सशक्त समाज का आधार स्वस्थ समाज

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  • मुख्यमंत्री ने कोविड की रोकथाम में अच्छा कार्य करने वाली आशा बहनों व आशा संगिनियों को 01 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2022 तक 500 रु0 प्रतिमाह
    अतिरिक्त मानदेय उपलब्ध कराए जाने की घोषणा की ।
  • प्रदेश सरकार ने तय किया कि आशा एवं आशा संगिनियों को राज्य सरकार से मिलने वाली मासिक प्रोत्साहन राशि को 750 रु0 से बढ़ाकर 1500 रु0 किया जाए ।
  • प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की 20 करोड़ डोज लगाये जाने पर 60 दिवस से अधिक दिनांे में टीकाकरण करने वाली संविदा पर कार्यरत ए0एन0एम0
    को एकमुश्त 10,000 रु0 का मानदेय उपलब्ध कराया जाएगा ।
  • कोरोना कालखण्ड में आशा बहनों ने सराहनीय कार्य किया।प्रदेश व केन्द्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से 80,000 आशा बहनों को स्मार्ट फोन वितरित किये जा रहे ।
  • भारत सरकार द्वारा जारी की गयी स्टेट हेल्थ इण्डेक्स 2019-20 की रिपोर्ट में देश के 19 बड़े राज्यों में उ0प्र0 ने इंक्रिमेण्टल रैंकिंग में पहला स्थान प्राप्त किया ।
  • उ0प्र0 के कोरोना प्रबन्धन की सराहना न केवल देश में बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हुई।उ0प्र0 में 20 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी ।
  • राज्य सरकार द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ की तर्ज पर एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही ।
  • स्मार्टफोन के माध्यम से आशा बहनों के श्रम तथा समय की बचत होगी, सभी रिकॉर्ड मोबाइल में सुरक्षित रहेेंगे ।
  • सशक्त समाज का आधार स्वस्थ समाज ।आशा बहनें स्वास्थ्य सेवाओं की महत्वपूर्ण कड़ी ।

लखनऊ। मुख्यमंत्री ने आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित आशाओं का सम्मेलन एवं 80,000 मोबाइल फोन वितरण अभियान के शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने सीमा,अंशु खेरवार, सुमन सिंह, लक्ष्मी सक्सेना, सरिता सिंह, ज्योति जायसवाल, शशिबाला, कृष्णावती, शमा बानो तथा उर्मिला निषाद को अपने कर-कमलों से मोबाइल फोन वितरित किया।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सशक्त समाज का आधार स्वस्थ समाज है। अगर समाज स्वस्थ नहीं, तो सशक्त भी नहीं होगा और सशक्त नहीं होगा, तो समृद्ध भी नहीं होगा। आज का यह कार्यक्रम अत्यन्त महत्वपूर्ण है। आशा बहनें स्वास्थ्य सेवाओं की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। स्मार्ट फोन वितरण की कार्यवाही से यह और सशक्त होंगी। उन्होेंने कहा कि आशा बहनों को स्मार्ट फोन की ट्रेनिंग की कार्यवाही भी सम्पन्न हो चुकी है।

कोविड की रोकथाम में अच्छा कार्य करने वाली आशा बहनों व आशा संगिनियों को 01 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2022 तक 500 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त मानदेय उपलब्ध कराए जाने की घोषणा की। आशा व आशा संगिनी को केन्द्र सरकार द्वारा 2,000 रुपये प्रतिमाह तथा राज्य सरकार द्वारा 750 रुपये प्रतिमाह उपलब्ध कराया जाता था। इसके अलावा, विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहन राशि भी प्राप्त होती थी। इस प्रकार लगभग 5,300 रुपये मानदेय उपलब्ध हो पाता था। प्रदेश सरकार ने तय किया है कि आशा एवं आशा संगिनियों को राज्य सरकार से मिलने वाली मासिक प्रोत्साहन राशि को 750 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये किया जाए। इससे कम से कम 6,000 रुपये तक का निर्धारित मानदेय मिल सकेगा। प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की 20 करोड़ डोज लगाये जाने पर 60 दिवस से अधिक दिनांे में टीकाकरण करने वाली संविदा पर कार्यरत ए0एन0एम0 को एकमुश्त 10,000 रुपये का मानदेय उपलब्ध कराया जाएगा।


प्रदेश व केन्द्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से 80,000 आशा बहनों को स्मार्ट फोन वितरित किये जा रहे हैं। शेष 80,000 आशा बहनों को दूसरे चरण में स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जाएगा। स्मार्टफोन के माध्यम से आशा बहनों की सभी समस्याएं दूर होंगी। साथ ही, जो काम वो अभी तक कागज पर करती थीं, उन सभी कार्यों को अब अपने मोबाइल से ही कर सकंेगी। ऐसे में उनके श्रम तथा समय की भी बचत होगी और सभी रिकॉर्ड मोबाइल में सुरक्षित रहेेंगे। साथ ही अपने काम को वो ऑनलाइन अपलोड भी कर सकेंगी, जिससे उन्हें समय से मानदेय मिल जाएगा।स्वास्थ्य सुविधा की सबसे निचली इकाई आशा बहनें हैं। कोरोना कालखण्ड में आशा बहनों ने सराहनीय कार्य किया है। आशा, आंगनबाड़ी तथा ए0एन0एम0 ने गांव-गांव में डोर-टू-डोर सर्वे का कार्य किया। इस दौरान उन्होंने स्क्रीनिंग तथा कोविड टेªस व टेस्ट की कार्यवाही को मजबूती के साथ आगे बढ़ाया। साथ ही, लक्षणयुक्त व्यक्तियों को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी।


कोरोना में जीवन बचाने के कार्य में आशा बहनों ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। उन्हांेने कहा कि उत्तर प्रदेश के बारे में लोग चिंतित होते थे कि उत्तर प्रदेश इतना बड़ा प्रदेश है। यह कोरोना को कैसे नियंत्रित करेगा। कोरोना प्रबन्धन के लिए आशा बहनों ने हेल्थ वर्कर तथा कोरोना वॉरियर्स के रूप में भूमिका निभायी, जिसका परिणाम रहा कि उत्तर प्रदेश के कोरोना प्रबन्धन की सराहना न केवल देश में बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हुई। प्रदेश में 01 लाख 56 हजार आशा बहनें हैं। जो बच्चों के टीकाकरण से लेकर स्वास्थ्य से संबंधित हर एक अभियान से जुड़ी हैं। पूर्व में प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के अतिरिक्त तमाम बीमारियों से होने वाली मौतें राष्ट्रीय औसत से अधिक थीं। लेकिन वर्तमान राज्य सरकार के स्वास्थ्य क्षेत्र में किये गये कार्यांे से इसमें काफी कमी आयी है। वर्ष 2015-16 की तुलना में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में काफी सुधार हुआ है। इसी प्रकार माताओं, बहनों तथा बच्चों को जानकारी के अभाव में जो टीकाकरण नहीं हो पाता था, आशा बहनों ने टीकाकरण के प्रति उन्हें जागरूक करने का कार्य किया।


टीकाकरण की कार्यवाही पूरे प्रदेश में मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश में 20 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी हैं। कोरोना नियंत्रण में यह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में यह देखा गया था कि निगेटिव रिपोर्ट आने मंे 12 से 15 दिन लगते थे। लेकिन थर्ड वेव मंे वैक्सीन लेने वाले लोगों पर लक्षण न के बराबर है। उन्होंने कहा कि सतर्कता बरतने की आवश्यकता है और जिन लोगों ने टीकाकरण नहीं कराया है, वह शीघ्र ही टीकाकरण करा लें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रतिदिन 15 लाख कोविड वैक्सीन दी जा रही है, जिसे 20 से 25 लाख प्रतिदिन किये जाने की आवश्यकता है। टीकाकरण के कार्य में उत्तर प्रदेश ने बहुत अच्छी सफलता प्राप्त की है। आज उत्तर प्रदेश किसी से पीछे नहीं है। हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी की गयी स्टेट हेल्थ इण्डेक्स 2019-20 की रिपोर्ट में देश के 19 बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश ने इंक्रिमेण्टल रैंकिंग में पहला स्थान प्राप्त किया है। हेल्थ आउट कम प्रोमेन के जो 12 संकेतांक थे, उनमें से 06 में उत्तर प्रदेश ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। यह तब सम्भव हो पाया है जब आशा बहनों के माध्यम से लोगों को समय पर स्वास्थ्य की सुविधा मिल पायी।


योगी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का कार्य किया है। आज उसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश सभी जनपदों में मेडिकल कॉलेज खोलने की ओर अग्रसर है। 59 जनपदों में एक-एक मेडिकल कॉलेज है। वर्तमान में 33 नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। पी0पी0पी0 मोड पर भी 02 नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ की तर्ज पर एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। इसके माध्यम से आने वाले समय में सभी जनपदों में विशेषज्ञ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।जब प्रदेश में कोरोना का पहला मामला आया था तब प्रदेश के 36 जनपदों में एक भी आई0सी0यू0 बेड नहीं थे। आज सभी 75 जनपदों में आई0सी0यू0 के बेड, वेंटिलेटर व प्रशिक्षित स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश, देश व दुनिया में ऑक्सीजन की कमी देखी गयी थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश में 551 नए ऑक्सीजन प्लाण्ट स्थापित किये गये हैं। अब प्रत्येक जनपद प्रधानमंत्री जी की भावनाओं के अनुरूप ऑक्सीजन की आपूर्ति में आत्मनिर्भर हो गया है। प्रदेश के सभी जनपदों में एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेन्स उपलब्ध करायी गयी है। उन्होंने कहा कि विगत दिनों प्रदेश में एक साथ 05 हजार से अधिक स्वास्थ्य उपकेन्द्र का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं को एक नया आयाम मिला है। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया है। आशा बहनों को डिजिटल टेक्नोलॉजी से जोड़ने से समाज में एक बेहतर बदलाव आएगा, जिससे प्रदेश की 24 करोड़ जनता को लाभ मिलेगा।स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।