गरीबों के मुफ्त राशन से पेट भर रहे कोटेदार..!

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  • मोदी योगी सरकार की योजना पर पलीता लगा रहे अफसर….!
  • गरीबों के मुफ्त राशन से कोटेदार भर रहे पेट….!


कुमार राकेश


लखनऊ। देश एवं प्रदेश की मुफ्त राशन वितरण की योजना पर अधिकारी पलीता लगा रहे है। इस योजना से गरीबों का पेट भरे या न भरे लेकिन कोटेदारों को पेट जरूर भर रहा है। कोटेदार गरीबों को मुफ्त वितरित किए जाने वाले राशन के लिए भी पैसे वसूल किया जा रहे है। गरीबी रेखा से नीचे के कार्डधारकों से कोटेदार राशन के ट्रांसपोट्र व लेबर के नाम पर प्रतिकार्ड 20 रुपये खुले आम वसूल कर रहे है। यह सच राजधानी के कई सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर आसानी से देखा जा सकता है।


मामला प्राधिकरण की कानपुर रोड योजना की आशियाना एवं एलडीए कालोनी की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में देखा गया है। एलडीए सेक्टर-एच स्थित सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के कार्डधारकों का कहना है कि माह में दो बार राशन वितरित किया जाता है। एक बार राशन पैसा लेकर दिया जाता है दूसरी बार का राशन मु$फ्त दिए जाने की व्यवस्था है। कार्डधारकों का आरोप है कि मुफ्त राशन वितरण करने के दौरान कोटेदार ट्रांसपोटेशन व मजदूर के खर्च की बात कहकर खुलआमें राशन के लिए प्रत्येक कार्डधारक से 20 रुपए प्रतिकार्ड मांगते है। पैसा नहीं देने पर कई कार्डधारकों को वापस तक दिया जाता है।

शिकायत नहीं सुनते डीएसओ….! कोटेदारों की घटतौली व अवैध वसूली को लेकर जब राजधानी के जिलापूर्ति अधिकारी (डीएसओ) सुनील सिंह का कहना है कि कोटदारों को मुफ्त राशन वितरण के दौरान किसी भी प्रकार से पैसा लिया जाना अवैध है। उन्होंने बताया कि उन्हें जो शिकायत मिलती है उस पर कार्यवाही की जाती है। कार्डधारकों का आरोप है कि शिकायतों को सुना ही नहीं जाता है।


इसी प्रकार आशियात्रा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भदरुख एवं तोंदेखेड़ा गांव की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में जमकर धांधली की जा रही है। भदरुख गांव के निवासी कार्डधारको का आरोप है कि कोटेदार के कोटेदार जमकर घटतौली कर रहा है। 10 किलो गेहूं और पांच किलों चावल की मापतौल कराने पर वह काफी कम निकलता है। इसकी शिकायत करने पर कोटेदार कार्डधारकों से अभद्रता-गाली गलौच पर उतारू हो जाता है। इसकी शिकायत एआरओ तक से की गई लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। इन इलाकों में भी मुफ्त राशन वितरण के लिए वसूली की जा रही है। यह हाल सिर्फ इन्हीं क्षेत्रों का नहीं है राजधानी के अधिकांश क्षेत्रों में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों के कोटेदार मुफ्त राशन के नाम पर खुलेआम वसूली कर रहे हैं। हकीकत यह है कि बेलगाम कोटेदारों पर विभागीय अफसर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।