बजट भाषण के प्रमुख अंश

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बजट भाषण के प्रमुख अंश
UP वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान

बजट भाषण के प्रमुख अंश

● उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 317 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नीति के अन्तर्गत 05 वर्षों में 22000 मेगावट विद्युत उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। नीति के अन्तर्गत सरकारी एवं निजी भवनों पर 6000 मेगावॉट क्षमता के सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना 14000 मेगावॉट क्षमता यूटिलिटी स्केल सौर पॉवर परियोजनाओं / सोलर पॉवर पार्क की स्थापना करायी जायेगी।

● 2000 मेगावॉट क्षमता पी०एम० कुसुम योजनान्तर्गत निजी ऑनग्रिड पम्प का सोलराइजेशन एवं पृथक कृषि विद्युत फीडरों को सोलराइजेशन कराया जायेगा जिनकी सम्मिलित क्षमता 2000 मेगावॉट होगी।

● उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 45 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है । यह नीति आगामी 05 वर्ष तक प्रभावी रहेगी।

● नीति के अन्तर्गत कृषि अपशिष्ट, पशुधन अपशिष्ट, चीनी मिलों से प्रेसमड, नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट इत्यादि जैसे विभिन्न जैव अपशिष्टों का उपयोग कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लाण्ट, बायो कोल (पैलेट्स और ब्रिकेट्स) बायो डीजल / बायो एथेनॉल की स्थापना के लिये निवेश को प्रोत्साहित किया जायेगा ।

● प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषकों को सिंचाई हेतु अनुदान पर सोलर पम्प स्थापित कर लाभान्वित किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत लगभग 29,652 सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा चुकी है।

● प्रदेश के विभिन्न ग्रामों के गरीब परिवारों के घरों पर प्रकाश, पखे एवं मोबाइल चार्जिंग की सुविधा हेतु 1.93 लाख सोलर पॉवर पैक संयंत्रों की स्थापना करायी गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्रों की स्थापना की योजना क्रियान्वित की जा रही है जिसके अन्तर्गत लगभग 3.10 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट सयंत्रों की स्थापना करायी जा चुकी है।

● प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक के अन्तर्गत वर्तमान में 76 परियोजनाओं में लगभग 48,277 भवन निर्मित किये जा रहे हैं। इनमें से 22,718 भवन पूर्ण किये जा चुके हैं जबकि अवशेष भवन मार्च, 2023 तक पूर्ण कर लिया जाना लक्षित है।

● लखनऊ विकास क्षेत्र तथा प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा वाराणसी एवं अन्य शहरों में रोप-वे सेवा विकसित किये जाने हेतु 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● कानपुर मेट्रो रेल परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में 585 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● आगरा मेट्रो रेल परियोजना हेतु 465 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में 1306 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● वाराणसी, गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के कियान्वयन हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण / नये शहर प्रोत्साहन योजना हेतु 3,000 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● गोरखपुर नगर स्थित गोडधोड्या नाला एवं रामगढ़ ताल के जीर्णोद्धार तथा इण्टरसेप्शन, डाइवर्जन एवं ट्रीटमेंट सम्बन्धी परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए 650 करोड़ 10 लाख रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● अमृत योजना के अन्तर्गत प्रदेश में जलापूर्ति एवं सीवरेज की कुल 282 परियोजनायें जिनकी कुल लागत 11.156 करोड़ रूपये है, में से पेयजल की 169 परियोजनाओं में 144 तथा सीवरेज की 113 परियोजनाओं में 77 पूर्ण परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है।

● स्वच्छ भारत मिशन नगरीय 10 के अन्तर्गत प्रदेश के 75 नगरीय निकायों में 89 लाख 21 हजार टन लिगेसी वेस्ट एकत्रित था, जिसमें से 51 लाख 21 हजार टन के लिगेसी बेस्ट का निस्तारण कर दिया गया है। शेष के निस्तारण हेतु कार्य प्रक्रियाधीन है।

● प्रधानमंत्री आवासीय योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्ष 2017 से अद्यतन उत्तर प्रदेश में 17.62 लाख मकानों की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

● प्रधानमंत्री आवासीय योजना के अन्तर्गत लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण घटक के अन्तर्गत लगभग 12 लाख से अधिक लाभार्थियों को 27,748 करोड़ रूपये की धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से हस्तांतरित की गयी ।

● महाकुम्भ मेला 2025 का भव्य आयोजन विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ किया जाना है जिसकी तैयारी प्रारम्भ कर दी गयी है। वर्ष 2022 2023 में प्रावधानित 621.55 करोड रूपये के सापेक्ष आगामी बजट में 2,500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के अन्तर्गत कान्हा गौशाला के निर्माण हेतु वित्तीय वर्ष 2023 -2024 के बजट में 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● अमृत 2.0 के अन्तर्गत पेयजल, सीवरेज तथा वॉटर बॉडीज हेतु वर्ष 2022- 2023 में 2,000 करोड़ रुपये के बजट के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2023 2024 में लगभग 180 प्रतिशत की वृद्धि करते हुये 5.616 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● इसी प्रकार स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अन्तर्गत शौचालय, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, यूज्ड वाटर मैनेजमेन्ट हेतु 1.356 करोड़ 36 लाख रूपये के सापेक्ष वर्ष 2023- 2024 में 2,707 करोड़ 86 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है जो लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।

● नगर विकास विभाग की नगरीय सड़कों के समुचित विकास हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था है।

● प्रदेश के धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगरीय निकायों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं हेतु अनुदान के रूप में 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश के चिन्हित नगर निकायों को आकांक्षी नागर निकाय के रूप में विकसित करने हेतु आधारभूत संरचना के विकास हेतु अनुदान दिये जाने के लिये प्रारम्भ की जा रही आकांक्षी नागर योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

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● चीनी उद्योग, उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग है तथा प्रदेश के लगभग 46 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की आजीविका का मुख्य आधार है।

● पेराई सत्र 2021-22 में प्रदेश में 27.60 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई तथा 120 चीनी मिलों द्वारा 1016 लाख टन गन्ने की पेराई कर 101.98 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया। वर्तमान पेराई सत्र 2022-23 में 117 चीनी मिलों का संचालन हुआ है एवं इस सत्र में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 28. 53 लाख हेक्टेयर है, जिससे चीनी का उत्पादन 105 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है

● वर्तमान सरकार द्वारा कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने हेतु वर्ष 2017 से एस्क्रो अकाउण्ट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया गया है जिससे गन्ना मूल्य खाता केवल मिल प्रतिनिधि के स्थान पर अब मिल प्रतिनिधि एवं जिला गन्ना अधिकारी तथा ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित किया जा रहा हैं।

● चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अंकुश लगा हैं। विगत पांच वर्षों में 27,531 हेक्टेयर गन्ना खेती में ड्रिप इरीगेशन संयंत्र की स्थापना हुई है। इससे 50 प्रतिशत तक सिंचाई जल की बचत होगी।

● सिंचाई जल के साथ पोषक तत्वों के प्रयोग से 50 प्रतिशत रासायनिक उतरकों की बचत होगी साथ ही ड्रिप इरीगेशन के माध्यम से क्षारयुक्त और अल्प वर्षों वाले क्षेत्रों में भी गन्ने की खेती सम्भव हो सकेगी।

● प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2021-2022 में आवंटित 4,33,536 आवास निर्माण के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 4,24,344 आवासों का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है तथा शेष आवास निर्माणाधीन हैं। वित्तीय वर्ष 2022 2023 में 8,62,767 आवासों के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है जिसके सापेक्ष निर्माण कार्य प्रगति के विभिन्न चरणों पर है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 12,39,877 आवासों का लक्ष्य प्रस्तावित है। योजना हेतु 9000 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 5,966 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018- 2019 से 2022 -2023 तक 1,43,821 लाभार्थियों को लाभान्वित कराया जा चुका है।

● वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के बजट में योजना हेतु 1203 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना का उद्देश्य गाँवों के मूल स्वरूप को बनाये रखते हुये ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं को उपलब्ध कराकर ग्रामीण क्षेत्र से शहर की तरफ पलायन रोकना है। वित्तीय वर्ष 2023 -2024 में योजना हेतु 87.49 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वित्तीय वर्ष 2022 2023 में प्रदेश के 5,89,189 ग्राम पंचायतों में विभिन्न बैंकों के माध्यम से बैकिंग बिजनेस करेस्पॉण्डेंट सखी की पद स्थापना का कार्य किया जा रहा है।

● वर्तमान में 34,292 बी०सी० सखी द्वारा 7,846 करोड़ रूपये से अधिक का वित्तीय लेनदेन किया गया है।

● सुदूर ग्रामों को विकासखण्डों एवं कस्बों से जोड़ने हेतु आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के अन्तर्गत 453 वाहनों का संचालन समूहों के माध्यम से किया जा रहा है।

● त्वरित आर्थिक विकास योजना के हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 में नये कार्यों हेतु 1500 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● बुन्देलखण्ड की विशेष योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है । पूर्वावल की विशेष योजनाओं हेतु 525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश के युवाओं को सरकार के साथ नीति प्रबन्धन, क्रियान्वयन अनुश्रवण के कार्यों में सहभागिता का विशिष्ट अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा

● मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम संचालित किया गया है। कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के 100 आकाक्षात्मक विकास खड़ों में केन्द्र / राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का समवर्ती मूल्यांकन कार्य करने हेतु विधिक प्रक्रियान्तर्गत शोधार्थियों का चयन किया गया है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के बजट में 05 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

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