मनकामेश्वर घाट पर हुई बुद्ध पूर्णिमा पर गोमती आरती

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मनकामेश्वर घाट पर हुई बुद्ध पूर्णिमा पर गोमती आरती,दिया गया भगवान बुद्ध के अहिंसा के पालन का संदेश,सम्मानित हुए रचनात्मक छायाकार रंगनाथ तिवारी।

लखनऊ। डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मठ मंदिर की ओर से रविवार 15 अप्रैल को मनकामेश्वर घाट उपवन में बनारस की तरह 11 वेदियों से पूर्णिमा पर मां गोमती की आरती, श्रीमहंत देव्यागिरि की अगुआई में की गई। जयघोष, घंटे-घड़ियाल, शंखनाद और डमरू वादन के साथ आचार्य शिवराम अवस्थी के मंत्रोच्चार के साथ विधिविधान से जीवनदायीनी मां गोमती की आरती की गई। इस अवसर पर श्रीमहंत देव्यागिरि ने बुद्धपूर्णिमा की बधाइयां देते हुए रचनात्मक छायाकार रंगनाथ तिवारी को सम्मानित भी किया। उन्होंने बीते दिनों गोमती आरती के दौरान घाट पर स्थापित आदिगंगा मां के साथ अस्ताचल सूर्य का मनोहारी दृश्य अपने कैमरे से लिया था।घाट पर स्थापित मां गोमती की मूर्ति का पूजन करने के बाद श्रीमहंत देव्यागिरि ने महा आरती की। इस अनुष्ठान से गौरव, सुनील, अजय, अश्वनी, हिमांशु, रवि, अमन, अभिषेक, विश्वजीत, शिवम, सचिन सहित अन्य जुड़े। आरती के लिए घाट परिसर को उपमा पाण्डेय के दल ने रंगोली और वेदियों को फूल, पट आदि से आकर्षक रूप में सजाया गया था।
 
श्रीमहंत देव्यागिरि ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा महापर्व है क्योंकि वैशाख पूर्णिमा को तथागत का नेपाल के लुंबिनी में जन्म हुआ था। वैशाख पूर्णिमा पर ही उन्हें बोधगया में बुद्धत्व प्राप्ति हुआ था और वैशाख पूर्णिमा पर ही कुशीनगर में महापरिनिर्वाण हुआ था। इसलिए इसे त्रिविध पावनी जयंती भी कहते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व को वर्तमान में भगवान बुद्ध द्वारा प्रदत्त अहिंसा के संदेश की परम आवश्यकता है। यह दुनिया मानव से लेकर पशु पक्षियों तक की है। ऐसे में सबके लिए संरक्षण और प्रेम जरूरी है। इस क्रम में सोमवार 16 मई की सुबह श्रीमहंत देव्यागिरि द्वारा कला एवं शिल्प महाविद्यालय प्रवेश द्वार पर स्थित भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी।