- कृषि प्रधान भारत में किसानों की जेब खाली रहे और देश महाशक्ति बन जाये यह सम्भव नहीं है ।
- ’भाजपा ,सपा ,रालोद चौधरी साहब के बनाए गए मार्ग से भटक गई है।
- ’किसानों के लिए संघर्ष करने वाली पार्टी लोकदल पार्टी है।
- ’किसान मसीहा प्रधानमंत्री रहते हुए भी किसान नेता के रूप में ही रही चौधरी चरण सिंह की पहचान।
- ’ईमानदारी से कार्य करने और भ्रष्टाचार का खात्मा करने की सीख देते थे, सियासत में वह ईमानदारी का सूर्य थे।
- ’भारत के आर्थिक विकास की रीढ़ की हड्डी माना जाता है।
- ’चौधरी चरण सिंह के बताए रास्ते पर चलने की जरूरत है।
- ’सरकारों के इस रास्ते पर नहीं चलने के कारण किसानों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
- ’देश के किसानों के संकट का निवारण चरणसिंह के मार्ग पर चलने से संभव।
- ’देश को महाशक्ति बनाने के लिए कृषि उपजों के लाभकारी दाम के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने का संकल्प लेना चाहिए।
चौधरी चरणसिंह की जयंती पर बागपत में पूर्व प्रधानमंत्री की 119वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान चौधरी सुनील सिंह ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद आज यह बात कही। देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पहचान देश के प्रधानमंत्री रहते हुए भी किसान नेता के रूप में ही रही. वे जीवन पर्यन्त किसानों के उत्थान के लिए प्रयासरत रहे. यही कारण है कि अपने कार्यकाल के दौरान किसानों के जीवन को बेहतर बनाने का हर संभव प्रयास किया। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बताये मार्ग पर चलकर देश के किसानों के संकट का निवारण संभव है। उन्होंने कहा कि चौधरी साहब ने जीवनपर्यंत किसानों की सेवा की और मंत्र दिया कि देश की खुशहाली का रास्ता खेत और खलिहान होकर जाता है, इसी मार्ग पर हम सब चले और आज के दिन इसी संकल्प की आवश्यकता है। चौधरी चरण सिंह का कहना था कि किसान जब खेत में मेहनत करके अनाज पैदा करते हैं तभी वह हमारी थालियों तक पहुंच पाता है. ऐसे में किसानों का सम्मान करना बेहद जरूरी है ।
उन्हें किसानों के मसीहा के तौर पर भी जाना जाता है. उनके बताए रास्ते पर चलने की जरूरत है। चौधरी चरण सिंह ने देश में किसानों के जीवन और स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए कई नीतियां बनाई. किसानों को भारत के आर्थिक विकास की रीढ़ की हड्डी माना जाता है और देश में किसानों के महत्व और देश के समग्र आर्थिक और सामाजिक विकास के बारे में लोगों में जागरूकता को बढ़ावा देने की जरूरत है। श्री सिंह ने कहा कि सरकारें रास्ता भटक गई हैं। सरकारों के इस रास्ते पर नहीं चलने के कारण किसानों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि देश के ललाट पर किसानों की आत्महत्याओं का कलंक लगा है। जो किसान ऋणदाता होना चाहिए था वह ऋणों के बोझ तले दब हुआ है इतना नहीं उसे कृषि उपजों की लागत नहीं मिल रही है जिससे उसकी ऋण चुकाने की क्षमता भी नहीं बची है। कृषि प्रधान भारत में किसानों की जेब खाली रहे और देश महाशक्ति बन जाये यह सम्भव नहीं है।
उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर देश के ललाट से आत्महत्याओं का कलंक धोकर देश को महाशक्ति बनाने के लिए कृषि उपजों के लाभकारी दाम के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने का संकल्प लेना चाहिए। इस मौके पर हम सबको भी चैधरी चरण सिंह के मार्ग पर चलने एवं उसे सफल करने का संकल्प लेना चाहिए। सिंह ने यह भी कहा है कि सपा रालोद और भाजपा सरकार किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयंती को राजनैतिक तरीके से भुनाने में जुटी हुई है। लेकिन जनता को सतर्क रहने की जरूरत है इनके लोकलु भावन वादों से बचने की जरूरत है।आज समय आ गया है इनके चेहरे को पहचानने की जरूरत है इनसे जनता को सतर्क रहने की जरूरत है 2022 विधानसभा चुनाव में किसानों की सरकार चुनने वाली है। अबकी बार किसानों की सरकार बनेगी,यानी अबकी बार उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री का चेहरा किसान ही होगा। मुख्यमंत्री के रूप में किसान को देख रही है अबकी बार किसानों की सरकार बनेगी।