स्वस्थ भारत के संकल्प को पूरा करती सरकार

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मोदी का विजन बना योगी मिशन
मोदी का विजन बना योगी मिशन


बृजनन्दन राजू

मजन को गुणवत्तापूर्ण व सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराते हुए केन्द्र की मोदी सरकार स्वस्थ भारत समृद्ध भारत के संकल्प को साकार कर रही है। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की हालत किसी से छिपी नहीं थी। ग्रामीण क्षेत्रों की सीएचसी पीएचसी पर चिकित्सक होते थे तो दवा नहीं और दवा होती तो चिकित्सक नहीं। आज यह हालत बदली है। जन स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए सरकार निरन्तर काम कर रही है। चिकित्सा शिक्षा के साथ—साथ अनुसन्धान को समुचित प्रोत्साहन दिया जा रहा है। भारत ने गुणवत्तापूर्ण और सस्ती दवाओं के उत्पादन व सस्ते इलाज में अपनी पहचान बनाई है। यही कारण है कि आज विश्व के कई देशों के मरीज भारत में अपना इलाज कराने आते हैं। देश के चिकित्सकों की योग्यता व प्रतिभा के बल पर भारत आज स्वास्थ्य क्षेत्र की हर चुनौती का मुकाबला करने में सक्षम है। योग व आयुर्वेद के क्षेत्र में आज देश और दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। मोदी के सद्प्रयासों से विश्व के अनेक देशों में 21 जून को योग दिवस मनाया जाने लगा है। स्वस्थ भारत के संकल्प को पूरा करती सरकार

स्वस्थ भारत के संकल्प को पूरा करती सरकार


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के नौ साले बेमिसाल रहे हैं। इन नौ वर्षों में भारत ने हर क्षेत्र में प्रगति की है। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश नित नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। विगत नौ वर्षों में मोदी सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाने का काम किया है। वैसे इन नौ वर्षों में मोदी सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं लेकिन सरकार की दो योजनाएं गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। इनमें पहली आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और प्रधानमंत्री जन औषधि योजना है। इस योजना के तहत गरीब परिवारों को पांच लाख रूपये तक मुफ्त इलाज व जांच की सुविधा प्रदान की जा रही है। अभी तक कैंसर जैसी असाध्य व गंभीर बीमारियों का इलाज गरीब नहीं करवा पाता था। इस योजना के माध्यम से गरीब से गरीब व्यक्ति भी गंभीर बीमारियों का इलाज महंगे से मंहगे अस्पताल में करवा सकता है। इस योजना से सरकारी व निजी अस्पतालों को जोड़ा गया है। मरीज जहां चाहे वहां पर इस योजना के तहत अपना इलाज करवा सकता है।


आयुष्मान भारत योजना के तहत 10.7 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करते हुए देश के 4.5 करोड़ परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की गयी। गुणवत्तायुक्त एवं सस्ती जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जन औषधि योजना सरकार ने शुरू की। इसके तहत देशभर में बड़े पैमाने पर जन औषधि मेडिकल स्टोर खोले गये। इन केंद्रों पर ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50 से 90 फीसदी तक कम कीमत में दवाएं उपलब्ध हैं। वर्तमान में देशभर में 9300 से अधिक जन औषधि केन्द्रों पर सस्ती व ब्रांडेड दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर भी अब मरीजों को जेनेरिक दवाएं लिख रहे हैं।

स्वस्थ भारत के संकल्प को पूरा करती सरकार


आज देश में जहां अस्वास्थ्यकर जीवन शैली से उत्पन्न होनेवाले रोग तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं चिकित्सा सेवाएं महंगी होने से गरीब परिवार अपनी जमीन जायदाद बेंचकर भी गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं करा पाते थे। प्रधानमंत्री आयुषमान योजना के कारण आज गरीबों को इलाज मिल रहा है।घर बैठे ग्रामीण जनता को चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराने के लिए टेलीमेडिसिन सेवाओं का विस्तार किया गया। चिकित्सा के बुनियादी ढ़ांचे की मजबूती के लिए केन्द्र सरकार ने बजट उपलब्ध कराया।


गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा के लिए देश में 15 नये एम्स खोले गये। 2014 से पहले देश में मात्र सात एम्स थे। वह भी छह एम्स अटल जी की सरकार में बने। 2014 से पहले भारत में मात्र 387 सरकारी मेडिकल कालेज थे। वहीं वर्तमान में यह संख्या 71 फीसदी तक बढ़कर 700 के करीब हो गई है। पिछले नौ वर्षों में मेडिकल की सीटों की संख्या में बढ़ोत्तरी की गयी। वर्ष 2014 से पहले देश में एमबीबीएस की सीटें 51 हजार 348 थी वर्तमान में एक लाख 1 हजार 43 सीटें हो गई है। इनमें 52 हजार 778 सीटें सरकारी मेडिकल कॉलेज में हैं। वहीं 48 हजार 265 सीटें प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में हैं। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज की पीजी कोर्स की सीटों में 110 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2014 से पहले ये 31 हजार 185 थी अब यह बढ़कर 65 हजार 335 हो गई है।


प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा होती है कि जीवन भर स्वस्थ एवं सक्षम रहें। कोई भी सरकार या केवल एक पैथी के सहारे सबको स्वस्थ नहीं रखा जा सकता। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक होना होगा और एलोपैथी के साथ—साथ भारत की परम्परागज चिकित्सा पद्धति योग आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देना होगा। स्वास्थ्य के संबंध में संपूर्णता से विचार करते हुए केन्द्र सरकार एलोपैथ व आयुष के साथ समन्वय बनाकर काम कर रही है। देश के सभी नागरिक निरोग रहें व स्वास्थ्यपूर्ण जीवनशैली अपनाएं इसके लिए जागरूकता के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। समयोचित टीकाकरण होने से मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी आई है। चिकित्सा में विशेषज्ञ परामर्श हेतु सूचना प्रौद्योगिकी का जहां प्रभावी उपयोग किया जा रहा है वहीं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है।औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु आधुनिक प्रयोगशालाएं बनाई गयी हैं।


पराधीनता के कालखण्डों में भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को भुलाने का काम किया गया। भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति के गहन ज्ञान को पुनर्जीवित करने के लिए आयुष मंत्रालय बनाया गया। नौ वर्षों में योग, आयुर्वेद व होम्योपैथ को प्रोत्साहन दिया गया। मोदी के सद्प्रयासों से पूरी दुनिया में 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है।प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी के सशक्त नेतृत्व के कारण ही भारत वैश्विक त्रासदी कोरोना महामारी से उबरने में सफल हो पाया। बहुत ही कम समय में भारत ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन बनाने में सफलता हासिल की। दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान के तहत 220 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन डोज दिए गये। कोविडकाल में भारत ने दुनिया के दो दर्जन से अधिक देशों को मुफ्त में कोरोना का टीका दिया। दुनिया की पहली इंट्रानैसल कोविड-19 वैक्सीन बनाने में भी भारत ने सफलता हासिल की है। वैक्सीन निर्माण और नवाचार क्षमता की दुनियाभर में आज भारत की सराहना हो रही है। मोटे अनाजों को लोकप्रिय बनाने में मोदी सरकास फोकस कर रही है। चिकित्सकों के मुताबिक मोटे अनाजों के सेवन से बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है। स्वाभिमान संपन्न सामर्थ्यशाली स्वस्थ भारत का उदघोष आज चहुंओर हो रहा है। स्वस्थ भारत के संकल्प को पूरा करती सरकार