जेल:मुखिया व्यस्त,अधिकारी मस्त बंदी त्रस्त

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जेल:मुखिया व्यस्त,अधिकारी मस्त बंदी त्रस्त
जेल:मुखिया व्यस्त,अधिकारी मस्त बंदी त्रस्त

मुखिया व्यस्त, अधिकारी मस्त और बंदी त्रस्त। मुरादाबाद जेल में अधिकारियों कर रहे खुलेआम बंदियों का शोषण। जेल:मुखिया व्यस्त,अधिकारी मस्त बंदी त्रस्त

आर.के.यादव

लखनऊ। प्रदेश की सबसे अधिक बंदियों को रखने वाली मुरादाबाद जेल में अधिकारियों ने लूट मचा रखी है। यही वजह है कि इस जेल में तैनाती को लेकर विभागीय अफसरों व सुरक्षाकर्मियों में मारामारी मची रहती है। आलम यह है कि इस जेल में मशक्कत, राशन कटौती, कैंटीन, पीसीओ व एमएसके की खरीद फरोख्त से प्रतिमाह लाखों के वारे न्यारे किये जा रहे है। जेल में पूंजीपति बंदियों से मोटी रकम वसूल कर वह सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। जिनका नियमो में कोई प्रावधान ही नहीं है। हकीकत यह है कि प्रदेश की अतिसंवेदनशील जेल में वरिष्ठï अधीक्षक के बजाए जेलर ने कमान संभाज रखी है। दिलचस्प बात यह है शासन में बैठे अफसर सब कुछ जानकर अनजान बने हुए है। इससे अधिकारी बेलगाम हो गए है।

जेल:मुखिया व्यस्त,अधिकारी मस्त बंदी त्रस्त


आईजी जेल ने दिए जांच के आदेश- मुरादाबाद जेल में जेलर की लूट के संबंध में महानिदेशक पुलिस/आईजी जेल एसएन साबत ने जांच के आंदेश दिए है। मामले की जांच सहारनपुर की प्रभारी डीआईजी अमिता दूबे को सौंपी गई। बताया गया है कि पिछले दिनों जेल में अधिकारियों की लूट से आजिज आए एक अधिवक्ता ने अधिकारियों की मनमानी और अवैध वसूली की शिकायत महानिरीक्षक कारागार से की। आईजी जेल ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसे मामले की जांच कराए जाने का निर्देश दिया। आईजी जेल ने मुरादाबाद जेल मृत्युजंय पांडे के अलावा बागपत के जेलर जितेंद्र कश्यप के खिलाफ जांच के आदेश दिया है।


प्रदेश में मुरादाबाद जेल का नाम आते ही कारागार विभाग के अधिकारियों के चेहरे खिल जाते है। इस जेल में तैनाती को लेकर हमेशा अधिकारियो व सुरक्षाकर्मियों में होड़ लगी रहती है। मिली जानकारी के मुताबिक मुरादाबाद जेल में क्षमता से करीब तीन से चार गुना अधिक बंदी निरुद्ध है। बंदियों की संख्या अधिक होने की वजह से जेल में कमाई के संसाधन भी असीमित है। इस जेल की कमान वर्तमान समय में जिस अधिकारी के हाथ में है वह अधिकांश समय से लगातार पश्चिम की कमाऊ जेलों पर ही तैनात रहे है।


सूत्रों का कहना है कि प्रदेश की मुरादाबाद जेल में अव्यवस्था का आलम यह है कि जेल अधिकारी सुरक्षा के बजाए पैसा कमान की जुगत में लगे रहते है। सूत्रों की मानें तो गल्ला गोदाम प्रभारी डिप्टी जेलर सुरक्षा के बजाए राशन की घटतौली व कटौती में जुटे रहते है। वर्तमान समय मे इस जेल में साढ़े चार हजार से अधिक बन्दी निरुद्ध है। सूत्रों की माने तो यह अधिकारी कैंटीन की बिक्री बढ़ाने के लिए बंदियों के राशन में कटौती कर प्रतिमाह 25 से 30 लाख रुपये का वारा न्यारा कर रहे है। जेलर की रजामंदी से अधिकारी राशन कटौती, मशक्कत, कैंटीन, पीसीओ व एमएसके की खरीद फरोख्त मद से जेल में प्रतिमाह लाखों रुपये की कमाई कर जेब भरने में जुटे हुए है।

इस सच की पुष्टि जेल में होने वाली खरीद फरोख्त के दस्तावेजो व बिलों से की जा सकती है। उधर इस संबंध में जब आईजी जेल एसएन साबत से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बताया कि वह अभी व्यस्त है। डीआईजी जेल मुख्यालय ने बताया कि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा हो रहा है तो उसकी जांच कराई जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जेल:मुखिया व्यस्त,अधिकारी मस्त बंदी त्रस्त