पहले एसडीएम सैफई रामदयाल रमन निपटे, अब थाना प्रभारी सैफई पर गिरी गाज, चार्ज छिना, जांच बैठी। जांच में भाजपा कार्यकर्ता अवनीश जाटव के प्लाट पर पाया गया अवैध कब्जा, प्लाट का मालिक बताने बाला प्रमोद हुआ गायब, नही आया सामने।

अवनीश कुमार

इटावा। नगला सुभान के भाजपा कार्यकर्ता के प्लाट के विवाद प्रकरण में स्पष्ट आख्या उपलब्ध न कराए जाने व तमाम अन्य शिकायतों को लेकर जिलाधिकारी इटावा ने कुछ दिन पूर्व तत्काल प्रभाव से एसडीएम सैफई को चार्ज से हटा दिया था। उसके बाद दूसरी गाज सैफई के प्रभारी निरीक्षक रमेश सिंह पर गिरी उन्हें भी थाना सैफई से हटा कर विवेचना विंग में भेजा गया है।तहसील क्षेत्र के ग्राम नगला सुभान में सैफई चौराहे से जसवंतनगर रोड पर कुछ दूरी पर एक प्लाट है उस प्लाट के संबंध में अवनीश कुमार पुत्र महेंद्र सिंह ने दावा किया है कि यह जमीन मेरे पिता जी की है और मेरे पिताजी पूर्व में 4 प्लाट बेच चुके हैं पांचवा प्लाट बचा है वह मेरे खेत का है मेरा है जिस पर प्रधान पति सुनील प्रताप सिंह व राधा कृष्ण यादव प्रधान कब्जा किए हैं। इसकी शिकायत पिछले छह वर्षों में दर्जनों बार की गई।लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई।

सैफई में लगातार गिरी रही गाज

इटावा के निष्पक्ष जिलाधिकारी अवनीश राय से मिलकर पीड़ित अवनीश कुमार जाटव भाजपा कार्यकर्ता ने अपनी व्यथा बताई तो जिलाधिकारी ने एसडीएम सैफई को तत्काल प्रभाव से निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए जिस पर एसडीएम, तहसीलदार व थानाध्यक्ष सैफई व लेखपालों की टीम ने मौके पर जाकर जांच की और जांच में पाया गया कि प्लाट महेंद्र सिंह जाटव का है उसके बाद थानाध्यक्ष रमेश सिंह व एसडीएम सैफई ने खड़े होकर के नींव खुदवाई उसके अगले दिन इन दोनों अधिकारियों ने खड़े होकर के नींव भरवा दी।

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पीड़ित का आरोप है कि पहली ही जांच में यह साबित हो गया था कि जमीन मेरी है पुलिस द्वारा पुलिस व राजस्व के अधिकारियों द्वारा कब्जा भी दिलवा दिया गया था उसके अगले दिन सैफई थानाध्यक्ष ने मोटी रकम लेकर भू माफियाओं से सांठगांठ करके मेरी जमीन पर गुंडे भेज करके कब्जा करवा दिया। यही नहीं इस दौरान राधा कृष्ण यादव ने अवनीश की कनपटी पर पिस्टल लगा दी जब अवनीश की बूढ़ी मां को कोई उपाय नही सूझा तो उसने बेटे बचाने के लिए कपड़े फाड़ दिए। डाक विभाग जाएं। भूमाफियाओं ने उस अर्धनग्न महिला का वीडियो बना लिया और महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। अवनीश जाटव ने थाना पुलिस को पत्र दिया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। बल्कि उल्टा उसके व उसके पिता उसकी पत्नी के विरुद्ध दो फर्जी मुकदमा दर्ज कर लिए। अवनीश ने बताया कि प्रधानपति सुनील ठाकुर थाने में एसओ के सामने गाली गलौज कर रहा था और बदतमीजी करने लगा था जिसे थानाध्यक्ष ने रोका नहीं बल्कि सुनील प्रताप सिंह से प्रार्थना पत्र लेकर गांव की घटना दिखा कर फर्जी मुकदमा लिख लिया

वीडियो बायरल होने के बाद पुलिस व प्रशासन में हड़कंप मच गया लेकिन थानाध्यक्ष सैफई ने वीडियो के सम्बंध में कोई मुकदमा दर्ज नही किया। प्लाट की नींव भरने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया और जिलाधिकारी इटावा ने पुनः एसडीएम सैफई को जांच का आदेश दिया तो एसडीएम सीओ, भाजपा नेता अजय यादव ने प्लाट की दोबारा नापतोल कराई तो अवनीश के प्लाटों पर अवैध कब्जा पाया गया।जब कि एसडीएम सैफई ने फर्जी अफ़बाह फैला दी कि प्लाट भाजपा नेता का नहीं है अवनीश का दावा था कि मेरे जिस प्लाट को प्रमोद के नाम बताया जा रहा है वह अपनी जमीन बेचकर पूर्व में जा चुका था। एसडीएम सैफई ने नापतोल के पहले प्रमोद को कई फोन किए लेकिन प्रमोद प्लाट पर नहीं आया जबकि उससे पहले प्रमोद प्लाट का मालिक बनकर थाना सैफई में अवनीश जाटव व उसके पिता व मां के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करा चुका था।

इस पूरे मामले में एसडीएम सैफई रामदयाल रमन ने 5 पेज की जांच आख्या तैयार करके जिलाधिकारी इटावा को भेजी लेकिन उन्होंने जांच आख्या में गोलमाल कर दिया। कहीं भी किसी भी जगह यह नहीं लिखा था कि विवादित प्लाट महेंद्र सिंह का नहीं है बल्कि प्रमोद का है और भाजपा कार्यकर्ता अवनीश जाटव प्रमोद के प्लाट पर कब्जा करना चाह रहा था। एसडीएम सैफई ने मीडिया कर्मियों को भी बयान दिया उक्त प्लाट भाजपा नेता अपनीश जाटव का नहीं है बल्कि प्रमोद का है। एसडीएम का ब्यान अखबारों की सुर्खियां बना तो इटावा जिले के भाजपा जनता पार्टी के सभी नेता लामबंद हो गए और जिलाधिकारी को पूरे प्रकरण से अवगत कराया। जिस पर जिलाधिकारी ने खबर छापे जाने वाले दिन ही एसडीएम सैफई को हटा दिया। सूत्र बताते हैं एसडीएम की पूर्व में भी कई शिकायतें थी जिसकी बजह से उन्हें हटाया गया था। इस प्रकरण में आरोपी थाना प्रभारी रमेश सिंह की भूमिका भी संदिग्ध रही और उन्होंने भू माफियाओं से हमला करवा दिया।

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हमला होने से पूर्व अवनीश जाटव ने अपने नम्बर से एसओ सैफई को कॉल रिकॉर्डिंग भेजी जिससे यह साबित हो रहा था कि हमलावर रास्ता घेरे हुए खड़े हैं और यह बात अवनीश ने एसओ को फोन करके बतानी चाही लेकिन एसओ सैफई ने फोन नही उठाया उसके बाद अवनीश ने एसओ को कॉल रिकॉर्डिंग भी भेजी और मैसेज भी किया एसओ ने वॉइस मैसेज डाउनलोड करके सुन भी लिया और देख लिया। लेकिन उसके बाद भी फोन नहीं उठाया। अवनीश जाटव बताते हैं सैफई सीओ नागेंद्र चौबे द्वारा थाने से सीयूजी मोबाइल मंगा कर देखा गया है और उन्होंने रिकॉर्डिंग अपने मोबाइल पर भी व्हाट्सएप कर लिया है मोबाइल में मौजूद है। लेकिन पुलिस ने अभी तक एसओ सैफई की घटना में शामिल होने की कोई भी जांच नहीं की। आखिर थाना अध्यक्ष रमेश सिंह को क्यों बचाया जा रहा है

सैफई से बिल्कुल सटे हुए दलित बाहुल्य गांव नगला सुभान में कभी भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस का कभी कोई बस्ता नहीं लगा ना ही कोई एजेंट बना। लेकिन इस बार अवनीश जाटव व आनंद गुप्ता ने भाजपा का प्रचार प्रसार किया घर-घर जाकर वोट मांगे और क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के सांसद विधायक मंत्रियों के साथ गांव गली घूम कर वोट मांगे गए और बस्ता भी लगाया और एजेंट भी बने।सुनील प्रताप सिंह प्रधान पति गांव की महिलाओं पुरुषों को लेकर एसडीएम सैफई से अपने विरुद्ध दर्ज मुकदमे की निष्पक्ष जांच के लिए मिला 50 से अधिक महिला और पुरुषों को अपने साथ लेकर गया इस दौरान जो महिला पुरुष सुनील प्रताप सिंह के साथ नहीं गए उनके खिलाफ थाना सैफई से मिलकर साजिश करके 107/ 16 की कार्रवाई करवा दी। यह मुद्दा ट्विटर पर बहुत तेजी से उठाया गया। एडीजी कानपुर, आईजी कानपुर, ने एसएसपी इटावा को जांच करने के आदेश दे दिए सूत्र बताते हैं कि निष्पक्ष एसएसपी संजय कुमार ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल सैफई थानाध्यक्ष रमेश सिंह को हटा दिया।

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थानाध्यक्ष ने 65 साल से भी अधिक के बुजुर्गों व दिव्यांग पर भी कार्रवाई कर दी। भारतीय जनता पार्टी के अटल सेना के जिला अध्यक्ष आनंद गुप्ता के विरुद्ध भी निरोधात्मक कार्यवाही की गई। जब कि सुनील प्रधान पति से उनका कोई विवाद नहीं है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री ज्योति गौतम जिसके खेत पर सुनील प्रताप सिंह राधा कृष्ण ने कब्जा कर रखा था उस कब्जे को जिलाधिकारी इटावा द्वारा खाली करा दिया गया है। राधा कृष्ण व सुनील प्रताप सिंह ज्योति की फसल को लगातार बकरियों से चरवा देते है। 2 साल से उसकी फसल को जानवरों से चरवा दिया जाता है इस संबंध में ज्योति ने 21 फरबरी को एसएसपी इटावा को पत्र देकर कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने अभियुक्तों के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की थी बल्कि उल्टा ज्योति गौतम व उसके बीमार दिव्यांग पति के विरुद्ध 107/116 में कार्रवाई कर दी। ऐसे तमाम लोग थे जो प्रधान के साथ नहीं गए उन्होंने समाजवादी पार्टी को वोट नहीं दिया सिर्फ उन्हें ही निशाना बनाया जा रहा है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है अब देखना यह है कि नगला सुभान के प्लाट का विवाद कब शांत होगा।

भाजपा नेता अजय यादव का कहना है कि एसडीएम सैफई रामदयाल ने मौके पर बताया कि विवादित प्लाट अवनीश के पिता का है इसके अलावा अवनीश के पिता के चार अन्य प्लाटों पर भी अवैध कब्जा किया गया है। उसके बाद भूमाफियाओं के कहने पर एसडीएम सैफई ने सरकार व भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने के लिए अफवाह फैला दी कि विवादित प्लाट भाजपा कार्यकर्ता अवनीश जाटव का नहीं है। एसडीएम सैफई जिस प्रमोद जाटव का प्लाट बता रहे थे और जिसने प्लाट का मालिक बनकर थाना सैफई में अवनीश व उसके माँ बाप कर विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। वह व्यक्ति मुकदमा दर्ज कराने के बाद कहीं भी नजर नहीं आ रहा है जानकारी मिल रही है कि उसने अपने हिस्से की जमीन से भी ज्यादा जमीन बेच दी है। अब उसकी कोई भी जमीन नहीं बची है लेकिन भूमाफिया उसको आगे करके पुलिस से सांठगांठ करके फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया ताकि बाद में जमीन को बेच सकें।

यही नहीं एसडीएम सैफई के द्वारा कई बार प्रमोद जाटव से संपर्क किया गया लेकिन वह सामने नहीं आया और ना ही किसी भी कागज पर उसके हस्ताक्षर है भूमाफिया प्रमोद से मिलकर प्रमोद को आगे करके जमीन पर कब्जा किए थे निष्पक्ष जिलाधिकारी अवनीश राय द्वारा कब्जा हटवाया गया। उसके बाद थानाध्यक्ष सैफई ने मोटी रकम लेकर माफियाओं से मिलकर पुनः कब्जा करवा दिया। लेकिन भूमाफिया यह भूल गए के बाबाजी का बुलडोजर भू माफिया पर जमकर गरज रहा है भाजपा सरकार में किसी भी कार्यकर्ता पर उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उत्पीड़न करने वाले बालों की संपत्ति जब्त की कार्रवाई के लिए जल्दी मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। सैफई में लगातार गिरी रही गाज