खादी भारत के स्वावलम्बन, स्वदेशी तथा सम्मान का आधार बनी: मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर गांधी आश्रम में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री ने गांधी आश्रम में अपने लिए तथा वहां उपस्थित दो बालिकाओं के लिए खादी के वस्त्र खरीदे तथा उसका कार्ड से भुगतान किया। आज देश की आजादी के महानायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पावन जयन्ती, पूरी दुनिया श्रद्धा व सम्मान के साथ उनका स्मरण करती है। आजाद भारत में बापू की प्रेरणा हम सबको नया मार्गदर्शन दे रही। भारत को दुनिया की ताकत के रूप में स्थापित करने के लिए सादगी तथा सच्चाई के साथ बापू के उपदेशों को अंगीकार करते हुए। शास्त्री जी ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया। प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में देश की बागडोर संभाली, ग्राम स्वावलम्बन के लिए जनधन खातों के माध्यम से वित्तीय समावेशन के साथ सभी व्यक्तियों को जोड़ने के लिए अभियान चलाया। दुनिया जब कोरोना महामारी से पस्त थी, तब प्रधानमंत्री जी ने देश को आत्म निर्भर भारत का मंत्र दिया। खादी भारत के स्वावलम्बन, स्वदेशी तथा सम्मान का आधार बनी। मुख्यमंत्री ने लोगों से आज के दिन खादी के किसी न किसी उत्पाद को खरीदने की अपील की,आज से अगले तीन माह तक केन्द्र व प्रदेश सरकार ने खादी पर विशेष छूट देने की घोषणाा की, इसे आवश्यकता पड़ने पर आगे बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे कार्यक्रम बापू के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार कर रहे, यह आत्मनिर्भर गांव तथा स्वावलम्बन का आधार बन रहेे। बापू के स्वप्न के साकार करने के लिए उ0प्र0 सरकार ने प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ प्रारम्भ की, यह आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने का अभियान विगत 05 वर्षों में उ0प्र0 ने ओ0डी0ओ0पी0 उत्पादों के प्रोत्साहन से निर्यात में दोगुने से अधिक वृद्धि की। ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के माध्यम से गांव के हस्तशिल्पी तथा कारीगरों को प्रोत्साहित किया जा रहा,चर्खा चलाते समय आत्म गौरव की अनुभूति हो रही थी, राज्य सरकार ने गांवों में सोलर और इलेक्ट्रिक चर्खे बांटे, इससे हमारे कारीगर तथा हस्तशिल्पी अच्छी आय अर्जित कर रहे। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत देश में बड़ा लक्ष्य प्राप्त किया गया, आज स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत मिशन का की परिणाम।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर हजरतगंज स्थित गांधी आश्रम में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती पर उनके चित्र पर भी माल्यार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने चर्खा चलाया। मुख्यमंत्री जी ने गांधी आश्रम में अपने लिए तथा वहां उपस्थित दो बालिकाओं के लिए खादी के वस्त्र खरीदे तथा उसका कार्ड से भुगतान किया। आज देश की आजादी के महानायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पावन जयन्ती है। पूरी दुनिया श्रद्धा व सम्मान के साथ उनका स्मरण करती है। सैकड़ों वर्षों की गुलामी से भारत को मुक्त कराने के लिए वकालत छोड़कर गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से भारत आये। उन्होंने हमें स्वदेशी, स्वच्छता तथा ग्राम स्वराज के मंत्र दिए। यही भारत के स्वावलम्बन का आधार बनें।भारत की आजादी की लड़ाई को स्वदेशी ने नई गति प्रदान की। बापू के नेतृत्व में उत्तर से दक्षिण तथा पूरब से पश्चिम सभी स्थानों से जुड़कर लोगों ने देश की आजादी की लड़ाई को नई ऊंचाईयां प्रदान की। उस समय कहा जाता था कि भारत से ब्रिटिश शासन का कभी अन्त नहीं होगा। बापू के नेतृत्व में स्वदेशी और स्वावलम्बन के उनके नारे के साथ जब यह लड़ाई आगे बढ़ाई गई, तो ब्रिटिश शासन का भी अन्त हो गया। आज भी आजाद भारत में बापू की प्रेरणा हम सबको नया मार्गदर्शन दे रही है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में देश की बागडोर संभाली थी। उन्होंने ग्राम स्वावलम्बन के लिए जनधन खातों के माध्यम से वित्तीय समावेशन के साथ सभी व्यक्तियों को जोड़ने के लिए अभियान चलाया था। स्वच्छ भारत मिशन, स्वस्थ भारत के साथ नारी गरिमा की रक्षा का माध्यम भी बना है। दुनिया जब कोरोना महामारी से पस्त थी, तब प्रधानमंत्री जी ने देश को आत्म निर्भर भारत का मंत्र दिया। इसका अर्थ है कि जो लोकल है, उसके लिए हम वोकल बने। अपने देश पर गौरव की अनुभूति करें। यही बापू भी कहते थे। खादी भारत के स्वावलम्बन, स्वदेशी तथा सम्मान का आधार बनी थी। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे कार्यक्रम बापू के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार कर रहे हैं। यह आत्मनिर्भर गांव तथा स्वावलम्बन का आधार बन रहेे हैं। बापू ने जो प्रेरणा दी आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केन्द्र व राज्य सरकारें कार्य कर रही हैं। प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की परिकल्पना को साकार कर रही है। बापू के स्वप्न के साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ (ओ0डी0ओ0पी0) प्रारम्भ की है। यह आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने का अभियान है।


‘ओ0डी0ओ0पी0’ स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा देती है। इसकी आत्मा स्वदेशी है। यह आत्मनिर्भर भारत का आधार बन रही है। विगत 05 वर्षों में उत्तर प्रदेश ने इन उत्पादों के प्रोत्साहन से निर्यात में दोगुने से अधिक वृद्धि की है। जो निर्यात पहले 86 से 88 हजार करोड़ रुपये का था, वह आज 01 लाख 56 हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है। इसने लाखों लोगों को आत्मनिर्भरता और स्वावलम्बन की अग्रसर किया है। ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के माध्यम से गांव के हस्तशिल्पी तथा कारीगरों को सम्मान देकर एवं उन्हें टूल किट उपलब्ध कराकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह सभी स्वदेशी एवं स्वावलम्बन का ही भाग है। उन्होंने कहा कि आज से अगले तीन माह तक केन्द्र व प्रदेश सरकार ने खादी पर विशेष छूट देने की घोषणाा की है। इसे आवश्यकता पड़ने पर आगे बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों तथा अन्य लोगों से आज के दिन खादी के किसी न किसी उत्पाद को खरीदने की अपील करते हुए कहा कि खादी के माध्यम से बापू को श्रद्धांजलि अर्पित करें।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के कार्यक्रम में चर्खा चलाते समय उन्हें आत्म गौरव की अनुभूति हो रही थी। राज्य सरकार ने गांवों में सोलर और इलेक्ट्रिक चर्खे बांटे हैं। इससे हमारे कारीगर तथा हस्तशिल्पी अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। अगर घर-घर में यह स्थापित हो जाएं तो सभी माता-बहनों को अपने घर गृहस्थी के कार्य के साथ ही, इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत देश में बड़ा लक्ष्य प्राप्त किया गया है। आज स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत मिशन का की परिणाम है। पहले इस मौसम में अलग-अलग स्थानों पर इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, कालाजार तथा चिकनगुनिया जैसी बीमारियां हजारो लोगों को निगल लेती थी। स्वच्छ भारत मिशन के परिणाम स्वरूप यह बीमारियां बहुत कम हुई है। स्वच्छ भारत मिशन राष्ट्रीय क्षति को बचाने का माध्यम बना है।


आज हम सबके लिए एक और नई प्रेरणा का दिन है। बापू के अनन्य अनुयायी, आत्मनिर्भर भारत तथा स्वावलम्बी भारत के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री श्रद्धेय लाल बहादुर शास्त्री जी की भी आज पावन जयन्ती है। आज पूरा देश भारत माता के महान सपूत को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।मुख्यमंत्री ने श्रद्धेय शास्त्री जी की जयन्ती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश की आजादी की लड़ाई में अथवा स्वतंत्र भारत की राजनीति में विभिन्न पदों का उत्तरदायित्वपूर्ण निर्वहन करते हुए ईमानदारी व निष्ठा के साथ कार्य किया। भारत को दुनिया की ताकत के रूप में स्थापित करने के लिए सादगी तथा सच्चाई के साथ बापू के उपदेशों को अंगीकार करते हुए शास्त्री जी ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया। जब 1965 का युद्ध थोपा गया, तो उनके नेतृत्व में शत्रुओं के छक्के छुड़ा दिये गये।


मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से महात्मा गांधी तथा श्रद्धेय लाल बहादुर शास्त्री से प्रेरणा प्राप्त करते हुए देश को दुनिया की महानतम शक्ति के रूप में स्थापित करने तथा आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए योगदान देने की अपील की। उन्होंने गांधी आश्रम परिवार को इस कार्यक्रम के लिए बधाई देतेे हुए कहा कि राज्य सरकार उनके प्रोत्साहन के लिए हर सम्भव सहयोग करेगी।इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, मत्स्य मंत्री संजय निषाद, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख एवं जनप्रतिनिधिगण, सलाहकार मुख्यमंत्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0, निर्यात संवर्धन, हथकरघा तथा खादी एवं ग्रामोद्योग अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद सहित वरिष्ठ अधिकारी तथा गांधी आश्रम के कर्मचारी उपस्थित थे।