लता दीदी के स्वर युगों-युगों तक देश के कण-कण को जोड़े रखेंगेप्रधानमंत्री

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मुख्यमंत्री द्वारा जनपद अयोध्या में भारत रत्न लता मंगेशकर चौक के लोकार्पण अवसर पर प्रधानमंत्री का वीडियो संदेश लता जी मां सरस्वती की ऐसी साधिका थीं, जिन्होंने पूरे विश्व को अपने दिव्य स्वरों से अभिभूत कर दिया। प्रधानमंत्री ने लता मंगेशकर चौक के लिए मुख्यमंत्री, अयोध्या विकास प्राधिकरण तथा अयोध्या की जनता का अभिनन्दन किया। भारत रत्न लता मंगेशकर चौक परिसर में सरोवर के प्रवाहमय जल में संगमरमर से बने 92 श्वेत कमल लता जी की जीवन अवधि को दर्शा रहे। अयोध्या का लता मंगेशकर चौक और उनसे जुड़ी सभी स्मृतियां हमें देश के प्रति कर्तव्य का बोध कराएंगी। प्रभु राम हमारी सभ्यता के प्रतीक पुरुष, आज जिस तेज गति से भव्य राम मन्दिर का निर्माण हो रहा, यह अपनी विरासत पर गर्व के साथ ही इसकी पुनःप्रतिष्ठा भी लता मंगेशकर चौक भारत की जड़ों से जुड़े रहकर आधुनिकता की ओर बढ़ते हुए भारत की कला और संस्कृति को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाने की प्रेरणा प्रदान करेगा।

अयोध्या/लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज श्रद्धेय और स्नेहमूर्ति लता मंगेशकर जी का जन्मदिवस है। आज नवरात्रि का तीसरा दिन मां चन्द्रघण्टा की साधना का पर्व भी है। कहते हैं कि जब कोई साधक या साधिका कठोर साधना करता है, तो मां चन्द्रघण्टा की कृपा से उसे दिव्य स्वरों की अनुभूति होती है। लता जी मां सरस्वती की ऐसी साधिका थीं, जिन्होंने पूरे विश्व को अपने दिव्य स्वरों से अभिभूत कर दिया। अयोध्या में लता मंगेशकर चौक पर स्थापित की गयी मां सरस्वती की विशाल वीणा, संगीत की साधना का प्रतीक बनेगी।ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आज जनपद अयोध्या में सुर साम्राज्ञी भारत रत्न सुश्री लता मंगेशकर चौक का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी का वीडियो संदेश प्रसारित किया गया।


वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने भारत रत्न लता जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत रत्न सुश्री लता मंगेशकर चौक परिसर में सरोवर के प्रवाहमय जल में संगमरमर से बने 92 श्वेत कमल लता जी की जीवन अवधि को दर्शा रहे हैं। उन्होंने इस अभिनव प्रयास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अयोध्या विकास प्राधिकरण तथा अयोध्या की जनता का अभिनन्दन किया। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उनके साथ लता दीदी से जुड़ी हुई अनेक भावुक और स्नेहिल स्मृतियां हैं। लता दीदी कहती थीं कि मनुष्य उम्र से नहीं कर्म से बड़ा होता है। जो देश के लिए जितना ज्यादा करे, उतना ही बड़ा होता है। अयोध्या का यह सुश्री लता मंगेशकर चौक और उनसे जुड़ी सभी स्मृतियां हमें देश के प्रति कर्तव्य का बोध कराएंगी। अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण को लेकर वे बहुत भावुक, खुश और आनन्दित थीं।प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रभु राम हमारी सभ्यता के प्रतीक पुरुष हैं। राम हमारी नैतिकता, मूल्यों, मर्यादा तथा कर्तव्यों के जीवन आदर्श हैं। अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक राम भारत के कण-कण में समाये हुए हैं। भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से आज जिस तेज गति से भव्य राम मन्दिर का निर्माण हो रहा है, उसकी तस्वीरें पूरे देश को रोमान्चित कर रही हैं। यह अपनी विरासत पर गर्व के साथ ही इसकी पुनःप्रतिष्ठा भी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या ने इतने युगों के बाद भी भगवान श्रीराम को हमारे मन में साकार रखा है। वैसे ही लता दीदी के भजनों ने हमारे अन्तर्मन को राममय बनाये रखा है। मानस का मंत्र ‘श्रीराम चन्द्र कृपालु भजमन’, मीराबाई का ‘पायो जी मैंने राम रतन धन पायो’, बापू का प्रिय वैष्णव भजन या फिर जन-जन के मन में उतर चुका ‘तुम आशा विश्वास हमारे राम’ ऐसे मधुर गीत लता जी की आवाज में सुनकर अनेक देशवासियों ने भगवान श्रीराम के दर्शन किये हैं। लता दीदी के स्वरों की दैवीय मधुरता से राम के अलौकिक माधुर्य को अनुभव किया है। लता जी द्वारा उच्चारित मंत्रों तथा भजनों में केवल उनका कंठ ही नहीं, बल्कि उनकी आस्था, आध्यात्मिकता और पवित्रता भी गूंजती है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि लता दीदी की आवाज में आज भी वन्देमातरम् का आह्वान सुनकर हमारी आंखों के सामने भारत माता का विराट स्वरूप नजर आने लगता है। लता दीदी हमेशा नागरिक कर्तव्यों को लेकर सजग रहीं। यह चौक भी अयोध्या में रहने वाले तथा अयोध्या आने वाले लोगों को कर्तव्यपरायणता की प्रेरणा देगा। यह चौक हमारे देश में कला जगत से जुड़े लोगों के लिए प्रेरणास्थली का कार्य करेगा। यह भारत की जड़ों से जुड़े रहकर आधुनिकता की ओर बढ़ते हुए भारत की कला और संस्कृति को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाने की प्रेरणा प्रदान करेगा। भारत के कला जगत के हर साधक को लता मंगेशकर चौक से सीखने को बहुत कुछ मिलेगा। लता दीदी के स्वर युगों-युगों तक देश के कण-कण को जोड़े रखेंगे। प्रधानमंत्री जी ने सभी अयोध्या वासियों से राम मन्दिर निर्माण के साथ ही अयोध्या को भव्य, सुन्दर तथा स्वच्छ बनाने के लिए तैयारी करने की अपेक्षा की। जब कोई भी यात्री आएगा तो राम मन्दिर की श्रद्धा के साथ-साथ अयोध्या की व्यवस्था, भव्यता तथा मेहमान-नवाजी को अनुभव करके जाएगा।