शाहजहांपुर जेल में कवि सम्मेलन

83

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हुआ कवि सम्मेलन,शाहजहांपुर जेल में हुआ आयोजन।

राकेश यादव

लखनऊ। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत स्वाधीनता दिवस समारोह की पूर्व संन्ध्या पर शाहजहांपुर जेल में विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया।जिसका शुभारंभ सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आशुतोष तिवारी, अपर जिला मजिस्ट्रेट वित्त/राजस्व त्रिभुवन, सिटी मजिस्ट्रेट आशीष कुमार सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर व सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया।सभी मुख्य अतिथि व कवि गणों का जेल अधीक्षक मिजाजीलाल ने माल्यार्पण कर व तिरंगा पट्टी पहनाकर स्वागत किया।अपर जिला मजिस्ट्रेट महोदय द्वारा कविता पाठ भी किया-
अहेले महफिल उदास बैठे हैं, दिल्लगी की कोई बात करो।

हमारे चेहरे के दाग देखकर तंग कसते,
हमारे पास भी है आइना, दिखाए क्या ?

आमन्त्रित कविवर गणों में बरेली से ओजकवि डॉक्टर कमल कान्त तिवारी,शाहजहांपुर से श्रीमती सरिता वाजपेई ,मिर्जापुर से रामसिंह, कलान से उर्मिला सौमित्र, माधौटाअंडा से राजेंद्र किंकर, पुवायाअं से विजय तन्हा, जलालाबाद से रजनीश शर्मा ने ओज, श्रंगार, हास्य की कविता पाठ कर सबको भावविभोर कर दिया।

ओज कवि डॉक्टर कमल कान्त तिवारी-
हर जुल्म ओ जालिम को संवरने नहीें देंगे,
भारत की सर्जरी को विचरने नहीं देंगे,
ऊँचा सदा ही विश्व में झंडा मेरा रहे,
हम रंग तिरंगे के उतरने नहीं देंगे,

महिला बंदी निरुपमा व कोमल ने भी कविता पाठ कर सभी को आश्चर्यचकित व भावविभोर कर दिया। सभी बंदी 11 बजे से 4 बजे तक चले कवि सम्मेलन को एकटक सुनते रहे।तथा बहुत खुश नजर आए।