कान्हा की गोवर्धन लीला

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कान्हा की गोवर्धन लीला,बच्चों ने नृत्यों की संतरंगी छ्ठा बिखेरी।

अजय सिंह

लखनऊ। मित्तल परिवार की ओर से अमीनाबाद रोड स्थित न्यू गणेशगंज में छह दिवसीय श्रीकृष्ण जन्मोत्सव एवं डिजिटल मूविंग झांकियों की श्रृंखला में पांचवे दिन मंगलवार को गोवर्धन लीला और सांस्कृतिक कार्यक्रम संध्या में बच्चों की नृत्य स्पर्धा, पपेट शो का आयोजन किया गयाI झांकी संयोजक अनुपम मित्तल में बताया कि रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की संध्या में कवल ज्योत-दिव्य ज्योत ने राधा कैसे न जले, संस्कृति ने छमछम नाचे मेरी मोरनी, रिया-आर्या-लव- कुशाग्र ने वो कृष्णा है, जिज्ञासा ने कान्हा सो जा, अभ्या-अर्ना-आकांक्षी-शिखा ने राधा तेरी चुनरी पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर सभी उपस्थित भक्तों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करके भक्ति गीतों की स्वर लहरियों पर थिरकने के लिए मजबूर कर दिया। नटराज ग्रुप के पपेट शो को देखकर उपस्थित भक्तगणों को हंसी ठहाके गुदगुदाने का भी मौका मिल गया।


गोवर्धन लीला की झांकी में एक दिन श्रीकृष्ण ने देखा कि पूजा मंडप में सभी बृजवासी तरह-तरह के पकवान और पूजन सामग्री चढ़ाकर पूजन करने में व्यस्त थे। तब कृष्ण ने माता यशोदा से पूछा किसकी पूजा कर रहे हैI माता ने बताया कि प्रतिवर्ष सभी ब्रजवासी मेघों के स्वामी इंद्र की पूजा करते है क्योंकि इन्द्रदेव वर्षा करते हैं जिससे अन्न की अच्छी पैदावार और हमारी गायों को चारा प्राप्त होता है। तब श्रीकृष्ण ने कहा कि वर्षा करना तो इंद्रदेव का कर्तव्य है। यदि पूजा करनी है तो हमें गोवर्धन पर्वत की करनी चाहिए, क्योंकि हमारी गायें तो वहीं चरती हैं और हमें फल-फूल, सब्जियां आदि भी गोवर्धन पर्वत से प्राप्त होता हैं। तब सभी ब्रजवासी इंद्रदेव की बजाए गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। इंद्र ने इसे अपना अपमान समझा और क्रोध में आकर प्रलयदायक मूसलाधार बारिश शुरू कर दी। जिससे हर ओर त्राहि-त्राहि होने लगी। सभी अपने परिवार और पशुओं को बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। तब कृष्ण ने इंद्रदेव का अंहकार दूर करने के लिए कड़कती हुई बिजली एवं मूसलाधार बारिश के बीच गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया और समस्त ब्रजवासी एवं गायों की रक्षा की।


वहीं अन्य झांकियों में राम दरबार में राम लक्ष्मण सीता हनुमान के अलौकिक दर्शन, सावन में झूला झूलते राधा कृष्ण, हनुमानजी के हृदय में राम सीता के दर्शन, 20 फिट ऊंचा शिवलिंग, मदारी का खेल दिखाते हुए बंदर, सपेरा की धुनों पर नाचते हुए सांप की एनिमेडेट स्वचालित झांकियां सभी भक्तगणों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। न्यू गणेशगंज के झांकी स्थल को कोलकाता की एलईडी लाइट से पैनलों एवं विशालकाय द्वारों पर कान्हा की विविध मनोहारी लीलाओं को उकेरा गया था। एवरेस्ट पर्वतमाला पर तिरंगा फहराते हुए वीर सैनिकों के बीच थ्रीडी सेल्फी कार्नर में क्या बच्चें क्या जवान सेल्फी फोटो खीचने के लिए अपनी बारी का कतारों में इंतजार करते नजर आए। 24 अगस्त बुधवार को कान्हा की महारास लीला और छठ उत्सव पर राथा कृष्ण रूपी बच्चों की फूलों की होली, शिव सनी आर्ट ग्रुप के कलाकारों ने मनोहारी नृत्य नाटिका का मंचन करेगे। झांकी खुलने का समय सांय 6:30 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक।