मा0 उच्च न्यायालय को देना पड़ रहा है योगी सरकार को निर्देश

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योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में इस कदर मस्त है कि उसे आम जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं रह गया।सरकार गठित होने के एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी महाधिवक्ता की नियुक्ति नहीं।महाधिवक्ता की नियुक्ति जैसे महत्वपूर्ण कार्य को लेकर मा0 उच्च न्यायालय को देना पड़ रहा है योगी सरकार को निर्देष।

लखनऊ। सरकार के गठन के बाद प्रदेश में महाधिवक्ता की नियुक्ति हो जानी चाहिए किन्तु काफी दिन बीत जाने पर नियुक्ति न होने पर मा0 उच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेकर आगामी 16 मई तक महाधिवक्ता की नियुक्ति को लेकर योगी सरकार को निर्देष दिये जाने पर प्रदेष कंाग्रेस के प्रवक्ता आसिफ रिजवी रिंकू ने कहा है कि योगी सरकार न सिर्फ अपने संवैधानिक दायित्वों के प्रति उदासीन है बल्कि मुख्यमंत्री का आम जनता की समस्याओं की पीड़ा से कोई सरोकार नहीं रह गया है।आसिफ रिजवी रिंकू ने कहा कि महाधिवक्ता की नियुक्ति न होने से न्याय पाने की आस में फरियादी दर-दर भटक रहे हैं। न्यायालयों में तमाम कार्य अधर में लटके हुए हैं। वैसे तो सरकार के गठन के तुरन्त बाद ही सबसे पहले महाधिवक्ता की नियुक्ति हो जानी चाहिए थी लेकिन सरकार के गठन के एक माह से अधिक समय बीत जाने पर भी अभी तक महाधिवक्ता की नियुक्ति न होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मा0 उच्च न्यायालय को संज्ञान में लेकर महाधिवक्ता की नियुक्ति हेतु तिथि निर्धारित करने का निर्णय योगी सरकार के लिए बहुत ही शर्मनाक है क्योंकि यह कार्य योगी सरकार को स्वतः कर लेना चाहिए था। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में पूरी तरह मस्त है उसे आम जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं रह गया है।