भय के साये में अतीक

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भय के साये में अतीक
भय के साये में अतीक

भय के साये में अतीक,अतीक को विरासत में ही अपराध जगत मिला था.अतीक अहमद के पिता हाजी फिरोज भी आपराधि था। वह तांगा चलाता था.हाजी फिरोज की माली हालत ठीक न थी कि वह अतीक समेत अपनी दूसरी औलादों को बेहतर तालीम दिला सके. जिसके कारण बेटा अतीक जुर्म की दुनिया में उतर गया. अतीक के खिलाफ 1983 में पहली एफआईआर दर्ज हुई। जिस वक्त उसकी उम्र 17 या 18 वर्ष थी.अतीक के अपराधों की शुरुआत 1979 में हुई थी, जब उस पर एक मामले में हत्या का आरोप लगा था. करीब दस साल बाद उसने राजनीति में कदम रखा और इसके बाद उसका आतंक बढ़ता गया. अतीक अहमद पर 100 से ज्यादा हत्या,लूट,फिरौती,अपहरण जैसे मामले दर्ज हैं. हालांकि,उमेश पाल के अपहरण का यह पहला मामला होगा, जिसमें उसे सजा हो सकती है.मामले में कोर्ट की सुनवाई पूरी हो चुकी है.

अतीक अहमद का खौफ ऐसा है कि गवाह भी उसके सामने थर-थर कांपते हैं.माफिया अतीक अहमद का साबरमती टू नैनी जेल का सफर पूरा हो चुका है. साबरमती जेल से निकला माफिया अतीक प्रयागराज की नैली जेल में पहुंच गया है और जेल में आते ही अतीक ने सबसे पहले अपनी पगड़ी उतारी है. इसके साथ ही लंबे सफर से आया हारा-थका हुआ माफिया अतीक स्पेशल हाई सिक्योरिटी बैरक में लेट गया है. जिस बैरक में पचास बंदी रखे जाते हैं उसमें अकेले ही अतीक को रखा गया है.

यूपी की राजनीति ने बना दिया माफिया। दरअसल अतीक के माफिया बनने की सबसे बड़ी वजह यूपी की सियायत है। किसी जमाने में यहां राजनीति और अपराध का चोली दामन का साथ रहा है। इसी दौरान अतीक के आतंक का उदय हुआ। दरअसल, 90 के दशक में क्षेत्रीय पार्टियां अपने मकसदों को साधने के लिए अपराधियों को ही सत्ता में भागीदार बना दिया करती थी। लेकिन बाद में ये अपराधी इतने बड़े हो गए कि उन पर कोई लगाम नहीं रही। अतीक अहमद वही बेलगाम अपराधी है। सियासी छत्रछाया में अतीक गैंग्‍स्‍टर, हिसट्रीशीटर, माफिया और डॉन बन गया।

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भय के साये में अतीक

उमेश पाल अपहरण केस में मुख्य आरोपी डॉन अतीक के नैनी जेल पहुंचने से पहले ही बैरक तैयार थी. जेल मंत्री धर्मवीर ने आगरा में मीडिया को बताया कि हाई सिक्योरिटी की बैरक कल से ही तैयार है.डीआईजी को हमने वहां भेज दिया था. अतीक के भाई अशरफ को भी जेल में पहुंचा दिया गया है. इन दोनों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा. वहीं बताया जा रहा है कि पुलिस के साथ-साथ खुफिया एजेंसी भी अलर्ट हो गई है और इस माफिया को कोर्ट में पेश करने से पहले कचहरी की सुरक्षा का खाका भी तैयार करने में पुलिस अधिकारी जुटे हैं.अपहरण मामले में उन्‍हें सजा सुनाई जा सकती है. जेल मंत्री धर्मवीर प्रजा‍पति ने कहा कि आज जैसे ही कोर्ट का आदेश हुआ कि अगर वह समय से पहुंचता है तो उसे जेल में ही रखा जाए. हम लोगों ने वहां बॉडीबोर्न कैमरे सीसीटीवी की व्यवस्था की है. सुरक्षा में तैनात अफसर उस पर निगरानी रखेंगे.

नैनी जेल के मुख्य द्वार पर पुलिस बलों की तैनाती की गई थी और बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगायी गई है. नैनी केंद्रीय जेल के एक उच्च अधिकारी ने बताया की अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है. उन्होंने बताया कि वहीं अतीक के बेटे अली को एक अलग बैरक में रखा गया है. प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा के मुताबिक 17 साल पुराने अपहरण के एक मामले में आरोपियों को 28 मार्च को अदालत में पेश किया जाना है. अदालत के आदेश के तहत माफिया अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया है.