डबल बेनिफिट,डबल स्पीड,डबल इंजन की सरकार की पहचान

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उ0प्र0 के युवाओं में अपार प्रतिभा, इसलिए उ0प्र0 में डबल इंजन की सरकार कई विश्वविद्यालयों की स्थापना कर रही । उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में 23 लाख से अधिक लोगों को घरौनी दी जा चुकी । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने जितने गन्ना मूल्य काभुगतान किया, उतना पिछली दोनों सरकारों के दौरान किसानों को नहीं मिला था । पहले की सरकारों में चीनी मिलें कौड़ियों के भाव बेची जाती थीं, मुख्यमंत्रीयोगी आदित्यनाथ जी की सरकार में मिलें बन्द नहीं होती, मिलोंका विस्तार होता है, नई मिलें खोली जाती हैै । अब उत्तर प्रदेश गन्ने से बनने वाले एथनॉल के उत्पादन में भी तेजी सेआगे बढ़ रहा है, बीते साढ़े चार वर्ष में लगभग 12 हजार करोड़रुपये का एथनॉल प्रदेश से खरीदा गया है । मेरठ, मुजफ्फरनगर में छोटे और लघु उद्योगों का और विस्तार हो, यहां बड़े उद्योगों का मजबूत आधार बनें, यहां के कृषि उत्पादों को नये बाजार मिलें,इसके लिए भी अनेक प्रयास किये जा रहे । डबल बेनिफिट, डबल स्पीड, डबल इंजन की सरकार की पहचान, इस पहचान को और सशक्त करना है । युवा नये भारत का कर्णधार भी है और विस्तार भी, युवा नये भारत का नियंता भी है और नेतृत्वकर्ता भी, हमारे युवाओं के पास प्राचीनता की विरासत भी है और आधुनिकता का बोध भी, इसलिए जिधर युवा चलेगा, उधर भारत चलेगा,जिधर भारत चलेगा, उधर ही अब दुनिया चलने वाली है । आज साइंस के लेकर साहित्य तक, स्टार्टअपसे लेकर स्पोर्ट्स तक भारत के युवा ही छाये हुए । खिलाड़ियों को चाहिए – संसाधन, टेªनिंग की आधुनिक सुविधाएं, अन्तर्राष्ट्रीय एक्सपोजर, चयन में पारदर्शिता, हमारी सरकार ने बीते वर्षाें में भारत केखिलाड़ियों को यह चार शस्त्र जरूर मिलें, इसे सर्वाेच्च प्राथमिकता दी । विगत वर्ष ओलम्पिक व पैरालम्पिक में जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ, देश के बेटे-बेटियों ने करके दिखाया, मेडल की ऐसी झड़ी लगा दी कि पूरा देशकह उठा कि खेल के मैदान में भारत का उदय हो रहा । किसी नयी कार्य संस्कृति को आगे बढ़ाने का प्रयासकरने पर तीन चीजें-सान्निध्य, सोच और संसाधन जरुरी । देश में खेलों के लिए जरुरी है कि युवाओं में खेलों के लिए एक विश्वास पैदाहो, खेल को अपना प्रोफेशन बनाने का हौसला बढ़े, युवा खेलको भी दूसरे प्रोफेशन की तरह देखें ।


     भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेरठ में मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। 700 करोड़ रुपये की लागत के इस विश्वविद्यालय का निर्माण 91.38 एकड़ क्षेत्रफल में किया जाएगा। इस अवसर पर मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय पर केन्द्रित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी का स्वागत स्मृति चिन्ह भेंटकर किया।पूर्व राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर देश व प्रदेश का मान बढ़ाने वाले राज्य के खिलाड़ियों से संवाद किया। उन्होंने मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय के मॉडल तथा जनपद मेरठ में उत्पादित खेल के सामानों पर केन्द्रित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्होंने एक स्टॉल पर एक्सरसाइज मशीन का इस्तेमाल करके भी देखा।प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि साल की शुरुआत में मेरठ आना उनके लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। भारत के इतिहास में मेरठ एक शहर मात्र नहीं, हमारी संस्कृति और सामर्थ्य का महत्वपूर्ण केन्द्र भी है। रामायण, महाभारत से लेकर जैन तीर्थंकरों और पंचप्यारों तक मेरठ ने देश की आस्था को ऊर्जावान किया। सिन्धु घाटी की सभ्यता से देश के पहलेे स्वाधीनता संग्राम तक इस क्षेत्र ने दुनिया को भारत का सामर्थ्य दिखाया। वर्ष 1857 मंे बाबा औघड़ मन्दिर से उठी ललकार, ‘दिल्ली कूच’ के आह्वान ने देश को नई रौशनी दिखाई। इसी प्रेरणा से हम आजाद हुए और आज गर्व से अमृत महोत्सव मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में आने से पहले वे बाबा औघड़नाथ मन्दिर तथा अमर जवान ज्योति गये। स्वाधीनता संग्राम संग्रहालय में उस अनुभूति को महसूस किया, जो देश आजादी के लिए कुछ कर गुजरने वालों को प्रेरणा देेती थी।


मेरठ के इस क्षेत्र ने स्वतंत्र भारत को एक नई दिशा देने का कार्य किया। राष्ट्र रक्षा के लिए बलिदान हो या खेल के मैदान में राष्ट्र के लिए सम्मान, इस क्षेत्र ने सदा सर्वदा राष्ट्रभक्ति की अलख को प्रज्ज्वलित रखा है। नूरपुर मड़ैया ने चौधरी चरण सिंह जी के रूप में देश को एक विज़नरी नेतृत्व दिया। मेरठ मेजर ध्यानचन्द की भी कर्मस्थली रहा है। कुछ महीने पहले केन्द्र सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम दद्दा के नाम पर कर दिया। आज मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेजर ध्यानचन्द को समर्पित की जा रही है। खेल विश्वविद्यालय से मेजर ध्यानचन्द का नाम जुड़ जाने से उनका पराक्रम तो प्रेरणा देता ही है, उनके नाम मंे ध्यान शब्द भी एक संदेश देता है, बिना ध्यान केन्द्रित किये भी सफलता नहीं मिलती। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस यूनिवर्सिटी में पूरे ध्यान से कार्य करने वाले नौजवान देश का नाम रोशन करेंगे।
प्रधानमंत्री जी ने प्रदेश के नौजवानों को राज्य की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के लिए बधाई देते हुए कहा कि 700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह आधुनिक यूनिवर्सिटी दुनिया की श्रेष्ठ स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी होगी। यहां युवाओं को खेल से जुड़ी अन्तर्राष्ट्रीय सुविधाएं मिलेंगी। यह यूनिवर्सिटी कैरियर के रूप में स्पोर्ट्स को अपनाने के लिए स्किल्स का निर्माण करेगी। यहां हर साल एक हजार से अधिक बेटे-बेटियां बेहतरीन खिलाड़ी बनकर निकलेंगे। क्रांतिवीरों की यह नगरी खेल वीरों की नगरी के रूप में अपनी पहचान को और सशक्त करेगी।

आज उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखण्ड के अनेक छोटे-छोटे गांवों, कस्बों के सामान्य परिवारों से बेटे-बेटियां भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ऐसे परिवारों से भी बेटे-बेटियां आगे आ रहे हैं, जिसमें पहले संसाधन सम्पन्न परिवार के युवा ही हिस्सा ले पाते थे। इसी क्षेत्र के अनेक खिलाड़ियों ने ओलम्पिक तथा पैरालम्पिक में देश का प्रतिनिधित्व किया है। यह सरकार द्वारा गांव-गांव में किये जा रहे आधुनिक स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण का परिणाम है। पहले बड़े स्टेडियम शहरों में ही उपलब्ध थे। वर्तमान में गांव के पास भी यह सुविधा दी जा रही है। किसी नयी कार्य संस्कृति को आगे बढ़ाने का प्रयास करने पर तीन चीजें-सान्निध्य, सोच और संसाधन जरुरी होती हैं। खेलों से हमारा सान्निध्य सदियों पुराना रहा है। खेल की संस्कृति पैदा करने के लिए खेलांे से हमारे पुराने सम्बन्ध से ही काम नहीं चलेगा। इसके लिए एक नयी सोच भी चाहिए। देश में खेलों के लिए जरुरी है कि हमारे युवाओं में खेलों के लिए एक विश्वास पैदा हो। खेल को अपना प्रोफेशन बनाने का हौसला बढ़े। यही मेरा संकल्प और सपना है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि युवा खेल को भी दूसरे प्रोफेशन की तरह देखें।


प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जरुरी नहीं है कि खेल में जाने वाला हर युवा विश्व में नम्बर एक बने। देश में खेल का ईको सिस्टम तैयार होने पर स्पोर्ट्स मैनेजमेन्ट से लेकर स्पोर्ट्स राइटिंग और स्पोर्ट्स साइकोलॉजी तक कितनी ही सम्भावनाएं खड़ी हो जाती हैं। धीरे-धीरे समाज में यह विश्वास पैदा होता है कि स्पोर्ट्स की तरफ जाना युवाओं के लिए सही निर्णय है। इसके लिए संसाधनों की जरुरत होती है। आवश्यक संसाधन व इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से खेल की संस्कृति भी विकसित होने लगती है। खेलों के लिए आवश्यक संसाधन होने पर खेल संस्कृति भी आकार और विस्तार लेगी। इसलिए आज इस तरह की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी अत्यन्त आवश्यक है। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खेल की संस्कृति को पुष्पित और पल्लवित होने के लिए नर्सरी के तरह काम करती है। इसलिए आजादी के सात दशक बाद वर्ष 2018 में पहली नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी हमारी सरकार ने मणिपुर में स्थापित की। बीते सात सालों में देश भर में स्पोर्ट्स एजुकेशन और स्किल से जुड़े अनेक संस्थानों को आधुनिक बनाया गया। आज मेजर ध्यानचन्द स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के रूप में खेल में हायर एजुकेशन का एक और श्रेष्ठ संस्थान देश को मिला है।

प्रधानमंत्री ने जनपद मेरठ में मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया । 700 करोड़ रुपये की लागत के इस विश्वविद्यालयका निर्माण 91.38 एकड़ क्षेत्रफल में किया जाएगा । मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का स्वागत स्मृति चिन्ह भेंटकर किया । प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर देश व प्रदेश का मान बढ़ाने वाले राज्य के खिलाड़ियों से संवाद किया । प्रधानमंत्री ने मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय के मॉडल तथा जनपदमेरठ में उत्पादित खेल के सामानों पर केन्द्रित प्रदर्शनी का अवलोकन किया । प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनी में एक स्टॉल पर एक्सरसाइज मशीन का इस्तेमाल करके देखा । मेरठ के इस क्षेत्र ने स्वतंत्र भारत को एक नई दिशा देने का कार्य किया, राष्ट्र रक्षा के लिए बलिदान हो या खेल के मैदान में राष्ट्र के लिए सम्मान, इस क्षेत्र ने सदा सर्वदा राष्ट्रभक्ति की अलख को प्रज्ज्वलित रखा । आज मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेजर ध्यानचन्द को समर्पित की जा रही, 700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह आधुनिक यूनिवर्सिटी दुनिया की श्रेष्ठ स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी होगी, यहां युवाओं को खेल से जुड़ी अन्तर्राष्ट्रीय सुविधाएं मिलेंगी । मेरठ से ही अभी 100 से अधिक देशों को खेल का सामान निर्यातहोता है, मेरठ लोकल के लिए वोकल तो है ही, लोकल को ग्लोबल बना रहा । आवश्यक संसाधन व इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से खेल की संस्कृति भी विकसित होने लगती है, इसलिए आज इस तरह की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी अत्यन्त आवश्यक,स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खेल की संस्कृति को पुष्पित और पल्लवितहोने के लिए नर्सरी की तरह काम करती है । नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी खेल को प्राथमिकता दी गयी, खेलको अब साइंस, मैथमेटिक्स, कॉमर्स, जियोग्रार्फी जैसे विषयों की श्रेणी में रखा गया।


खेल की दुनिया से जुड़ी एक और बात ध्यान रखी जानी चाहिए। मेरठ के लोग इसे अच्छी तरह समझते हैं। खेल से जुड़ी सर्विस और सामान का वैश्विक बाजार लाखों-करोड़ों रुपये का है। मेरठ से ही अभी 100 से अधिक देशों को खेल का सामान निर्यात होता है। मेरठ लोकल के लिए वोकल तो है ही, लोकल को ग्लोबल बना रहा है। वर्तमान में देश भर में अनेक स्पोर्ट्स क्लस्टर्स को भी विकसित किया जा रहा है, जिससे देश खेल के सामान और उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग मंे आत्मनिर्भर बन सके। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी खेल को प्राथमिकता दी गयी है। खेल को अब साइंस, मैथमेटिक्स, कॉमर्स, जियोग्रार्फी जैसे विषयों की श्रेणी में रखा गया है। पहले खेल को एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था, लेकिन अब स्कूल में खेल एक विषय होगा। उसका उतना ही महत्व होगा, जितना बाकी विषयों का।उत्तर प्रदेश के युवाओं में अपार प्रतिभा है, इसलिए उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार कई विश्वविद्यालयों की स्थापना कर रही है। जनपद गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष यूनिवर्सिटी, प्रयागराज में डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज, अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप राज्य विश्वविद्यालय, सहारनपुर में माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, मेरठ में मेजर ध्यानचन्द स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनायी जा रही है। हमारा ध्येय साफ है कि देश का युवा न केवल रोल मॉडल बनें, बल्कि अपने रोल मॉडल को पहचाने भी। सरकारों की भूमिका अविभावक की तरह होती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार रिकॉर्ड संख्या में युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान कर रही है। आई0टी0आई0 से टेªनिंग पाने वाले हजारों युवाओं को बड़ी कम्पनियांे में रोजगार दिलाया गया है। नेशनल अप्रेन्टिसशिप योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का लाभ लाखों युवाओं को दिया गया है। श्रद्धेय अटल जी की जयन्ती पर उत्तर प्रदेश की सरकार ने विद्यार्थियों को टैबलेट व स्मार्ट फोन देने का अभियान शुरु किया है।


प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के नौजवानांे को केन्द्र सरकार की स्वामित्व योजना के बारे में जानना जरुरी है। इस योजना के तहत केन्द्र सरकार गांव में रहने वाले लोगों को उनकी प्रॉपर्टी के मालिकाना हक से जुड़े कागज, ‘घरौनी’ देने का कार्य कर रही है। घरौनी मिलने पर गांव के युवाओं को अपना काम-धन्धा करने के लिए बैंकांे से आसानी से मदद मिल पाएगी। घरौनी से गरीब, दलित, वंचित, पीड़ित, पिछड़े सभी समाज के हर वर्ग को अपने घर पर अवैध कब्जे की चिंता से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार द्वारा स्वामित्व योजना को तेजी से आगे बढ़ाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में 23 लाख से अधिक लोगों को घरौनी दी जा चुकी है। अधिकतर युवा ग्रामीण इलाकों में रहते हैं। केन्द्र सरकार ग्रामीण इलाकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से कल ही उत्तर प्रदेश के लाखों किसानों के खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किये गये हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ इस क्षेत्र के छोटे किसानों को हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने जितने गन्ना मूल्य का भुगतान किया, उतना पिछली दोनों सरकारों के दौरान किसानों को नहीं मिला था। पहले की सरकारों में चीनी मिलें कौड़ियों के भाव बेची जाती थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार में मिलें बन्द नहीं होती, मिलों का विस्तार होता है, नई मिलें खोली जाती हैै। अब उत्तर प्रदेश गन्ने से बनने वाले एथनॉल के उत्पादन में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। बीते साढ़े चार वर्ष में लगभग 12 हजार करोड़ रुपये का एथनॉल प्रदेश से खरीदा गया है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर और फूड प्रोसेसिंग उद्योगों को भी तेजी से विस्तार दे रही है। ग्रामीण स्तर पर भण्डारण की व्यवस्था बनाने, कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के लिए 01 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। डबल इंजन की सरकार युवाओं के सामर्थ्य के साथ ही इस क्षेत्र के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है। मेरठ के रेवड़ी-गज़क, हैण्डलूम, ब्रासबैण्ड, आभूषण जैसे कारोबार यहां की शान है। मेरठ, मुजफ्फरनगर में छोटे और लघु उद्योगों का और विस्तार हो, यहां बड़े उद्योगों का मजबूत आधार बनें, यहां के कृषि उत्पादों को नये बाजार मिलें, इसके लिए भी अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। इसलिए इस क्षेत्र को देश का सबसे आधुनिक रीजन बनाने का कार्य किया जा रहा है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की वजह से दिल्ली अब 01 घण्टे की दूरी पर रह गयी है। कुछ दिन पहले ही गंगा एक्सप्रेस-वे का काम शुरु हुआ है, वह भी जनपद मेरठ से शुरु होगा। देश का पहला रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम मेरठ को राजनीतिक राजधानी से जोड़ रहा है। मेरठ देश का पहला शहर होगा, जहां मेट्रो और हाईस्पीड रैपिड रेल एक साथ दौड़ेगी। मेरठ के आई0टी0 पार्क का भी लोकार्पण हो गया है। डबल बेनिफिट, डबल स्पीड, डबल इंजन की सरकार की पहचान है। इस पहचान को और सशक्त करना है।