निःस्वार्थ राजनीति करता इसौली का “लाल”बी0एम0 यादव

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पद-प्रतिष्ठा के मोह से ऊपर उठ राजनीति करता यह भी है एक समाजवादी नेता।

राजू यादव

सुल्तानपुर- आज भी ऐसे कई राजनीतिज्ञ हमें जरूर मिलेंगे, जिनकी राजनीतिक परिभाषा, प्राथमिकताओं की सूची और सियासी सिद्धांत व आदर्श बदले नहीं हैं। उनकी सूची में आज भी समाज और देश सेवा की भावना शीर्ष पर है। उन्हीं राजनीतिज्ञों के कारण हमारे समाज और देश का विकास रथ सही दिशा में बढ़ पा रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में ही इनकी मौजूदगी आज भी है। दुर्भाग्य से ऐसे नेताओं की संख्या कम बची है कि इन्हें अंगुलियों पर गिना जा सकता है। इस जमात का सिमटता दायरा लोकतंत्र के लिए और भी खतरनाक है। अगर इस वर्ग को विलुप्त होने से बचाना है, तो जनता को विवेक से काम लेना होगा।

चुनावी पर्व के बहाने आम जनता के पास एक अवसर आता है, जिसमें उचित भागीदारी के जरिए वह सही नेतृत्व को चुनकर लोकतंत्र को मजबूत बना सकती है। आगामी विधानसभा के लिए चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के साथ जनता को ऐसा एक और अवसर मिल रहा है। ऐसे में जनता को अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए कपटी, भ्रष्ट और संवेदनहीन नेताओं को सत्ता से दूर रखकर शासकीय स्वच्छता का प्रयास करना चाहिए। इन विधानसभा चुनावों में हमें उन्हीं प्रतिनिधियों का चुनाव करना चाहिए, जो विकास रथ को तेज गति प्रदान कर सकें, न कि व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति में ही मशगूल रहें। आजकल सहज ही देखा जा सकता है कि कई नेता हमारे समाज के लिए बिलकुल भी सही नहीं हैं।

इसी क्रम में आइए हम आपको परिचय कराते हैं इसौली के लाल बी0एम0यादव से जो निस्वार्थ रूप से समाज की राजनीति करते आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। निस्वार्थ रूप से वह आमजन और पार्टी की सेवा के लिए दृढ संकल्पित रहते हुए आगे बढ़ने का प्रयत्न भी कर रहे हैं ,उन्हें किसी पद प्रतिष्ठा का बहुत ज्यादा मोह नहीं है।पद प्रतिष्ठा से किसे मोह नहीं..? इसे पाने के लिए दूसरे को रौंद देता है और भी ना जाने क्या- क्या जतन करता है। राजनीति में एंट्री लेने वालों को तो पद प्रतिष्ठा का बुखार ही होता है। राजनीति में इसका अच्छा उदाहरण समाजवाद का दम भरने वालों में मिल जाएगा,लेकिन यहां भी कुछेक इस धारणा से अलग हट पॉलिटिक्स करते हुए मिल जाएंगे। उन्हीं में से एक नाम वरिष्ठ सपा नेता बी0एम0 यादव “इसौली” का भी जुड़ता है। इसौली विधानसभा के रैपुरवा(अझुई) गांव निवासी बी0एम0 यादव “इसौली” एक जमीनी खाटी समाजवादी नेता है।

इलाके की जनता में पहचान रखने वाले इस नेता ने पिछले दो दशकों से अधिक समय से पार्टी में रहते हुए किसी भी पद को तरजीह नहीं दिया। जबकि पार्टी ने पिछली सरकार के बनने के बाद से जिले और आसपास में जोड़ी की तरह पद बांटे। खासकर बैकवर्ड को। इसमें श्री यादव का न नाम था और ना ही उन्होंने कोई गिला- शिकवा किया। इसके बावजूद भी श्री यादव ने पार्टी की पिछली सरकार की उपलब्धियों को जन- जन तक पहुंचाने के लिए होर्डिंग के माध्यम से एवं पंपलेट और पोस्टर के द्वारा प्रचार- प्रसार का बीड़ा उठाया हुआ है जोकि इसौली विधानसभा अलावा पूरे सुल्तानपुर शहर में इस समय दिख रहा है। अभी पिछले महीने 24 जनवरी 2021 को हुए समाजवादी अधिवक्ता सभा के मंडलीय कार्यक्रम में पिछली अखिलेश सरकार की सभी जन कल्याणकारी उपलब्धियों डायरियो में छपवा कर सभी उपस्थित पदाधिकारियों नेताओं एवं कार्यकर्ताओं तथा उपस्थित जनसमूह को बांटने का काम किया था। चुनावी वर्ष 2012 के दौरान जिले के 02 प्रत्याशियों को आर्थिक मदद की थी जो जगजाहिर है।

2017 के चुनाव में भी पार्टी थी पूरी ईमानदारी के साथ मदद की है जो कि किसी से छिपा हुआ भी नहीं है। चाहे लोकल बॉडी का चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव हो व लोकसभा का चुनाव हो सभी में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी रहती है जिसका संज्ञान राष्ट्रीय नेतृत्व को भी रहता है। इस संबंध में राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा प्रशस्ति पत्र भी बी0एम0 यादव को मिल चुका है। चुनावी वर्ष 2007, 2012 एवं 2017 के विधानसभा चुनाव में इसौली विधानसभा से टिकट की दावेदारी की रेस में इनका भी नाम था। लेकिन पार्टी के कद्दावर नेता की प्रतिष्ठा जुड़ जाने से सभी का नाम कटा और चुनावी वर्ष 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रबल दावेदारी रही है।प्रबल दावेदारी साथ ही श्री यादव पार्टी से जुड़े रहे। उत्तर प्रदेश में चुनाव की गहमागहमी शुरू हो चुकी है इसके मद्देनजर श्री यादव ने अन्य सपाइयों से अलग हटकर सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाने के फिर से बीड़ा उठाया। बगैर लाव लश्कर बी0एम0 यादव ने पोस्टर के माध्यमों से काम शुरू कर दिया है। जबकि जनहित में कराए गए विकास कार्यों को जनता के बीच पहुंचाने के लिए विधायकों, सांसदों व अन्य पार्टी के पदाधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है। लेकिन यहां सपा नेता बी0एम0 यादव का कहना है की यह सब करके वह पार्टी पर कोई एहसान नहीं कर रहे हैं बल्कि वे अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हैं जिसका निर्वाहन वह कर रहे हैं।

यह सच्चाई है कि जिसकी गवाह इसौली विधानसभा के दीवाल पर लगे पोस्टर हैं। दीवारों पर चिपके हुए पोस्टर के माध्यम से पिछली अखिलेश सरकार के कार्यकाल में विकास कार्यों, जन कल्याणकारी योजनाओं, छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली सुविधाओं आदि का बखान है।सूत्रों की माने तो श्री यादव 2001-2002 और 2011-2012 में रथ यात्रा में लगातार स्वयं अपने निजी खर्चे पर अखिलेश यादव के साथ-साथ लगातार चले थे। उसी दरमियान अखिलेश ने श्री यादव का उपनाम “इसौली” रखा था तभी से श्री यादव अपने नाम के आगे “इसौली” लिखने लग गए और इसी नाम से अधिकतर अखिलेश भी श्री यादव को संबोधित करते हैं।