कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए गठित टीम-11 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

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  • लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, गोरखपुर सहित 2000 से अधिक एक्टिव केस वाले सभी 10 जनपदों में रात्रि 08 बजे से प्रातः 07 बजे तक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी किया जाए। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करें। लोगों को मास्क और सैनिटाइजेशन के महत्व को समझाएं। आवश्यकतानुसार प्रवर्तन की कार्रवाई भी की जाए।
  • राजधानी लखनऊ में अन्य जनपदों के मरीजों का आगमन स्वभाविक है। अतः यहां अतिरिक्त व्यवस्था करने की आवश्यकता है। केजीएमयू और बलरामपुर हॉस्पिटल को पूर्णतः डेडिकेटेड हॉस्पिटल के रूप में तैयार किया जाए। यह कार्य चरणबद्ध ढंग से हो। नॉन कोविड मरीजों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए।
  • लखनऊ में टीएस मिश्र हॉस्पिटल, इंटीग्रल और हिन्द मेडिकल कॉलेजों को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में क्षमता विस्तार किए जाने की आवश्यकता है। अगले दो दिनों ने यहां अतिरिक्त बेड्स उपलब्ध कराए जाएं।
  • कोविड संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत कक्षा एक से 12वीं तक के विद्यालयों में 15 मई तक पठन-पाठन स्थगित रखा जाए। इस अवधि में कोई परीक्षा भी न आयोजित हो। माध्यमिक शिक्षा परिषद की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 20 मई के बाद आयोजित की जाएं। नई समय-सारिणी के लिए मई के पहले सप्ताह में विचार हो।
  • पंचायत चुनावों में संलग्न कार्मिकों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन हो। मतदान कर्मियों के लिए मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजेशन आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।
  • कोविड-19 के प्रसार के दृष्टिगत विभिन्न राज्यों से प्रवासी श्रमिकों की वापसी संभावित है। अतःसभी जनपदों में कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप क्वारन्टीन सेंटर संचालित हों। क्वारन्टीन सेंटरों में चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ भोजन/शयन आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
  • कोविड से बचाव के लिए उपयोगी रेमिडीसीवीर और ऑक्सीजन की उपलब्धता पर सतत नजर रखी जाए। मुख्य सचिव कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रतिदिन इसकी समीक्षा की जाए। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के किसी भी जनपद के किसी भी अस्पताल में इन आवश्यक चीजों का अभाव न हो।
  • सभी जनपदों में कोविड मरीजों के लिए बेड तथा ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। हर दिन इस स्थिति की जनपदवार समीक्षा की जाए। यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक जनपद में कोविड बेड, दवाओं, मेडिकल उपकरणों तथा ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे। प्रभारी मंत्रीगण अपने सम्बंधित जिलों की हर दिन समीक्षा करें।
  • बेड की संख्या में और बढ़ोत्तरी के लिए तेजी से प्रभावी कार्यवाही की जाए। कोविड चिकित्सालयों में चिकित्साकर्मियों एवं मेडिकल संसाधन की व्यवस्था प्राथमिकता पर की जाए।
  • टेस्टिंग कार्य पूरी क्षमता के साथ संचालित किया जाए। प्रदेश स्थित केन्द्रीय संस्थानों की प्रयोगशालाओं में उपलब्ध आरटीपीसीआर क्षमता का उपयोग करते हुए आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए। इन संस्थानों की आवश्यकताओं के अनुरूप मैनपावर का भी प्रबन्ध किया जाए। कोविड जांच के लिए ट्रूनेट मशीनों का उपयोग करना उपयोगी होगा।

होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों से नियमित संवाद बनाकर उनके स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी प्राप्त की जाए और आवश्यकतानुसार उनका मार्गदर्शन किया जाए। इस कार्य में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन-‘1076’ का भी उपयोग किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि लखनऊ सहित समस्त जनपदों में होम आइसोलेशन के कोविड मरीजों को सभी निर्धारित दवाओं के मेडिकल किट की सुचारु आपूर्ति होती रहे।

  • इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर 24×7 सक्रिय रहें। एम्बुलेंसों की गतिविधियों को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाए। प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रतिदिन इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में बैठक कर परिस्थितियों के अनुरूप रणनीति तय करें।
  • कोविड-19 से बचाव के बारे में लोगों को निरन्तर जागरूक किया जाए। इस कार्य में पब्लिक एड्रेस सिस्टम का व्यापक स्तर पर उपयोग करते हुए आमजन को सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने तथा मास्क का अनिवार्य उपयोग करने की जानकारी दी जाए। इस संबंध में प्रवर्तन की प्रभावी कार्रवाई की जाए।