विगत वर्ष क्रय केन्द्रों की संख्या से अधिक क्रय केन्द्र खोले जाएं-मुख्यमंत्री

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धान क्रय केन्द्रों के सम्बन्ध में मण्डलायुक्त तथा जिलाधिकारी के स्तर पर समीक्षाएं की जाएं, विगत वर्ष क्रय केन्द्रों की संख्या से अधिक क्रय केन्द्र खोले जाएं, इस सम्बन्ध में जनप्रतिनिधियों से समन्वय कर लिया जाए,आवश्यकतानुसार क्रय केन्द्रों की संख्या तथा मानव संसाधन बढ़ाए जाएं।प्रत्येक गो-आश्रय स्थल में चारे, भूसे और पेयजल आदि कीउपलब्धता सहित आश्रय स्थलों में साफ-सफाई की व्यवस्था की जाए।पर्वों एवं त्योहारों के दौरान मिठाई, खाद्य सामग्री आदि मेंमिलावट सहित कालाबाजारी व जमाखोरी की स्थिति में छापे की कार्यवाही कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।विगत दिवसों में अतिवृष्टि से प्रदेश में फसलों के नुकसान का आकलन कर शासन को रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाए,इस सम्बन्ध में राजस्व, कृषि विभाग तथा जिला प्रशासन समीक्षा करें।पूर्वदशम् तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना की पात्रता श्रेणी में आने वालेसभी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति उनके खातों में भेजनी सुनिश्चित की जाएधान खरीद, गड्ढा मुक्ति अभियान, निराश्रित गो-आश्रय स्थल,विद्युत आपूर्ति, स्वच्छता व सैनिटाइजेशन, शासकीय वजन कल्याणकारी योजनाओं आदि के सम्बन्ध में भी समीक्षा। 

खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए धान की खरीद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों में 01 अक्टूबर, 2021 से प्रारम्भ हो गयी है। धान क्रय केन्द्रों के सम्बन्ध में मण्डलायुक्त तथा जिलाधिकारी के स्तर पर समीक्षाएं की जाएं। विगत वर्ष क्रय केन्द्रों की संख्या से अधिक क्रय केन्द्र खोले जाएं। इस सम्बन्ध में जनप्रतिनिधियों से समन्वय कर लिया जाए। आवश्यकतानुसार क्रय केन्द्रों की संख्या तथा मानव संसाधन बढ़ाए जाएं। खरीद के लिए धनराशि की व्यवस्था कर दी गई है। बिचौलियों व आढ़तियों पर अंकुश लगाया जाए।  लघु और सीमान्त किसानों से प्राथमिकता के आधार पर धान खरीद सुनिश्चित की जाए। किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। वे अपनी उपज आसानी से विक्रय कर सकें। क्रय केन्द्रों में साफ-सफाई, बैठने की उचित व्यवस्था हो। प्रत्येक केन्द्र के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए जाए। राइस मिलर्स के साथ भी संवाद स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगे। पराली को निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में पहुंचाने से चारे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी और प्रदूषण पर भी रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गो-आश्रय स्थल में चारे, भूसे और पेयजल आदि की उपलब्धता सहित आश्रय स्थलों में साफ-सफाई की व्यवस्था की जाए। निराश्रित गोवंश के पालन-पोषण के सम्बन्ध में दी जा रही धनराशि के भुगतान में किसी भी प्रकार की शिथिलता या विलम्ब न हो। गोवंश की चिकित्सा में भी लापरवाही न बरती जाए। इस सभी के सम्बन्ध में निरन्तर समीक्षा हो। सी0एस0आर0 के माध्यम से गो-आश्रय स्थलों को स्वावलम्बी बनाए जाने की सम्भावनाओं पर भी कार्यवाही की जाए। दालों तथा खाद्य तेलों की कालाबाजारी व जमाखोरी पर अंकुश लगाया जाए। मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण हो। पर्वों एवं त्योहारों के दौरान मिठाई, खाद्य सामग्री आदि में मिलावट सहित कालाबाजारी व जमाखोरी की स्थिति में छापे की कार्यवाही कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। 

विगत दिवसों में अतिवृष्टि से प्रदेश के जिन क्षेत्रों में फसलों का नुकसान हुआ है, उनका आकलन कर शासन को रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाए। इस सम्बन्ध में राजस्व, कृषि विभाग तथा जिला प्रशासन समीक्षा करें। पूर्वदशम् तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना की पात्रता श्रेणी में आने वाले सभी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति उनके खातों में भेजनी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं को समय व गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण कराया जाए। मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी योजनाओं के सम्बन्ध में टाइमलाइन निर्धारित करते हुए निरन्तर समीक्षा करें। किसी भी स्तर पर शिथिलता या लापरवाही पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।