आधी आबादी का प्रतिनिधित्व कैसा होना चाहिए, भाजपा महिला मोर्चा उसका आदर्श बने

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  • मुख्यमंत्री ने भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक के समापन समारोह को सम्बोधित किया भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने में आधी आबादी की विशेष भूमिका, महिला मोर्चा उन्हें जोड़ते हुए पार्टी को मजबूत करे ।
  • आधी आबादी का प्रतिनिधित्व कैसा होना चाहिए, भाजपा महिला मोर्चा उसका आदर्श बने बूथ स्तर पर महिलाओं को अपने साथ जोड़ना होगा
    प्रधानमंत्री जी का कहना कि बूथ जीता तो चुनाव जीता महिला मोर्चा मण्डल, जिला और बूथ स्तर पर कमेटियां गठित करे ।
  • तीन तलाक की कुप्रथा से महिलाओ को मुक्त करने का काम प्रधानमंत्री जी ने किया प्रदेश सरकार ने मिशन शक्ति के द्वारा नारी ।
  • सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन को प्रमुखता से आगे बढ़ाया महिला पुलिस कर्मियों को बीट अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई ।
  • महिला संगठनों द्वारा महिला कल्याण की विभिन्न योजनाओ को जन-जन तक पहुंचाया जाए ।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में महिला मोर्चा का गठन होने के बाद इतनी बड़ी संख्या में महिला कायकत्रियां उपस्थित हुई हैं। वास्तव में आधी आबादी का प्रतिनिधित्व कैसे होना चाहिए, भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा को उसका आदर्श बनना चाहिए। महिला मोर्चा के पास बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 से देश की बागडोर अपने हाथों में संभाली, तब से देश में राजनीतिक एजेण्डे की धुरी को उन्होंने बदला है। इसके पहले जाति, धर्म, क्षेत्र व भाषा के आधार पर चलने वाली देश की राजनीति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आने के बाद वह उन अनछुए पहलुओं को लेकर तैयार हुई है, जो इस देश के गांव से होकर गरीब, किसान, महिलाओं और नौजवानों से सम्बन्धित थी। जितनी भी योजनाएं बनीं, वह इन सभी को केन्द्र में रखकर बनायी गयीं।


मोदी के नेतृत्व में जो कार्य सम्पन्न हुए हैं और हो रहे हैं, वह एक नये भारत की तस्वीर हम सबके सम्मुख रखते हैं। जिसमें गांव अपने आप में स्वावलम्बी होगा। गरीब बदहाली से उठकर मुख्य धारा में सम्मिलित होता हुआ नजर आएगा, जिसमें किसान पलायन का रास्ता नहीं, अपितु आत्मनिर्भर भारत के मार्ग का अनुसरण करते हुए लोगों के सामने एक आदर्श बनता हुआ दिखायी देगा, जिसमें एक महिला पिछलग्गू नहीं,
बल्कि समाज का नेतृत्व करने वाली होगी। अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला न्यायाधीश नियुक्त हुई हैं, जो प्रधानमंत्री जी की दीर्घकालिक सोच को स्पष्ट करता है। प्रधानमंत्री के कार्यकाल में ही सबसे अधिक संख्या में महिलाएं राज्यपाल पद की जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही हैं। आज देश का वित्त मंत्रालय एक सशक्त महिला के हाथ में है। एयर स्टंाइक की कार्यवाही का सफलतापूर्वक संचालन एक महिला रक्षा मंत्री के द्वारा ही किया गया था। विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज के नेतृत्व को देश ने देखा है। लोक सभा के स्पीकर के रूप में श्रीमती सुमित्रा महाजन जी ने किस प्रकार देश व संसद को नेतृत्व प्रदान किया है, यह हम सबके सामने है। स्वाभाविक रूप से नेतृत्वकर्ता के रूप में महिलाएं होंगी। इस देश का नौजवान भी किसी से पीछे नहीं होगा।

वह जॉब सीकर नहीं, बल्कि जॉब क्रेटर होगा। प्रधानमंत्री मोदी जी ने जब देश के सामने इस प्रकार का एजेण्डा प्रस्तुत किया तो देखते ही देखते भारत की तस्वीर बदलती हुई दिखायी दी। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का अभियान रहा हो या फिर आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं के द्वारा किए जा रहे नेतृत्व का मामला हो। हम सब अपनी बातों को उस प्रखरता के साथ समाज के सामने नहीं रख पाते हैं या समाज में उस तबके के लोगों को आगे बढ़ाने में मदद नहीं कर पाते हैं। अन्यथा तीन तलाक की कुप्रथा से सैकड़ों वर्षों से भारतीय नारी तड़प रही थी। तीन तलाक की कुप्रथा से महिलाओं को मुक्त करने का काम प्रधानमंत्री जी ने किया। हमारा दायित्व बनता है कि हम उस सभी बहनों को अपने साथ जोड़ें, जिन्हें इस प्रकार की कुप्रथा व रूढि़वादिता से मुक्ति दिलाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जाए तथा राष्टं निर्माण में उनकी भूमिका को सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के 07 वर्ष के कार्यकाल में देश ने तेजी से कदम बढ़ाए हैं। इसी प्रकार विगत 04 वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा भी विभिन्न कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए हैं। प्रदेश सरकार ने मिशन शक्ति के द्वारा नारी सुरक्षा, नारी सम्मान व नारी स्वावलम्बन को प्रमुखता से आगे बढ़ाया है। इसमें प्रदेश का गृह विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य विभाग मिलकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले महिलाएं अपनी समस्याओं को सही स्थान पर नहीं रख पाती थीं।


आज प्रदेश के सभी 1537 थानांे और 350 तहसीलों में महिलाओं के लिए हेल्प डेस्क स्थापित किये गये हैं। जहां वह अपनी समस्याओं को
महिला अधिकारी के सम्मुख सही रूप में रख पा रही हैं। उस महिला पुलिस अधिकारी को एक तय समय का उस समस्या का निराकरण करना
होगा। मिशन शक्ति के अगले चरण में प्रदेश सरकार ने महिला बीट अधिकारियों की नियुक्ति को आगे बढ़ाया है। हेल्पलाइन 1090 के माध्यम से महिलाएं अपनी सुरक्षा सम्बन्धी शिकायत दर्ज करा सकती हैं तथा पुलिस की पी0आर0वी0 112 उनकी सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर है। इसके लिए प्रदेश में 4600 से अधिक वाहन कार्यरत हैं। यदि कोई महिला घरेलू हिंसा से परेशान है तो हेल्प लाइन 181 के माध्यम से सुरक्षा प्राप्त कर सकती हैं। इसके अलावा आई0जी0आर0एस0 व मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 आपकी सुरक्षा व सेवा के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की है। आज प्रदेश में 30 हजार महिला पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि पहले महिला पुलिसकर्मियों को फील्ड की ड्यूटी नहीं दी जाती थी। वह फील्ड में जाकर पुरुषों के समकक्ष कार्य करना चाहती थी। लेकिन उन्हें काम नहीं दिया जाता था।


प्रदेश सरकार ने इस मानसिकता को बदलते हुए इन महिला पुलिसकर्मियों को गांव में बीट अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी दी है। वह स्थानीय स्तर पर महिलाओं की समस्याओं के निराकरण में कार्य कर रही हैं। उन्हें शासन की योजनाओं की जानकारी प्रदान करने के कार्य से भी जोड़ा जाए। महिला संगठनों द्वारा विभिन्न महिला कल्याण की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाया जाए तथा सम्मान के साथ आधी आबादी को आगे बढ़ाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एम0एस0एम0ई0 विभाग द्वारा एक जनपद एक उत्पाद योजना संचालित की जा रही है। यह योजना महिलाओं के स्वावलम्बी बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही हैं। उदाहरणस्वरूप लखनऊ में चिकन जरदोजी के कार्य महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। भदोही के कालीन उद्योग मे ज्यादातर महिलाएं कार्यरत हैं। प्रदेश के ग्राम्य विकास विभाग व नगर विकास विभाग द्वारा क्रमशः ग्रामीण आजीविका मिशन व शहरी आजीविका मिशन योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षित करने, रिवाल्विंग फण्ड प्रदान करते हुए उनके स्वावलम्बन के कार्य किये जा रहे हैं।


वर्तमान ग्रामीण क्षेत्र की लगभग 52 लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं तथा उन्हें रिवाल्विंग फण्ड उपलब्ध कराया जा चुका है।बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा संचालित पुष्टाहार कार्यक्रम का संचालन वर्तमान में स्वयं सहायता समूहों द्वारा ही किया जा रहा है। उन्होंने कहा
कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को स्वावलम्बन के साथ जोड़ा है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना द्वारा भी
महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने का कार्य किया जा रहा है। यदि कोई महिला स्वावलम्बी होती है तो वह पूरे समाज व गांव को नेतृत्व प्रदान करती है। हमें इन स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर अपने कार्याे को आगे बढ़ाना होगा। प्रदेश में 07 लाख से अधिक आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां कार्यरत हैं। इनके मानदेय को प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में बढ़ाया था तथा अब पुनः इनके मानदेय को बढ़ाने की कार्यवाही को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। रसोईयों की संख्या लगभग 04 लाख है। इनको भी महिला मोर्चा अपने साथ जोड़ सकता है।

योगी ने कहा कि 09 लाख से अधिक बालिकाओं को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ प्रदान कर रहे हैं। 15 हजार रुपये की धनराशि बालिका के जन्म पर, टीकाकरण पर, पहली कक्षा में प्रवेश पर, छठी कक्षा में जाने पर, नौवी कक्षा में जाने पर और 12वीं कक्षा पास करने के बाद स्नातक या डिप्लोमा कोर्स के प्रवेश पर प्रदेश सरकार उसके खाते में अन्तरित कर रही है। यद्यपि प्रदेश में बालिकाओं की शिक्षा स्नातक तक निःशुल्क करायी जा रही है। बालिकाओं के विवाह हेतु राज्य सरकार मुख्यमंत्री समूहिक कन्या विवाह योजना के तहत 51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है। अब तक पौने दो लाख से अधिक बालिकाओं की शादी इस योजना के माध्यम से करायी जा चुकी है। इन योजनाओं के लाभार्थियों से आप सभी जुड़कर बहुत अच्छे तरीके से कार्याें को सम्पादित कर सकती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित महिलाओं के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार ने इनको पेंशन योजना से जोड़ा है। लगभग 56 लाख से अधिक निराश्रित महिलाओं को निराश्रित महिला पेंशन योजना के माध्यम से प्रदेश सरकार सम्बल प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना द्वारा शहरी क्षेत्र में 14 लाख तथा ग्रामीण क्षेत्र में 27 लाख आवास उपलब्ध कराए गए हैं, जिसमें ज्यादातर महिलाओं को ही मालिकाना हक प्रदान किए गए हैं।

90 हजार लोगों को मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ प्रदान किया गया, जिसका मालिकाना हक भी महिलाओं को दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन सभी को महिला मोर्चा संगठन अपने साथ जोड़े तो इससे हमारे संख्या बल में बढ़ोत्तरी होगी।योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ग्रामीण क्षेत्र में स्वामित्व योजना के माध्यम से हर महिला को उसकी जमीन में निर्मित उसके आवास का वैधानिक दस्तावेज प्रदान करने का कार्य किया है। इस वैधानिक दस्तावेज के माध्यम से बैंक से ऋण लेने की सुविधा भी प्रदान की गई है, ताकि वह अपने कारोबार को आगे बढ़ा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टैण्ड-अप योजना के माध्यम से बैंक की हर ब्रांच एक महिला को कारोबार प्रारम्भ करने के लिए बिना शर्त के लोन की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं। कोरोना कालखण्ड में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के माध्यम से छोटे दुकानदारों, ठेला, खोमचा, रेहड़ी, पटरी वालों को आसान एवं सस्ता लोन उपलब्ध कराने की कार्यवाही की गयी है। संगठन इन सभी लगभग 60 से 75 लाख शहरी लोगों को अपने साथ जोड़ सकता है। और पार्टी को व्यापक विस्तार दे सकती है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में महिला आरक्षण की मांग होती रही है। देश में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में महिलाओं के आरक्षण का प्राविधान
है। उत्तर प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न पंचायत चुनावों में जिला पंचायत अध्यक्षों व ब्लॉक प्रमुखों में महिलाओं की भागीदारी 54 प्रतिशत व 56
प्रतिशत रही है, जिससे स्पष्ट होता है कि चुनावों में महिलाओं की भागीदारीबढ़ी है। यह भागीदारी आरक्षण के प्राविधान से भी अधिक है। आज पंचायतें आर्थिक रूप से सशक्त हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में प्रदेश सरकारके नेतृत्व में स्थानीय निकाय के चुनाव सम्पन्न हुए थे, जिसमें महापौर,नगरपालिका अध्यक्ष व नगर पंचायत अध्यक्ष के रूप में भी महिलाओं ने बहुत अच्छा नेतृत्व किया था। महिला संगठन को इन सभी महिलाओं को पार्टी के साथ सक्रिय रूप से जोड़ना होगा तथा समाज को एक यशस्वीनेतृत्व प्रदान करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में महिलाआं के लिए बहुत सी सम्भावनाएं हैं। आगामी 04 से 05 महीने में चुनावी प्रक्रिया शुरू होगी। हमें आधी आबादी को इस बात का आभास कराने की आवश्यकता है।

खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जुड़ी बहनों को इस बात का आभास होगा कि वर्ष 2017 से पूर्व पश्चिमी उत्तर प्रदेश की स्थिति क्या थी। बेटियां सुरक्षित स्कूल नहीं जा सकती थीं। आज उत्तर प्रदेश में ऐसी स्थिति नहीं है। आज महिलाओं को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। आज प्रदेश के अंदर अपराधी एवं माफिया भयभीत है। बेटियां अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही हैं। यह सुरक्षा का वातावरण प्रदेश सरकार व भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बेटियों को उपलब्ध कराया है। आमजन के बीच में इस बात को खुलकर बताना होगा और वह सभी इस बात को स्पष्ट रूप से महसूस भी करते हैं कि आज प्रदेश सरकार के नेतृत्व में प्रदेश में कानून का राज स्थापित है और सुरक्षा का एक बेहतर वातावरण स्थापित हुआ है। उन सभी को अपने साथ जोड़कर आगे बढ़ें तो गांव-गांव तक महिला मोर्चा के साथ एक समानान्तर लाइन खड़ी होगी। एक नई व्यवस्था खड़ी होगी। भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने में आधी आबादी की विशेष भूमिका है। महिला मोर्चा उन्हें जोड़ते हुए पार्टी को मजबूत करने का कार्य करेगा।


बूथ स्तर पर महिलाओं को अपने साथ जोड़ना होगा। प्रधानमंत्री कहते हैं कि बूथ जीता को चुनाव जीता तो पार्टी बूथ जीतने के साथ चुनाव जीतने के लक्ष्य को स्वतः ही प्राप्त कर लेगी। इस दिशा में हमें प्रयास प्रारम्भ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला मोर्चा संगठन को मण्डल स्तर, जिला स्तर, बूथ स्तर पर कमेटियां गठित करे, जिससे एक बेहतरीन संगठन की परिकल्पना को आप लोग साकार करते हुए आगे बढ़ सकेंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बहुत सारी योजनाएं हैं, जिनके माध्यम से जन-जागरण व प्रदेश में व्यापक बदलाव आया है। रोजगार के क्षेत्र में प्रदेश
सरकार ने विगत सवा चार वर्षों में सवा चार लाख से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरी प्रदान की है, जिसमें बालिकाओं की एक बड़ी संख्या है। प्रदेश सरकार ने महिलाओं व बेटियों को इस प्रकार का वातावरण प्रदान किया है, जिससे आज वह हर एक क्षेत्र में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही हैं।