सरकार द्वारा सरकारी प्रोक्योरमेण्ट को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के प्रयास-नवनीत सहगल

113

केन्द्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में जेम पोर्टल के माध्यम सेसबसे अधिक खरीद करने के लिए उ0प्र0 को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।प्रदेश के अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 ने यह पुरस्कार वर्चुअली प्राप्त किया।मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा सरकारी प्रोक्योरमेण्ट को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के प्रयास निरन्तर किए जा रहे हैंइसके चलते सरकारी खरीद फरोख्त जेम पोर्टल के माध्यम से की जा रही।वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य द्वारा कुल 4,611 करोड़ रु0की खरीद जेम पोर्टल के माध्यम से की गई।राज्य सरकार सरकारी खरीद में पारदर्शिताबरतने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कटिबद्ध।जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदारी करनेके कारण भ्रष्टाचार पर बड़े पैमाने पर रोक लगी।विभिन्न विभागों द्वारा खरीदारी में मितव्ययिता,गुणवत्ता और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जा रही।


लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा सरकारी प्रोक्योरमेण्ट को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के प्रयास निरन्तर किए जा रहे हैं। इसके चलते सरकारी खरीद फरोख्त जेम पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में जेम पोर्टल के माध्यम से सबसे अधिक खरीद करने के लिए उत्तर प्रदेश को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस अवधि में राज्य द्वारा कुल 4,611 करोड़ रुपये की खरीद जेम पोर्टल के माध्यम से की गई।


   प्रदेश के अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल द्वारा आज वर्चुअली यह पुरस्कार जेम की पांचवीं वर्षगांठ पर सीआईआई के नेशनल पब्लिक प्रोक्योरमेंट 2021 के दो दिवसीय कॉन्क्लेव के समापन पर प्राप्त किया गया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में श्री सहगल ने कहा कि राज्य सरकार सरकारी खरीद में पारदर्शिता बरतने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदारी करने के कारण भ्रष्टाचार पर बड़े पैमाने पर रोक लगी है।

विभिन्न विभागों द्वारा जो खरीदारी की जा रही है, उसमें मितव्ययिता, गुणवत्ता और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रदेश के विभिन्न विभागों ने जेम पोर्टल से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 602 करोड़ रुपये, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1674 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2401 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जो लगातार बढ़ते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 4675 करोड़ रुपये हो गई है। वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक 3363 करोड़ रुपये की खरीद की गई है।