जानें इत्र कारोबार में 280 करोड़… की बदबू कहाँ से आयी…!

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कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे हिरासत में लेकर यहां सर्वोदय नगर स्थित जीएसटी कार्यालय में रखा गया था। उसके यहां जीएसटी इंटेलीजेंस महानिदेशालय अहमदाबाद की टीम की जांच में रविवार रात तक करीब 104 घंटे पूरे हो गए हैं। कानपुर के आनंदपुरी स्थित आवास के बाद उसके कन्नौज स्थित पैतृक घरों में भी नोटों का जखीरा मिल रहा है। दोपहर तक 23 करोड़ और मिलने की सूचना है। इस तरह कन्नौज में बरामदगी 103 करोड़ रुपये हो गई है। वहीं, कानपुर के 177 करोड़ मिलाकर अब तक 280 करोड़ की बरामदगी हुई है। हालांकि, इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं है। कारोबारी के दोनों बेटे भी हिरासत में हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) के इतिहास की इस सबसे बड़ी नकदी बरामदगी के आंकड़े अभी और बढ़ेंगे। 

उत्तर प्रदेश में कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन को टैक्स चोरी के आरोप में कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है।जीएसटी इंटेलिजेंस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।आरोपी को आगे की कार्रवाई के लिए कानपुर से अहमदाबाद ले जाने की संभावना है।अब तक की छापेमारी के दौरान उनके पास से 257 करोड़ कैश और जूलरी बरामद की गई है। 

   इत्र कारोबारी के घर के ठीक सामने पार्क है और उसके सभी तरफ मकान हैं। कुछ लोगों का कहना है कि सामान्य तौर पर पीयूष जैन आते थे तो अपनी कार से घर के बाहर ही उतर जाते थे। कार को सामान्य तौर पर गेट के बाहर सड़क पर ही खड़ा रहने दिया जाता था। आनंदपुरी जैसे क्षेत्र में वैसे भी रात में लगभग सभी लोगों की कारें घर के बाहर सड़क पर खड़ी रहती हैं, क्योंकि पूरा परिसर सुरक्षित होने से सभी लोग सुरक्षा को लेकर पूरी तरह आश्वस्त रहते हैं। 

पीयूष के यहां जीएसटी इंटेलीजेंस महानिदेशालय अहमदाबाद की टीम की जांच के रविवार रात तक करीब 104 घंटे पूरे हो गए हैं। कानपुर के आनंदपुरी स्थित आवास के बाद उसके कन्नौज स्थित पैतृक घरों में भी नोटों का जखीरा मिल रहा है। यहां दीवारों और फर्श की सुरक्षित खोदाई के लिए अब आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआइ) की टीम की मदद ली जा रही है। अकूत संपदा को लेकर टीम ने दीवारों, फर्श, तहखाना व सुरंगनुमा अलमारियों की पैमाइश की है। कंक्रीट की दीवार के साथ खड़ी की गई प्लाई की दीवार तोडऩे पर नोटों का जखीरा निकला है। सुरंगनुमा अलमारी में भी नोटों के बंडल प्लास्टिक की बोरियों में दिखे हैं, जिन पर कागज के बाद ऊपर से पीले टेप लगे हैं। सोने-चांदी के आभूषण, ड्रमों में संदल आयल व केमिकल भी मिला है। मुख्य पैतृक आवास में स्थानीय बैंक के कई कर्मी चार मशीनों से नोट गिन रहे हैं। 

आनंदपुरी जैसे पाश इलाके में रात के अंधेरे में अक्सर गैरकानूनी गतिविधियां होती थीं। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक, रात में देर तक टहलने वालों को अक्सर पीयूष जैन के घर कार से गत्तों के कार्टून उतरते दिखते थे। ये गत्ते इतने बड़े होते थे कि कार की डिक्की में आ जाएं। मोहल्ले के लोगों को लगता था कि उनके कारोबार का कोई माल आया होगा, लेकिन कभी इतने बड़े गत्ते वापस बाहर जाते नहीं देखे। इसलिए अब लोगों को लग रहा है कि इनमें नोटों की गड्डियां आती रहीं होंगी। 

 इत्र कारोबारी  पीयूष जैन के घर में 177 करोड़ रुपये की गड्डियां यूं ही एकत्र नहीं हो गईं। रात के अंधेरे में गत्ते के कार्टून में रखकर नोटों की गड्डियां कार से लाई जाती थीं। कार को यूं तो सामान्य तौर पर गेट के बाहर रखा जाता था, लेकिन जब भी नोटों के बंडल लाते थे तो उसे सीधे अंदर ले जाकर गेट बंद कर लिया जाता था। कार खड़ी करने के इन तरीकों से ही अब आसपास के लोग ये अंदाजा लगा रहे हैं। ट्रिप्लेक्स मकान, उसमें सबसे ऊपर स्वीमिंग पूल होने के बावजूद पीयूष (Piyush Jain) कभी घर के अंदर किसी को नहीं बुलाते थे।