गुणवत्ता विहीन,अधोमानक संस्थानों को मान्यता मिली तो कार्रवाई तय-मुख्यमंत्री

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नर्सिंग/पैरामेडिकल संस्थानों की गुणवत्ता का प्रमाणन जरूरी।गुणवत्ता विहीन,अधोमानक संस्थानों को मान्यता मिली तो कार्रवाई तय।अच्छे संस्थानों की पहचान करें, लागू करें मेंटॉर-मेंटी मॉडल।नर्सिंग/पैरामेडिकल सेवा चिकित्सा व्यवस्था की रीढ़, कॅरियर की है असीम संभावनाएं।नर्सिंग/पैरामेडिकल संस्थानों की गुणवत्ता सुधार के संबंध में मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देश।मुख्यमंत्री का निर्देश, हर नर्सिंग/पैरामेडिकल संस्थान में हो कॅरियर काउंसिलिंग।

● नर्सिंग/पैरामेडिकल के क्षेत्र में अच्छा कॅरियर है। युवाओं के बेहतर प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण संस्थानों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास की जरूरत है। हर संस्थान में मानकों का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी प्रशिक्षण संस्थानों में फैकल्टी पर्याप्त हो,अच्छी हो।

● पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के सुचारु संचालन/नियमन के लिए स्टेट मेडिकल फैकल्टी के अंतर्गत डेंटल काउंसिल, मेडिकल काउंसिल और नर्सिंग एंड मिडवाइफरी काउंसिल की भांति पैरामेडिकल काउंसिल का गठन किया जाना आवश्यक है। इस दिशा में जरूरी कार्यवाही तेजी से पूरी की जाए।

● चिकित्सा सेवा में नर्सिंग/पैरामेडिकल स्टाफ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। कोरोना के बीच हम सभी ने सपोर्ट स्टाफ की महत्ता का करीब से अनुभव भी किया है। ऐसे में नर्सिंग व पैरामेडिकल के प्रशिक्षण को और व्यावहारिक बनाया जाना चाहिए।

● किसी भी संस्थान को संबद्धता/मान्यता प्रदान करने से पूर्व निर्धारित मानकों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन किया जाना चाहिए। अधोमानक संस्थान को कतई मान्यता न दी जाए। मान्यता हेतु गठित टीम के सदस्यों की जवाबदेही भी तय की जानी चाहिए। जानकारी छिपा कर/गलत/आधी अधूरी जानकारी के आधार पर मान्यता देने की अनुशंसा करने वाली टीम के सदस्यों के खिलाफ विधिपूर्वक कठोर कार्रवाई की जाए।

● नर्सिंग/पैरामेडिकल संस्थानों में सत्र नियमित हो। समय पर दाखिला, समय से परीक्षा और तय समय सीमा के भीतर प्रमाण पत्र जारी किया जाए।

● सभी नर्सिंग/पैरामेडिकल संस्थानों के लिए शैक्षिक गुणवत्ता/शैक्षिक सुविधाओं के स्तर का प्रमाणन कराया जाना अनिवार्य होना चाहिए। क़्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया सहित विभिन्न प्रतिष्ठित गुणवत्ता प्रत्यायन संस्थानों से विधिवत निरीक्षण कराया जाना चाहिए।

● अच्छे संस्थानों की पहचान करते हुए उनके बेस्ट प्रैक्टिस/नवाचारों को दूसरे संस्थानों में लागू किया जाए। इसके लिए मेंटॉर-मेंटी मॉडल को अपनाया जाना उचित होगा।

● नर्सिंग/पैरामेडिकल संस्थानों को प्लेसमेंट पर विशेष फोकस करना होगा। प्रशिक्षणार्थियों के लिए कॅरियर काउंसिलिंग कराई जाए। आर्मी मेडिकल कोर अथवा बड़े चिकित्सा संस्थान आदि के साथ विद्यार्थियों का समय-समय पर इंटरेक्शन कराया जाए। आवश्यकतानुसार संस्थानों को।एमओयू भी करना चाहिए। योग्य, दक्ष युवाओं की तलाश हर समय रहती है। निजी क्षेत्र के बड़े अस्पतालों से संपर्क बनाया जाना चाहिए।। प्रशिक्षणार्थियों को उनके कॅरियर के बेहतर विकल्पों के बारे में जानकारी दी जाए। स्टेट मेडिकल फैकल्टी को इस दिशा में विशेष प्रयास करना चाहिए।