हॄदय रोग तथा ब्लैक फंगस पर प्रदेश के विशेषज्ञ डॉक्टर्स के साथ वर्चुल वेविनार का उद्घटान

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कोरोना महामारी व उसके साथ उपजे हॄदय रोग तथा ब्लैक फंगस पर प्रदेश के विशेषज्ञ डॉक्टर्स के साथ वर्चुल वेविनार का उद्घटान ज़िलाधिकारी ने किया।

अब्दुल जब्बार एडवोकेट व अनिल कुमार मिश्रा

अयोध्या/भेलसर। लायंस क्लब रूदौली के कोरोना महामारी तथा उसके साथ उपजे हॄदय रोग तथा ब्लैक फंगस पर प्रदेश के विशेषज्ञ डॉक्टर्स के साथ वर्चुल वेविनार का उद्घटान ज़िलाधिकारी अनुज कुमार झा ने किया। लायन्स क्लब के डिस्टिक चेयरमैन,वेबिनार के मॉडरेटर डॉक्टर निहाल रज़ा ने संचालन किया। वेविनार में प्रोफेसर डॉक्टर अतुल अग्रवाल,डॉक्टर ए.के.त्रिपाठी,हेड ऑफ डिपार्टमेंट हेमाटोलॉजी के जी मेडिकल यूनिवर्सिटी तथा डॉक्टर हेमंत कुमार वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ ने इस वेविनार मे भाग लिया।जिलाधिकारी अनुज कुमार झा पूरे कार्यक्रम में मौजूद रहे और प्रश्न भी किये।जिलादिकरी के कोरोना के बारे में ज्ञान औऱ उसकी जमीनी हकीकत के बारे में स्पीकर्स भी स्तब्ध रह गए।अयोध्या और भारत मे बीमारी को कंट्रोल करने में वेक्सीन लगवाने की तीव्रता की देश विदेश के सम्मलित प्रततिभागियो ने सराहना की।डीएम ने कहा कि अयोध्या में युद्ध स्तर पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी गई।लॉक डाउन का पालन करवाते हुए दवाओं और दैनिक उपयोग चीज़ो को घर घर पहुचाया गया।

ज़िलाधिकारी अनुज झा ने स्वीकारा स्वय उनके परिवार में कई लोग कोरोना के साथ कॉर्डियाटिस हृदय रोग का शिकार होकर बचाये न जासके।हृदय रोग को कोरोना के साथ की संभावनाओं को नकारा नही जा सकता। कोरोना मरीज को घर पर आक्सीजन पहुंचाया गया।वेविनार में वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ अतुल अग्रवाल ने कहा कि कोविड मरीज के हृदय की मांसपेशियों में सूजन (कॉर्डियाटिस)होने की भी संभावनाएं रहती है।कहा कि यदि चेस्ट पैन,सांस फूलना,पल्स या ब्लड प्रेशर में उतार चढ़ाव रह रहा हो तो ईसीजी कराना चाहिए।डॉक्टर अग्रवाल ने वेंटिलेशन पर बहुत जोर दिया जिसमें घरों,ऑफिस बैंक आदि में हवा का आदान प्रदान होते रहना चाहिए।हो सके तो एग्जॉस्टफैन का प्रयोग करे।वे ब्लैक फंगस के बारे में डॉक्टर हेमंत कुमार ने कहा ने कहा इसे म्यूकोर्मिकोसिस भी कहा जाता है।यह एक फंगल डिजीज है।यानी फफूंदीय रोग है।

यह उन रोगियों में देखा जा रहा है,जिन्हें अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान वेंटिलेटर या ऑक्सीजन पर रखा गया था।इसके साथ ही उन लोगों में दिख रहा है,जिन्हें लंबे समय तक स्टेरॉयड दिया जा रहा था।कहा कि ऐसे रोगियों के लक्षण नाक बंद होना या नाक से खून या काला-सा कुछ निकलना,गाल की हड्डियों में दर्द होना,एक तरफ चेहरे में दर्द,सुन्न या सूजन होना,नाक की ऊपरी सतह का काला होना,दांत ढीले होना,आंखों में दर्द होना,धुंधला दिखना या दोहरा दिखना,आंखों के आस-पास सूजन होना,थ्रांबोसिस,नेक्रोटिक घाव सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत होना है।प्रोफेसर ए के त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज ने अपने संबोधन की शुरूआत में मजाज़ रूदौलवी के शेर जिगर और दिल को बचा ना भी है।नज़र आप ही से मिलाना भी है से की।कहा कि
कोरोना वायरस से रक्त की शिराओं,वाहीनो में खून जमने से ऑक्सीजन का प्रवाह बाधित होता है जिससे फेफड़ों को ऑक्सिजन कम पहुचती है।

बुखार आता है सर में दर्द और सुखी खांसी और गले मे तकलीफ होती है।ये वायरस हवा में नही आया है परंतु जहाँ छींकता है वहाँ तो हवा में आ ही जाता है।इससे बचने केलिए हर समय नाक और मुंह को पूरी तरह से ढक कर ही मास्क लगाना चाहिए।एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि यदि अकेली गाड़ी में स्वय ड्राइव कर रहे हो तो भी मास्क लगाना चाहिए।वेविनार में पार्टिसिपेंट्स और पूरे 100 मिनट तक चलने वाले इस वेबिनार में जन साधारण से लेकर शिक्षक,वकील तथा सामाजिक सरोकार रखने वाले लोग,वैज्ञानिक,इंजीनियरो ने भग लिया पूर्व हाई कोर्ट जस्टिस शबीहुल हसन,लिवरपूल के पूर्व वाईस चांसलर डॉक्टर पीएल मिश्र,डॉक्टर शारिब रूदौलवी,क्वालालम्पुर से डॉक्टर फरीदा जमाल,डॉक्टर असना नक़वी,डॉक्टर शाज़िया,लंदन से लोकेश,ग्वालियर से डॉक्टर शिव कुमार,निष्काम गुप्ता,सीओ धर्मेन्द्र यादव भी मौजूद रहे।