पैरालंपिक-2024 में भारतीय पैरा शटलर जीतेंगे दोगुना पदक-गौरव खन्ना

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लखनऊ। भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी अंतराष्ट्रीय स्टार पर लगातार परचम लहरा रहे है। इन खिलाड़ियों ने हाल ही में हुए पेरू पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल में 6 स्वर्ण, एक रजत और 7 कांस्य सहित 16 मैडल जीतने के बाद हुई बीडब्लूएफ पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में 2 स्वर्ण सहित 16 पदक जीते थे।

पेरू पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल व बीडब्लूएफ पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड के पदक विजेता सम्मानित

इन पदक विजेताओ का आज वापसी के बाद लखनऊ में इनर व्हील क्लब द्वारा आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया गया। इस दौरान लखनऊ की मेयर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, दिव्यांग सशक्तिकरण निदेशक सत्य प्रकाश पटेल और शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर राना कृष्ण पाल सिंह ने सम्मानित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना कइस अवसर पर भारतीय पैरा बैडमिंटन के मुख्य कोच कोच गौरव खन्ना (द्रोणाचार्य अवार्डी) ने कहा कि टोक्यो पैरालंपिक में पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों ने दो स्वर्ण सहित 4 पदक जीतकर ऐतेहासिक सफलता हासिल की है. अब हमारी निगाह आगामी पैरालंपिक-2024 में इस सफलता के सिलसिले को आगे बढ़ाना है।

भारतीय पैरा बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच द्रोणाचार्य अवार्डी गौरव खन्ना ने भविष्य की योजनाओं का खुलासा किया कि अब वो 2024 के पैरालंपिक गेम्स में कम से कम 10 पदक जीतने का लक्ष्य लेकर कड़े प्रशिक्षण की योजना पर काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों ने पहली बार शामिल पैरा बैडमिंटन में  दो स्वर्ण, एक रजत व एक कांस्य पदक जीते थे। इसके बाद  सब कुछ बदल गया ओर हमसे देश की उम्मीद बढ़ गयी है जिसको पूरा करने के लिए हमने समग्र योजना तैयार की है।

द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता गौरव खन्ना ने शटलरों की वर्तमान फसल को ढालने के लिए देश की पहली पैरा-बैडमिंटन अकादमी शुरू की थी। एजेस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस के सहयोग से, उन्होंने 2024 से 2036 पैरालंपिक के लिए खिलाड़ियों को खोजने और प्रशिक्षित करने के लिए क्वेस्ट फॉर फियरलेस शटलर्स की पहल को भी गति दी थी।इस अवसर पर टोक्यो पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता मनोज सरकार सहित अबू हुबैदा, प्रेम कुमार अली, चिराग बरेथा, नित्या सेरे, नीलेश गायकवाड़, हार्दिक मक्कड़ और मनदीप कौर सहित सात विशेष रूप से विकलांग खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया गया।इस दौरान मनोज सरकार ने अपनी यादें ताजा करते हुए कहा कि जब मैंने टोक्यो में पदक जीता तो मैं केवल उस दिन के बारे में सोच सकता था जब मेरी माँ ने मुझे बैडमिंटन रैकेट खरीदने के लिए 10 रुपये दिए थे जिससे मैने एक रैकेट खरीदा था, उसी के बाद से मेरी बैडमिंटन में रूचि जगी थी। इस दौरान एजेस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य मार्केटिंग अधिकारी कार्तिक रमन भी मौजूद थे।

हमारा इरादा अगले पैरालंपिक गेम्स में कम से कम आठ पदक जीतने की उम्मीद है और स्वर्ण की संख्या को भी बढ़ाना है। आगामी पैरालंपिक में भारतीय पैरा बैडमिंटन में अधिकतम भागीदारी महिलाओं की होगी और इसमें कई नए चेहरे भी होंगे। इसके लिए हम लक्ष्य तय कर कड़े प्रशिक्षण की योजना पर काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों ने पहली बार शामिल पैरा बैडमिंटन में दो स्वर्ण, एक रजत व एक कांस्य पदक जीते थे। इसके बाद सब कुछ बदल गया ओर हमसे देश की उम्मीद बढ़ गयी है जिसको पूरा करने के लिए हमने समग्र योजना तैयार की है। द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता गौरव खन्ना ने शटलरों की वर्तमान फसल को ढालने के लिए देश की पहली पैरा-बैडमिंटन अकादमी गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन अकादमी (जीकेईबीए) की शुरू की थी। भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक 167 स्वर्ण, 155 रजत और 228 कांस्य पदक सहित 637 पदक जीते है।