कपिल सिब्बल साइकिल से जायेंगे राज्यसभा

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[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”इस समाचार को सुने”] 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत गर्म है और ऐसे में कपिल सिब्बल का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए झटका है, क्योंकि हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम जाखड़ के बेटे सुनील जाखड़ ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा है. गुजरात में हार्दिक पटेल ने कांग्रेस छोड़ दी है. ऐसी स्थिति में कपिल सिब्बल जैसे ब्राह्मण पंजाबी नेता का कांग्रेस को अलविदा कहना, पार्टी के लिए किसी बड़े संकट से कम नहीं है.सपा की ओर से राज्‍यसभा के लिए दो अन्‍य उम्‍मीदवारों के तौर पर डिंपल यादव और जावेद अली के नाम की चर्चा है. हालांकि आज अखिलेश यादव ने किसी अन्‍य नाम का खुलासा नहीं किया, उन्‍होंने कहा कि बहुत जल्‍द दोनों उम्‍मीदवारों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे और वे अपना नामांकन भी कर देंगे। कपिल सिब्‍बल के नामांंकन के दौरान उनके साथ अखिलेश यादव और सपा के रास सदस्‍य रामगोपाल यादव भी मौजूद रहे. राज्‍यसभा में अभी सपा के कुल पांच सदस्‍य हैं. इनमें से कुंवर रेवती रमन सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद और चौधरी सुखराम सिंह यादव का कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो रहा है.

समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा के लिए पर्चा दाखिल करने के बाद कपिल सिब्बल के यही शब्द थे. सिब्बल के इस बयान पर चौंकना लाज़मी है क्योंकि कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट जी-23 के सबसे मुखर सदस्य में उनकी गिनती होती थी.कांग्रेस और मेरे रिश्तों में कोई खटास नहीं है.मेरे आज भी उनसे अच्छे संबंध हैं. लेकिन इस्तीफ़ा देने का वक्त आ गया था. कांग्रेस में नहीं हूं इसलिए अब इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.इस्तीफ़ा देने की वजह के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कांग्रेस से इस्तीफ़ा देने की कोई वजह नहीं है. एक परिवार से 30-31 साल से जुड़े थे. लेकिन अब लगा कि वक्त आ गया है. मुझे अगर निर्दलीय के तौर पर सदन में जगह मिलती है तो मैं एक आज़ाद प्रतिनिधि के तौर पर संसद में आवाज़ उठाउंगा.जिन कपिल सिब्बल ने खुलेआम ये कहा था कि गांधी परिवार को कांग्रेस का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए, लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़ते वक्त ये क्यों कहा कि उन्हें कांग्रेस से कोई गिला-शिकवा नहीं है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कांग्रेस को अलविदा कहा.सिब्बल ने सपा के समर्थन से राज्यसभा के लिए नामांकन भरा.कांग्रेस आखिरकार कपिल सिब्बल को क्यों नहीं रोक पाई…?


कांग्रेस ने उदयपुर के चिंतन शिविर में अपने रिवाइवल का प्लान बनाया था, लेकिन उसके बाद भी पार्टी को एक के बाद एक बड़े सियासी झटके लग रहे हैं. सुनील जाखड़ के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया. कपिल सिब्बल ने सपा का समर्थन हासिल कर लिया है. सिब्बल सपा के समर्थन से उच्च सदन पहुंचेंगे, जो कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.कपिल सिब्बल बुधवार को लखनऊ पहुंचे और राज्यसभा के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. हालांकि, सिब्बल ने अभी तक समाजवादी पार्टी की सदस्यता नहीं ली है, लेकिन 16 मई को ही उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. छह साल पहले भी कपिल सिब्बल यूपी से राज्यसभा पहुंचे थे, लेकिन उस समय कांग्रेस के प्रत्याशी थे और सपा ने इनका सहयोग किया था. इस बार सिब्बल ने कांग्रेस छोड़ दी है. [/Responsivevoice]