गहलोत सरकार ने गिरफ्तार किया तो परिणाम गंभीर होंगे

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राजस्थान में संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम को फंसाने के प्रयासों के विरोध में भाजपा नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन दिया। गहलोत सरकार ने गिरफ्तार किया तो परिणाम गंभीर होंगे।कांग्रेस ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हमला बोला।

एस0 पी0 मित्तल

6 जुलाई को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, संगठन महासचिव चन्द्रशेखर, सांसद दीया कुमारी, भाजपा नेता अरुण चतुर्वेदी, अशोक परनामी, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ आदि ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। इस मुलाकात में राज्यपाल को एक ज्ञापन भी दिया गया। इस ज्ञापन में आरोप लगाया कि एक कथित वीडियो के आधार पर एसीबी ने जो मुकदमा दर्ज किया है उसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम को भी फंसाया जा रहा है। ज्ञापन में राज्यपाल से मांग की गई कि इस मुकदमे की पत्रावली मंगवाकर निष्पक्ष जांच करवाई जाए।

राज्यपाल को बताया गया कि गृह विभाग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ही है, इसलिए राजनीतिक द्वेषता से इस मामले में कार्यवाही की जा रही है। नेताओं ने एसीबी के दुरुपयोग किए जाने का भी आरोप लगाया। राज्यपाल से मिलने से पहले राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि यदि संघ प्रचारक निंबाराम को गिरफ्तार किया जाता है तो सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत दिल्ली में बैठे अपने आकाओं को खुश करने के लिए संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।


दिल्ली में हमला:
6 जुलाई को ही कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें संघ प्रचारक निंबाराम से जुड़े मामले को प्रमुखता से उठाया गया। खेड़ा ने कहा कि राजस्थान में एसीबी ने जो मुकदमा दर्ज किया है, उसमें निंबाराम भी नामजद है। अब संघ प्रमुख मोहन भागवत को यह बताना चाहिए कि वे निंबाराम के विरुद्ध क्या कार्यवाही कर रहे हैं। खेड़ा ने कहा कि जयपुर में सफाई का काम करने वाली बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि से 20 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने का मामला गंभीर है।

चूंकि जयपुर ग्रेटर नगर निगम में भाजपा की सौम्या गुर्जर मेयर थी, इसलिए इतनी बड़ी रकम मांगी जा रही थी। पुलिस के पास वो वीडियो टेप भी हैं, जिसमें सौम्या गुर्जर के पति राजाराम और निंबाराम की भूमिका भी सामने आई है। खेड़ा ने प्रधानमंत्री कार्यालय से भी जानना चाहा कि क्या बीवीजी कंपनी प्रधानमंत्री सचिवालय में भी कोई काम करती है। खेड़ा ने बताया कि वसुंधरा राजे जब भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री थी, तब जयपुर में बीवीजी कंपनी को सफाई का ठेका दिया गया था।