सरकारी आधिपत्य से मुक्त हो मंदिर-मिलिन्द

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आज विहिप् के प्रान्त कार्यालय श्री राम भवन में केंद्रीय महामंत्री विश्व हिन्दू परिषद मिलिन्द ने प्रेस वार्ता में कहा कि विश्व हिन्दू परिषद गीता जयंती (14 दिसम्बर)के दिन पूरे देश मे शौर्य दिवस के रूप मनाएगी । गीता जयंती का कार्यक्रम विश्व हिन्दू परिषद के सात राष्ट्रीय कार्यक्रम में से एक है । धर्मांतरण पर संसद में कानून बने इसके लिए सम्पूर्ण देश के सांसदों से मिलने का दिल्ली में विशेष सम्पर्क अभियान 29 नवम्बर से 13 दिसम्बर तक चल रहा है । पूरे देश के मंदिर सरकारी आधिपत्य से मुक्त हो यही विश्व हिन्दू परिषद का मत है इसके लिए जनजागरण यदि आवश्यकता हुई तो आंदोलन भी करेंगे ।

 “मंदिरों के दान का उपयोग हिंदू संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए होना चाहिए। कई सरकारों द्वारा मंदिरों पर कब्जा कर भारतीय संस्कृति को समाप्त करने की साजिश रची जा रही है। कई मंदिरों में तो पूजा-पाठ तक ठीक से नहीं हो रहा है। इसके लिए समाज के लोगों को आगे आकर सरकारों पर दबाव बनाना चाहिए कि वे मंदिरों के संचालन की जिम्मेदारी समाज को सौंपें। श्रद्धालु ही मंदिरों का प्रबंधन करें।”

मिलिंद परांडे ने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा मनमाने ढंग से मंदिरों की सम्पत्तियों का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही पूछा कि क्या इसीलिए हिन्दू चढ़ावा देते हैं? उन्होंने दूसरे धर्मों-सम्प्रदायों के धार्मिक स्थलों की बात करते हुए कहा कि वहाँ वो लोग खुद उनका प्रबंधन करते हैं। साथ ही सवाल दागा कि फिर हिन्दुओं के लिए ही इस तरह की बंदिश क्यों? हिन्दुओं द्वारा मंदिर को दिए गए धन पर सरकार का अधिकार नहीं होना चाहिए।

स्वामी श्रद्धानन्द जी ने प्रयासपूर्वक हजारों ईसाई ,मुसलमानो का मत परिवर्तन कर उन्हें हिन्दू धर्म मे स्वीकारा उनके इस अतुलनीय योगदान के लिए 23 दिसम्बर को स्वामी श्रद्धानन्द बलिदान दिवस धर्म रक्षा दिवस के रूप में सम्पूर्ण देश मे मनाएगे जो विहिप् के सात केन्द्रीय कार्यक्रम में से एक है ।जो भी व्यक्ति हिन्दू धर्म को अपनाना चाहे उन सभी का स्वागत है । विश्व हिन्दू परिषद का मत है हिन्दू हित ही देश हित है इसलिए केंद्र व राज्य की सत्ता में ऐसे ही दल बैठे जो हिन्दू हित का ध्यान रखे इसलिए सभी को मतदान का कर्तव्य निभाना चाहिए और हिन्दू हित का विचार करने वाले दलों को जिताना चाहिए।