सीतापुर व बांदा मे बदले जाएंगे जेल अफसर..!

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आयोग ने निष्पक्ष चुनाव के लिए जेल विभाग से मांगा व्यौरा।हटाये जा सकते लंबे समय से एक जेल पर जमें जेलर।सीतापुर व बांदा मे बदले जाएंगे जेल अफसर..!

राकेश यादव

लखनऊ। प्रदेश की जेलों में लंबे समय से जमे जेलर हटाये जा सकते है। चुनाव आयोग ने शासन से जेल अधिकारियों का व्यौरा तलब किया है। यही नही सीतापुर व बांदा जेल में खाली पड़े पदों पर अधिकारियों की तैनाती किये जाने की कवायद भी शुरू हो गयी है। आयोग के इस कदम से जेल विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। यह अलग बात है कि विभागीय अधिकारी इस मसले पर कुछ भी बोलने से बचते नज़र आ रहे है। 

गौरतलब है कि चुनाव आयोग के प्रदेश में चुनाव घोषित होने के तुरंत बाद है प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर ने जेल से प्रभावित होने वाले चुनाव पर निगरानी रखे जाने का बयान देकर जेल विभाग में खलबली मचा दी है। जेल अधिकारियों और अपराधियों के बीच का कॉकस जगजाहिर है। जेल अधिकारी अवैध वसूली कर बन्दियों को वह सुविधाये मुहैया करा देते है जिनका नियमो में कोई प्रावधान ही नही है।

टूटेगा अफसरों व अपराधियो का गठजोड़….!

एक ही जेल में लंबे समय तक जमें रहने वाले अधिकारियों के बंद नेताओ व अपराधियो से अच्छे संबंध हो जाते है। यह अधिकारी नेताओ व अपराधियो से साठ गांठ करके चुनावों को प्रभावित कर सकते है। विभाग में करीब आधा दर्जन अधीक्षक व एक दर्जन जेलर ऐसे है जिन्होंने ढाई से चार साल तक कार्यकाल पूरा कर लिया है। इन जेल अधिकारियों को हटाए बगैर निष्पक्ष चुनाव हो पाने की संभावनाए कम ही नज़र आ रही है। जेल विभाग में मोटी रकम लेकर अधिकारियो व कर्मियों को कमाऊ जेलों पर तैनात किए जाने की बात जगजाहिर है। बीते सत्र में तो अधिकारियों ने ले देकर एक-एक वार्डर का दो-दो स्थानों पर तबादला कर दिया था। 

सूत्रों का कहना है कि सहारनपुर में राजेश पांडेय, सीतापुर में राम शिरोमणि यादव, मेरठ में राजेंद्र सिंह, नोएडा में एके सिंह, नैनी सेंट्रल जेल में डीपी सिंह, उन्नाव में राजेश सिंह, इटावा में राम कुबेर सिंह, कानपुर देहात में केके सिंह, गोरखपुर में पीएस शुक्ला, महराजगंज में अरविंद श्रीवास्तव, सुल्तानपुर में अपूर्व व्रत पाठक, गोंडा में जितेंद्र भारती, आगरा में राजेश सिंह, बरेली में राजीव मिश्र और लखनऊ में अजय राय लंबे समय से जमे हुए है। लखनऊ जेल में तैनात प्रोन्नत जेलर अजय राय ने आदर्श कारागार में तैनात रहते हुए करीब छह माह तक बगैर किसी आदेश के ही जिला जेल में काम किया। मामले का खुलासा होने पर खामियों को छिपाने के आनन फानन में उन्हें तैनात कर दिया गया। इसी प्रकार रामशिरोमणि पिछले चार साल से अधिक समय से सीतापुर में तैनात है। इसी प्रकार सहारनपुर के राजेश पांडे, आगरा के राजेश सिंह, मेरठ के राजेन्द्र सिंह ने तो घूम फिरकर पश्चिम की ही जेलो में जमे हुए है।

सूत्रों का कहना है कि लंबे समय से एक ही जेल पर जमे इन अधिकारियों के मामले को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है। बताया गया है आयोग ने शासन ने ढाई साल से अधिक समय से एक ही जेल पर तैनात जेल अधिकारियों का व्यौरा तलब किया। आयोग की इस कार्यवाही से जेल महकमे के अधिकारियों में खलबली मची हुई है। सूत्रों की मानें तो आयोग ने सीतापुर व बांदा जेल में विशेष निगरानी रखने के साथ खाली पड़े पदों पर नए अधिकारियों की तैनाती किये जाने के साथ इन जेलो में कार्यकाल पूरा करने वाले अधिकारियों को हटाए जाने की कवायद शुरू की है। उधर इस संबंध में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे बात नही हो पाई। उधर जेल मुख्यालय के अधिकारी इसे शासन का मामला बताते हुए कुछ भी बोलने से बचते नज़र आ रहे है।