औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति करें

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मुख्यमंत्री ने प्रदेश की नवीन टाउनशिप नीति-2022 के सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। शहरों के नियोजित एवं सुस्थिर विकास के लिए आवास एवं उससे संबद्ध अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता आवश्यक। विगत साढ़े पांच वर्ष में प्रदेश में सुनियोजित शहरीकरण तेजी से बढ़ा, भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत इसे और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। निवेशकों को भूमि की उपलब्धता आसानी से हो सके, इसके लिए भूमि जुटाव की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना आवश्यक। भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को और अधिक सरल किया जाए। विभिन्न स्वीकृतियों व अनापत्तियों हेतु सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की जाए। राज्य सरकार का प्रयास है कि समाज के प्रत्येक परिवार को उसकी आर्थिक क्षमतानुसार आवास की सुविधा उपलब्ध हो सके। ग्राहकों के साथ-साथ भू-स्वामियों एवं किसानों के हितों का संरक्षण भी सुनिश्चित किया जाए। प्रोजेक्ट की स्वीकृति के साथ ही उसकी पूर्णता की समय-सीमा भी तय की जाए। नवीन शहरों के स्थापना के लिए अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया, विकास प्राधिकरणों को इनसे प्रेरणा लेकर अपनी कार्यशैली को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए। जनपद गौतमबुद्धनगर के तीनों औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में रिक्त सभी पदों पर तत्काल नियुक्ति की जाए। प्रत्येक विकास प्राधिकरण द्वारा अपने क्षेत्र में एक सर्वसुविधायुक्त कन्वेंशन सेण्टर तैयार किया जाए।


 लखनऊ।
मुख्यमंत्री प्रदेश की नवीन टाउनशिप नीति-2022 के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने नवीन नीति को अंतिम रूप देने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवास निर्माण के लिए भूमि पहली आवश्यकता है। निवेशकों को भूमि की उपलब्धता आसानी से हो सके, इसके लिए भूमि जुटाव की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना आवश्यक है। भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को और अधिक सरल किया जाए। पूर्व के अनुभवों को देखते हुए विभिन्न स्वीकृतियों व अनापत्तियों हेतु सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों के नियोजित एवं सुस्थिर विकास के लिए आवास एवं उससे संबद्ध अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता आवश्यक है। विगत साढ़े पांच वर्ष में प्रदेश में सुनियोजित शहरीकरण तेजी से बढ़ा है। भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत इसे और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में निम्न एवं मध्यम आय वर्ग हेतु अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग सर्वाधिक है, जिसकी पूर्ति में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में निजी पूंजी निवेश के माध्यम से सुनियोजित नगरीय विकास को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य की जरूरतों के अनुसार नई टाउनशिप नीति तैयार की जाए।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भूमि का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित किये जाने हेतु ‘वर्टिकल डेवलपमेंट’ को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। टाउनशिप का न्यूनतम क्षेत्रफल 25 एकड़ तक किया जाना चाहिए। 50 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल की परियोजना में लीड मेम्बर की रियल एस्टेट में अनुभव की अनिवार्यता का प्रावधान किया जाए। राज्य सरकार का प्रयास है कि समाज के प्रत्येक परिवार को उसकी आर्थिक क्षमतानुसार आवास की सुविधा उपलब्ध हो सके। यह भी आवश्यक है कि ग्राहकों के साथ-साथ भू-स्वामियों एवं किसानों के हितों का संरक्षण भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट की स्वीकृति के साथ ही उसकी पूर्णता की समय-सीमा भी तय की जाए। यह समय-सीमा सुस्पष्ट हो व सभी के लिए बाध्यकारी हो। योजना की शुरुआत के समय कुल परियोजना क्षेत्रफल की न्यूनतम भूमि के सम्बन्ध में स्पष्ट प्रावधान हो।

विगत दिनों शासन स्तर पर विभिन्न नगरीय निकायों की सीमा विस्तार की कार्यवाही हुई है, साथ ही कई नए नगरीय निकाय भी गठित हुए हैं। भविष्य के दृष्टिगत हमें नए शहरों के स्थापना-विकास की दिशा में नियोजित प्रयास करना होगा। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में नवीन शहरों के स्थापना के लिए अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि हाल के समय में हमारे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है। विकास प्राधिकरणों को इनसे प्रेरणा लेकर अपनी कार्यशैली को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए। जनपद गौतमबुद्धनगर के तीनों औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में रिक्त सभी पदों पर तत्काल नियुक्ति की जाए। प्रदेश के प्रत्येक विकास प्राधिकरण द्वारा अपने क्षेत्र में एक सर्वसुविधायुक्त कन्वेंशन सेण्टर तैयार किया जाए। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता के साथ किया जाना चाहिए। सभी विकास प्राधिकरण इस सम्बन्ध में अपनी योजना तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत करें।